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Done Pattal mein Khana Khane ka Mahtv | दोने पत्तल में खाना खाने का महत्व | The Importance of Eating food in Leaf Plate

पत्तल और दोने में खाना खाने का महत्व ( The Benefits of Eating Food in Leaf Plate )
जैसे जैसे समय बदला, सुविधाएँ आई, लोग आधुनिक हुए और अपनी सभ्यता संस्कृतियों के बारे में भूलते चले गये. अगर आज से करीब 50 60 साल पहले की ही बात करें तो लोग प्लेट चम्मच की जगह धरती पर बैठकर दोने पत्तल में खाना खाते थे, साथ ही उनका परिवार भी उनके साथ खाना खाता था. किन्तु आज ये प्रथा बदल चुकी है, पत्तल का नाम सुनते ही लोगों की भूख मर जाती है और अगर  कोई पत्तल में खाना खाता हुआ दिख जाए तो उसे मुर्ख की उपाधि दे दी जाती है. किन्तु क्या आप जानते है कि पत्तल में खाने की शुद्धता बढ़ जाती है. CLICK HERE TO KNOW सुविधा के गुलाम मतलब रोगों के गुलाम ...
Done Pattal mein Khana Khane ka Mahtv
Done Pattal mein Khana Khane ka Mahtv
·     पत्तल दोने में खाना ( Food in Leaf Plate ) : पत्तल और दोनों को प्रकृति की विभिन्न जातियों से निर्मित किया जाता है मुख्यतः इसमें पलास के पत्तों का प्रयोग होता है. जबकि प्राचीन ग्रथों के अनुसार केले की पत्तियों पर भी खाना खाया जाता था. केले के पत्ते में खाना खाने से अनेक स्वास्थ्य लाभ पहुँचते है और विज्ञान ने भी इस बात को माना है इसीलिए आज अनेक फाइव स्टार होटल में केले के पत्तों में खाना परोसा जाता है.

·     खड़े होकर खाना ( Eating While Standing ) : हर शादी ब्याह पार्टी में लोगों को खड़े होकर खाते देखा जा सकता है, ये खाने का अपमान भी है और खाने के विधान के खिलाफ भी है. इस तरह खड़े होकर खाना खाने से हाथों की नसों पर विपरीत प्रभाव पड़ना आरम्भ हो जाता है, साथ ही पेट भी अच्छी तरह नहीं भरता. इसके अलावा ये अनजाने रोगों को भी जन्म देता है. एक तरह से देखा जाएँ तो ये अंग्रेजी विदेशी फैशन आज हमारी हजारों साल पुरानी संस्कृत को रोग ग्रस्त कर रहा है. CLICK HERE TO KNOW शुभ रीति रिवाज ... 
दोने पत्तल में खाना खाने का महत्व
दोने पत्तल में खाना खाने का महत्व
·     प्लेटों में खाने से रोग ( Diseases Caused by Eating Artificial Plates ) : आपने भी कभी ना कभी बाहर किसी होटल में खाना अवश्य खाया होगा जहाँ पत्तल की जगह प्लेट का इस्तेमाल होता है. क्या आपने कभी देखा है कि उन्हें किस तरह साफ़ किया जाता है? हम आपको बताते है वहाँ एक लड़का सफाई के लिए बैठा दिया जाता है जिसके सामने दो टब होते है, एक में सर्फ का पानी और दुसरे में साफ़ पानी. पहले वो झूठे बर्तनों को सर्फ के पानी में डुबोता है फिर साफ़ पानी में बस इस तरह उनके बर्तन साफ़ हो जाते है. जिन्हें दोबारा कपड़ा मारकर सजा दिया जाता है.

अब जरा सोचों कि जिन व्यक्ति ने आपसे पहले उस प्लेट में खाना खाया है अगर उसे अस्थमा या टीबी हुई तो? क्या उस प्लेट के माध्यम से इन रोगों के कीटाणु आपतक पहुंचकर आपको रोगग्रस्त नहीं करेंगे? हाँ बिलकुल करेंगे, और आपको भी टीबी, अस्थमा या कोई अन्य रोग हो जाएगा. यहीं कारण है कि आज के समय में रोग इतनी तेजी से बढ़ रहे है किन्तु हम सब तो आधुनिकीकरण और फैशन में इस कद्र खोये हुए है कि हमे कुछ दिखाई ही नहीं देता. इसलिए  जरूरी है कि अपने बुजुर्गों के संस्कारों का पालन करों, हो सकता है कि उनका जीवन कुछ सालों का है किन्तु उनका ज्ञान अमर ही रहेगा.
The Importance of Eating food in Leaf Plate
The Importance of Eating food in Leaf Plate
·     बहिष्कार और लाभ ( Boycott and Benefits ) : क्या आपको लगता है कि इस तरह की सभ्यता का अनुसरण करना चाहियें. नहीं ना, इनका बहिष्कार आवश्यक है. अगर आपको सुविधाओं का ही लाभ उठाना है तो उनका सही जगह उपयोग करें, इस तरह अपने स्वास्थ्य को दाव पर लगाकर किसी भी सुविधा को सही नहीं माना जा सकता. इसके अलावा जब दोने और पत्तल का इस्तेमाल हो चूका होता है तो उन्हें मिटटी में दबा दिया जाता है ताकि प्रकृति को हानि ना पहुंचे, साथ ही दोनों और पत्तल के दोबारा प्रचालन से अनेक गरीबों के घरों में दुबारा से रोजगार और रोटी का इंतजाम भी हो जायेगा.

पत्तल दोने में खाना खाने के गुण ( Attributes of Eating in Leaf Plate ) :                      
·     ऐसा माना जाता है कि मृत्यु लोक में पलाश के पत्तलों में खाना खाने वाले लोगों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है जहाँ उन्हें स्वर्ण के बर्तनों में खाना खाने का पुण्य फल प्राप्त होता है.

·     वहीं केले के पत्तों में खाना खाने वाले लोगों को स्वर्ग में चांदी के बर्तनों में खाना परोसा जाता है जो उन्हें आरोग्य बना देता है.
निमंत्रण वायरस तो नहीं
निमंत्रण वायरस तो नहीं
·     लाल फूलों वाले पलाश के पत्तल में भोजन करने से रक्त शुद्ध होता है, पाचन तंत्र से संबंधी रोगों से सुरक्षा मिलता है, जबकि सफ़ेद फुल वाले पलाश से तैयार पत्तल में खाना खाने से रोगियों को बवासीर की बिमारी से निजात मिलती है.

·     अगर किसी व्यक्ति को जोड़ों में दर्द रहता है तो उन्हें करंज की पुरानी पत्तियों से तैयार पत्तल का प्रयोग करना चाहियें.

·     जबकि लकवे के रोगियों को अमलतास की पत्तियों से तैयार पत्तल में खाना खाने से शीघ्र लाभ मिलता है.

तो अब आपको समझ में आ गया होगा कि बर्तनों में खाना खाने से आपको रोगों और वायरस की प्राप्ति होती है जबकि पत्तल दोने में खाना खाने से आपको पुण्य फल और आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है. इसलिए कोशिश करे कि आज से आप पत्तल में ही खाना खाएं और इस विदेशी संस्कृति का तयार करें.

दोने पत्तल में खाना खाने के अन्य लाभ और फायदों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो. 
Plate mein Khana Khane se Hote Hai Rog
Plate mein Khana Khane se Hote Hai Rog

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