शशि साधना ( Nymph Shashi
Practice )
हर व्यक्ति अपने बचपन में अपने बड़े बुजुर्गों से कुछ मजेदार कहानियाँ सुनता है, कुछ घर में वेदों और पुराणों का रोजाना पाठ होता है, तो कोई बचपन से ही ऐसे माहौल में पलता बढ़ता है जहाँ उसे रोमांचित कर देने वाली
कथायें सुनने को मिलती है. इन सभी जगह एक बात समान होती है और वो है सुन्दर परियां, आकर्षक लडकियाँ और मनमोहिनी अप्सरायें. ये अप्सरायें इतनी आकर्षक होती है कि
किसी को भी अपनी सुंदरता के वश में करने की क्षमता रखती है. साथ ही इनमें कुछ ऐसी
शक्तियाँ भी होती है जिन्हें हम कहानी में जादू का नाम दे देते है. CLICK HERE TO KNOW इच्छापूर्ति के लिए अप्सरा साधना ...
Shashi Divya Apsara Saadhna |
कर्तव्यनिष्ठ अप्सरायें ( Conscientious Apsarayen ) :
माना जाता है कि अप्सरायें स्वर्ग में निवास करती है और इनकी कुल संख्या 108
है. ये इंद्र देव की सभा दरबार में नृत्य करती है और उनके आदेशों का पालन करती है.
इंद्र देव को जब भी अपने सिंहासन पर कोई ख़तरा नजर आता है तो वो इन्ही अप्सराओं की
मदद से राक्षसों, ऋषि मुनियों इत्यादि
की तपस्या भंग करने की कोशिश करते है. उनकी आज्ञा का पालन करने के लिये ये
अप्सरायें अपना पूरा प्रयास करती है और अधिकतर सफल ही होती है. इसका उन्हें
दुष्परिणाम जैसे शाप इत्यादि भी झेलना पड़ता है किन्तु फिर भी ये अपने स्वामी की
आज्ञा का उलंघन नहीं करती और यही इनको ख़ास बनाता है.
अप्सरा प्रेम का प्रतिक ( Apsara the Symbol of Love ) :
एक तरह से देखा जाएँ तो अप्सरायें प्रेम का प्रतिक होती है. इनका रूप, इनकी दिव्यता, इनका बोलने चलने का
तरीका, इनकी सत्यनिष्ठा इत्यादि
सभी इनके प्रेम को ही दर्शाता है. जब भी व्यक्ति अपनी उलझनों में परेशान रहता है
या घर के क्लेशों में फंसा रहता है तो वो कहीं ना कहीं दिव्यता को खोजता रहता है.
उनकी यही खोज ये अप्सरायें पूरा करती है और जब व्यक्ति इन साबर साधनाओं को करके
किसी अप्सरा को सत्य व शुद्ध भावना से प्राप्त करता है तो वो अप्सरा उनके जीवन के
सारे दुखों को दूर कर देती है. ऐसी ही एक साधना है जिसे शशि दिव्य साधना के नाम से
जाना जाता है. इसके नाम से आप समझ सकते है कि ये किस अप्सरा के बारे में है. तो
आइये जानते है कि शशि दिव्य साधना को किस प्रकार किया जाता है और इसके क्या नियम
है. CLICK HERE TO KNOW रम्भा अप्सरा साधना ...
शशि दिव्य अप्सरा साधना |
शशि साधना समय ( Right Time for Shashi Saadhnaa ) :
दिन ( Day ) : शुक्रवार, इस साधना के आरम्भ के लिए शुक्रवार को सबसे उचित समय माना जाता है.
प्राम्भ समय ( Starting Time ) : रात 10 बजे, इसे रोजाना रात के 10 बजे ही आरम्भ करें.
अवधि ( Period ) : 8 दिन, ये साधना लगातार 8 दिनों तक करनी है.
सामग्री ( Materials
Required ) :
· शशि दिव्या
यन्त्र
· हकिक माला
· गुलाब के फुल
· पात्र जैसेकि प्लेट
इत्यादि
· इत्र
· धुप
· आसन
विधि ( Process ) :
इस साधना को आरंभ करने से पहले जरूरी है कि आप खुद को पूर्ण तरह से शुद्ध कर
लें और स्नान करके अच्छे कपडे पहने. उसके बाद आप उस कमरे में जाएँ जहाँ आप साधना
करने वालें है. आप कमरे में धुप लगाकर कमरे को खुशबूदार करें. अगर आप इत्र
इस्तेमाल करते है तो आप अपने वस्त्रों पर कोई आकर्षक महक वाला इत्र भी छिडकें.
उसके बाद ही आप आसन को ग्रहण करें और हकिक माला को हाथ में पकड़ लें. साथ ही ध्यान
रहे कि आपका मुख उत्तर दिशा की तरफ हो.
अब आप 51 बार हकिक की माला का जाप निम्न मंत्र को बोलते हुए करें. ध्यान रहें
कि आपको रोजाना इतनी बार ही इस मंत्र को जपना है और पूजा के समय रोजाना आपके पास
गुलाब की दो मालायें होना भी बहुत आवश्यक है.
Divine Apsara Shashi
Practice
|
मंत्र ( Mantra ) :
ॐ ह्लीँ आगच्छा गच्छ शशि दिव्य अप्सरायैँ नमः॥
जिस दिन आपकी साधना पूर्ण हो जायेगी तो उस दिन शशि अप्सरा आपके सामने प्रकट
होगी तब आपको गुलाब की एक माला उन्हें पहनानी है. दूसरी माला को वो अप्सरा आपको
पहनायेगी. आप अपनी भावनाओं पर काबू रखें और उनको पूर्ण आदर दें. इसके बाद आप उनके
सामने अपनी इच्छा जाहिर करें और आशीर्वाद या वरदान के रूप में मांग लें.
कुछ लोगों का मानना होता है कि कलयुग में अप्सरा साधना वगरह व्यर्थ है किन्तु
ये सत्य नहीं है. हर जगह शक्तियाँ विराजमान होती है बस थोडा सा प्रयास और मेहनत
आपको आपकी खोज को पूरा करने में मदद करता है. साथ ही आपकी साधना के सफल होने के
बाद आपके जीवन से सभी दुःख व समस्यायें दूर हो जाती है. तो आप नकारात्मकता को छोड़
सकारात्मकता को अपनाएँ.
शशि अप्सरा साधना करने की विधि, नियम या समय के बारे
में अधिक जानने के लिए या किसी अन्य सहायता के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके
जानकारी हासिल कर सकते हो.
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- तलवों का दर्द मिटायें बोतल मसाज
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आदरणीय,
ReplyDeleteमेरा निवेधन है की कृपया मुझे इस शशि अप्सरा साधना की पूरी जानकारी दे । शुरू से अंत तक । आप का बहुत बहुत आभार ।
धन्यवाद
आदरणीय,
ReplyDeleteमेरा निवेधन है की कृपया मुझे इस शशि अप्सरा साधना की पूरी जानकारी दे । शुरू से अंत तक । आप का बहुत बहुत आभार ।
धन्यवाद
Kheerthi Ji,
Deleteपोस्ट में शशि अप्सरा साधना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी है, आप उसके अलावा क्या जानना चाहते है स्पष्ट बतायें.
संपर्क के लिए धन्यवाद
जागरण टुडे टीम
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteकृपया करके मुझे मदनाक्षी अप्सरा साधना की सम्पूर्ण विधि और इसकी विशेषताओं का उल्लेख करें तो बड़ी कृपया करें
ReplyDeleteMain pratidin jo do gulab ki mala leke bathunga, US do gulab ki mala kya karunga?
ReplyDeleteMain pratidin jo do gulab ki mala leke bathunga, US do gulab ki mala kya karunga?
ReplyDeleteHar roj nayi mala lani hai,aur shaahi yantra kahan se milta hai plz guru ji btae
ReplyDeleteSab Jhooti Baatan hai net per bataye gai koi bhi sadhna safal nahi hoti kyonki Ye Sab copy ki hui jaankari hoti hai Ye Sab such hai Iska koi proof hai kya
ReplyDeleteGuru JI pranam mai aapse deksha lekar sadhna karna chahata hu kaise aap ke Marg darshan honge
ReplyDeleteशशी दिव्य अप्सरा साधना /यंत्र व सफेद हकीक माला प्राइस क्या है
ReplyDeleteAdarniy mahoday, kripaya Yantra design share Kare.
ReplyDeleteSashi devya Apsra yantra kesa hota he. Or muje wo yantra kha mill sakta he. Please yah jankari deve.
ReplyDeleteइस साधना में दीपक जलाना अनिवार्य है अथवा नहीं?
ReplyDeleteकृपया इस साधना में ध्यान, विनियोग, न्यास एवं मुद्राओं की भी जानकारी दें।
ReplyDeleteKripya Mujhe Shashi Apsara Sadhna ke bare mein Puri Jankari De dhanyvad
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