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Electronics ka Sabse Bada Dushman Isse Bach Kar Rahen | Electronics का सबसे बड़ा दुश्मन इससे बच कर रहें

इलेक्ट्रॉनिक्स का दुश्मन
दोस्तों हर घर में आज टेलीविज़न, मोबाइल फ़ोन, फ्रिज, पंखा, मिक्सर और ओवन जैसे ना जाने कितने ही इलेक्ट्रोनिक यानि बिजली पर चलने वाले डिवाइस है. लेकिन क्या आप जानते है कि हर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का एक दुश्मन होता है, जिसे अगर ना हटाया जाए तो ये आपके इलेक्ट्रोनिक डिवाइस को खराब भी कर सकता है. शायद आप भी विद्युतीय प्रतिरोध यानि Electrical Resistance के बारे में सोचने लग गये हो लेकिन हम इलेक्ट्रॉनिक रेजिस्टेंस की नहीं बल्कि बात कर रहे है डस्ट की.  CLICK HERE TO KNOW क्या सच में फ़ॉर्मेटिंग सिस्टम की लाइफ कम करती है ...
Electronics का सबसे बड़ा दुश्मन इससे बच कर रहें
Electronics का सबसे बड़ा दुश्मन इससे बच कर रहें
डस्ट है इलेक्ट्रोनिक डिवाइसेस का सबसे बड़ा दुश्मन
हाँ, ये सच है कि Electrical Resistance भी इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए एक बड़ा मुददा है लेकिन अब धीरे धीरे इसे कम किया जा रहा है और हम सुपर कंडक्टीविटी की तरफ तेजी से बढ़ रहे है. पर जब बात डस्ट की आती है तो कोई भी इसकी तरफ ध्यान नहीं देता. डस्ट और धुल मिटटी के कण हर जगह मौजूद है चाहे फिर वो इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को बनाते वक़्त हो या बाद में जब हम इन्हें इस्तेमाल करते है उस वक़्त. देखने में हमें सारी चीजें साफ़ सुथरी लग रही हो लेकिन उनके अंदर कितनी डस्ट जमा हो जाती है इसपर हमारा ध्यान तक नहीं जाता.

कैसे डस्ट इलेक्ट्रोनिक्स को खराब करती है :
·         फैक्ट्रीज में : दोस्तों डस्ट और धुल मिटटी के ये पार्टिकल इतने छोटे होते है कि ये दिखाई तक नहीं देते और इनकी तादाद के बारे में तो कहना ही क्या. डस्ट पार्टिकल के होने का क्या फर्क पड़ता है ये हम Chip Manufacturing के वक़्त देख सकते है, क्योकि इन चिप्स का साइज़ 10 नैनोमीटर से 15-16 नैनोमीटर होता है जिसपर एक धुल का कण भी पहाड़ के बराबर होता है और अगर ये डस्ट पार्टिकल उस चिप को बनाते वक़्त उनपर जम जाते है तो ये उस चिप के ट्रैक और कनेक्शनस को पूरी तरह ब्लॉक कर देते है जिससे चिप बन नहीं पाती.

इसीलिए Manufacturing कंपनीज खासतौर से चिप बनाने वाली कंपनियों में सफाई का बहुत ज्यादा ध्यान रखा जाता है ताकि वहाँ डस्ट ना के बारबर हो या हो ही ना. आपने भी देखा होगा कि जो साइंटिस्ट्स इन चिप्स को बनाते है वो एक प्रॉपर सूट और ग्लव्स पहने रहते है और उन्हें मल्टी क्लीन प्रोसेस के बाद ही मेन रूम में भेजा जाता है. कई जगह तो रूम्स को भी क्लासेज में रखा जाता है जहाँ हर फ्लोर को डस्ट पार्टिकल के लेवल के हिसाब से बाँटा जाता है मतलब 1 मीटर क्यूब में मैक्सिमम कितने डस्ट पार्टिकलस हो सकते है.
Electronics ka Sabse Bada Dushman Isse Bach Kar Rahen
Electronics ka Sabse Bada Dushman Isse Bach Kar Rahen
·         घर में : ये तो बात थी फैक्ट्रीज की लेकिन घर पर मौजूद इलेक्ट्रोनिक डिवाइसेस पर भी डस्ट का बहुत बड़ा असर पड़ता है चाहे फिर वो आपका स्मार्टफोन हो, लैपटॉप हो या फिर LED. एक बार खरीदने के बाद हम सब इनकी परवाह करनी ही छोड़ देते है. लेकिन हमारी यही लापरवाही हमारे इलेक्ट्रोनिक डिवाइसेस में हीटिंग इश्यूज को बढाती है. आपने भी देखा होगा कि कई बार CPU में इतनी धुल जम जाती है कि वो काफी गर्म हो जाता है, उसका पंखा घर्र घर्र की आवाज निकालने लगता है.

ऐसा इसलिए होता है क्योकि धुल की वजह से CPU में अच्छी तरह वेंटिलेशन नहीं हो पाता और प्रोसेसर से जो गर्मी निकलती है वो CPU से बाहर ही नहीं आ पाती. इससे आपका कंप्यूटर या सिस्टम स्लो भी पड़ जाता है और वो बार बार खराब होने लगता है जो उसकी लाइफ को कम करता है.

कैसे दूर करें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस से डस्ट :
आपके साथ ऐसा ना हो इसलिए आप हर चौथे या पांचवे महीने में अपने CPU या लैपटॉप के बेक कवर को खोले और वेक्यूम क्लीनर से इन्हें साफ जरुर कर लें. इससे आपके सिस्टम की स्पीड बढ़ भी बढ़ेगी और आपको तुरंत फर्क दिखने भी लग जाएगा. अगर आप खुद इन्हें साफ नहीं कर सकते तो आप हर 6 महीने में किसी सर्विस सेंटर से इन्हें साफ जरुर करवा लें.

तो दोस्तों उम्मीद है अब आप भी समझ गए होगे कि किस तरह धुल मिटटी हमारे इलेक्ट्रोनिक डिवाइसेस के लिए खतरनाक हो सकती है और कैसे उनकी लाइफ और परफॉरमेंस को घटा सकती है. इसलिए आप भी आज अपने सभी इलेक्ट्रोनिक डिवाइसेस को साफ़ कर लें और सिर्फ आज ही नहीं रेगुलरली हर 6 महीने में इन्हें एक बार साफ जरुर करें.
Dust Kaise Electronic Devices ko Khrab Karti Hai
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