राहु केतु को अशुभ ग्रह
मानकर, इनसे लोग बहुत घबराते है
राहू व केतु छाया
ग्रह हैं, इनके बुरे प्रभावों और इनके आसुर होने के कारण लोगों में धारण है कि इनके कुंडली में होने से उनपर बुरा प्रभाव पड़ता है, ये धारणा धीरे धीरे एक डर में परिवर्तित हो जाती है और लोग राहू केतु से घबराने लगते है. उदाहरण के तौर पर लग्न में राहू आ जाने से कई बार मैंने परिवार के लोगों को किसी
उपाय हेतु ज्योतिषी अथवा पंडित के सामने गिडगिडाते देखा है. पर, असल में ये डरने
लायक बात हैं ही नहीं. राहू व केतु को छाया ग्रह इसलिए कहते हैं क्यूंकि ये जिस
ग्रह के साथ जिस भी राशी में प्रवेश करते हैं उनके गुण और उनकी शुभता को अपने में ही समाहित कर लेते है. जिसके बाद ये आपके जीवन में काफी फलदायी सिद्ध होते है. यदि
आपके सामने राहू अथवा केतु का जिक्र किया गया है तो जरूरी नहीं कि आपको घबराने की
जरुरत ही है बल्कि ऐसा भी हो सकता है कि इससे आपकी कुंडली में दोष के स्थान पर
गुणों का वास हो जाए. आइये राहू व केतु से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में जानते हैं. CLICK HERE TO KNOW कुंडली में राहू के होने से जीवन में बदलाव ...
Aakhir Sab Kyo Darte Hai Raahu or Ketu Se |
1.
राहू व
केतु के प्रभाव से चंडाल और विष योग :
यदि
राहू अगर ब्रहस्पति गृह के साथ है तो चंडाल योग बन जाता है जो शुभ नहीं होता. ठीक
इसी प्रकार से ही केतु सूर्य अथवा चन्द्रमा के साथ होता है तो विष योग बना देता है. CLICK HERE TO KNOW ग्रहों के कारण रोग ...
आखिर सब क्यों डरते है राहू और केतु से |
2.
राहू
उच्च का है या नीच का :
कई
लोगों का ये मानना है कि यदि राहू मिथुन राशी में हो तो वो उच्च होता है अन्य
का मान्य ये है कि मिथुन राशी में राहू नीच हो जाता है. ऐसा अगर आपको भी लगता है
या ऐसा कोई कथन किसी ने आपके सामने कहा है तो वो गलत है क्यूंकि राहू व केतु की
कोई राशी ही नहीं.
Why Everyone Afraid of Raahu Ketu |
3.
राहू
शुभ अथवा अशुभ :
राहू व
केतु छाया ग्रह होने के कारण जिस ग्रह से जुड़ते हैं बिल्कुल उसी के अनुरूप फल देते
हैं. उदाहरण के तौर पर यदि राहू अथवा केतु किसी शुभ ग्रह से जुड़ जाएँ तो इनका फल
भी शुभ होता है व अगर ये किसी अशुभ ग्रह से जुड़ जाएँ तो इनका फल भी अशुभ होता है.
राहू केतु को शुभ ग्रह मानकर, इनसे लोग बहुत घबराते है |
4.
काल
सर्प योग :
जब सूर्य,
चन्द्र, राहू एवं केतु इत्यादि सभी एक रेखा में आ जाते हैं तो चन्द्र व सूर्य
ग्रहण लगता है. राहू व केतु की धुरी के एक और सभी ग्रहों के आ जाने से कालसर्प योग
की उत्पत्ति होती है.
राहू या केतु ग्रह
के शुभ और अशुभ प्रभाव के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट कर जानकारी
हासिल कर सकते हो.
Raahu Ketu Chandal Yog Vish Prabhav |
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