रिश्ते व ग्रह / नक्षत्र
“सत नहीं था, असत नहीं था, रिश्ते नहीं थे, कष्ट नहीं
था,
आकाश नहीं था, जल नहीं था, पृथ्वी पर विध्वंस नहीं था !!
मानव जन्मे तो रिश्ते जन्मे, ग्रह नक्षत्रों के बिन ये प्रसंग नहीं था,
पृथ्वी जन्मी ग्रहों के बीच, जब जीवन का कोई संग नहीं था !!
रिश्ते
और ग्रह नक्षत्र
कहते हैं ग्रह
नक्षत्रों व रिश्तों का एक अनोखा व अटूट सम्बन्ध होता है. आपके पारिवारिक रिश्ते
ग्रह व नक्षत्रों से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े होते हैं. नक्षत्र
यानि आकाश के तारों का समूह व ग्रह यानि आकाश में स्थापित अन्य पिंड. ग्रह व
नक्षत्र हमारे आपसी रिश्ते / नातों पर प्रभाव डालते हैं. ये बिल्कुल सत्य है. लाल
किताब के अनुसार हमारी जिंदगी से जुड़ने वाला हर रिश्ता किसी ना किसी ग्रह का सूचक
है. हमारी कुंडली में जो ग्रह जहाँ स्थित है, वो रिश्ता वहीँ से हमारी ज़िन्दगी में
भी आता है. और इसी से हम अपने उस रिश्तेदार की स्तिथि भी बता सकते हैं. आइये जानते
हैं कि हमारी ज़िन्दगी में कौनसा ग्रह किस रिश्ते का सूचक है. CLICK HERE TO KNOW कार्य को शुरू करने से पहले नक्षत्रों पर ध्यान दें ...
Rishte Naate Bhi Hai Grah ke Suchak |
1.चन्द्र ग्रह :
चन्द्र ग्रह का सीधा संबंध आपकी माँ व माँ की बहन यानि मौसी से होता है.
2.सूर्य ग्रह :
सूर्य
सा सीधा सम्बन्ध आपके पिता, आपके पिता के भाई यानि आपके ताऊ व आपके पूर्वजों से
होता है.
3.मंगल ग्रह :
मंगल
ग्रह का सीधा सम्बन्ध आपके भाई व मित्रों से होता है. आपके सखा इसी श्रेणी में आते
हैं.
4.बुद्ध ग्रह :
बुद्ध ग्रह का सीधा सम्बन्ध आपकी बहन, आपके पिताजी की बहन (आपकी बुआ), आपकी बेटी व आपकी
बीवी की बहन (आपकी साली) से होता है. CLICK HERE TO KNOW कुंडली में दुसरे घर के प्रभाव ...
रिश्ते नाते भी है ग्रह के सूचक |
5.गुरु ग्रह :
गुरु
का सीधा सम्बन्ध आपके पिताजी, आपके पिताजी के पिताजी यानि आपके दादाजी, आपके
गुरुजन, आपके इष्ट देव इत्यादि से होता है. स्त्रियों की कुन्द्लू में ये इनके पति
का प्रतिनिधित्व करता है.
6.शुक्र
ग्रह :
शुक्र
ग्रह आपकी पत्नी या स्त्री का प्रतिनिधित्व करता है.
7.शनि ग्रह :
शनि
ग्रह आपके पिता के भाई (काका), आपकी माँ के भाई (मामा), आपके सेवक व नौकर (दास) का
प्रतिनिधित्व करता है.
8.राहू ग्रह :
राहू
आपकी पत्नी के भाई व पिता का प्रतिनिधित्व करता है.
Every Planet Indicates Any Relation |
9.केतु ग्रह :
केतु
आपकी संतान व बच्चों का प्रतिनिधित्व करता है.
ग्रह का सुधार कैसे
करें :
यदि आपकी ज़िन्दगी
में किसी ग्रह की दशा खराब चल रही है तो उस से जुड़े रिश्ते पर ध्यान देने से आपको
लाभ प्राप्त होगा. कुंडली का प्रत्येक भाव किसी ना किसी रिश्ते अथवा रिश्तेदार से
प्रभावित होता है और इसीलिए कुंडली में यदि कोई ग्रह कमजोर है तो उस से जुड़े
रिश्ते को मजबूत बनाने की कोशिश करें व अपने आपसी संबंधों में सुधार व बदलाव लायें.
ग्रहों नक्षत्रों के
जीवन और रिश्तों पर प्रभाव व संबंधों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे
कमेंट कर जानकारी हासिल कर सकते हो.
रिश्ते और ग्रह नक्षत्र |
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Ling ka size kis grah se parwavit hota hai ?
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