Pitru Pitar Dev ko Shradh Prem Chahiye Tantar Mantr Nahi
पितर देवताओं को कभी भी तंत्र मन्त्र से शांत करने या उनको बाँधने की गलती भूल कर भी नहीं करनी चाहिए. पितृ दोष दूर करने के लिए भी कभी तांत्रिक भगतों का सहारा न लें. वल्कि प्रेम पूर्वक श्रधा भाव से कर्म करें, अपना सात्विक कर्म वो ही सर्वश्रेष्ठ है.
कई बार भगत और चमत्कारी बन्ने के लिए लोग अपने पितरो को बांध कर उनसे गुलामो की तरह काम लेते है जिससे वो इतने क्रोधित हो जाते है की मौका मिलते ही स्वतंत्र होकर बहुत भारी नुक्सान कर देते है. इसीलिए पितरो को बांध कर उनको गुलाम बनाकर भगत तांत्रिक न बने. बल्कि प्रेमपूर्वक और श्रधा भाव से उन्हें जीत कर तब चाहे उनकी हेल्प बेशक से ले सकते है.
पितृ पितर देव को श्रधा प्रेम चाहिए तंत्र मन्त्र नहीं
भूत प्रेत तो क्या चीज है शक्तिशाली जिन्नों तक को धुल चटा सकते है पितृ आपकी रक्षा के लिए, बस श्रधा और आदर के साथ उनका कर्म करते रहिये. एक किस्सा भी हमने सुनाया था की किस तरह जिन्न ने एक लड़के को बचाया था एक शक्तिशाली जिन्न से. लिंक डिस्क्रिप्शन में दिया भी है.
हर पूर्णिमा और अमावस्या को या पितरपक्ष के 15 दिन आप ये दो कर्म करेंगे तो निश्चित रूप से पितर दोष हटकर आपको को पितरो की क्रपा प्राप्त होगी.
1. पितरो के नाम का कर्म ये है की आप घी, खांड और भुना हुआ आटा अच्छे मिक्स कर लें. और एक बिना पानी का नारियल जिसे गोला बोला जाता उसमे भर कर अपने थान (पितर स्थान) के पास गाड दें जमीन में या फिर थान नहीं है तो मंदिर के पास ये कर्म करें. ये हर अमावस्या, पूर्णिमा और श्राद पक्ष के प्रतिदिन 15 दिनों तक करें.
2. इन सभी दिन गाय को हरी घास और गुड खिलाएं पितरों के नाम से.
बस ये दो कर्म आपके पितरो को शांत और खुस रखेंगे और किसी तंत्र मन्त्र की कही जरूरत नहीं पड़ेगी और अगर कोई पितृ दोष होगा तो वो भी दूर हो जायेगा. जीवन में खुशहाली आ जाएगी.
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पितृ पितर देव को श्रधा प्रेम चाहिए तंत्र मन्त्र नहीं, Pitru Pitar Dev ko Shradh Prem Chahiye Tantar Mantr Nahi
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