किस तरह से करें
पूजा एवं मन्त्र जाप (How To Chant Mantras And Offer Your Prayers To Deity)
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जल्दी
उठने की आदत (Wake
Up Early In The Morning) :
समय पर
व ठीक ढंग से पूजा करने के लिए आपको सबसे पहले नियमित तरीके से जल्दी उठने की आदत
अपना लेनी चाहिए. कहते हैं सुबह जल्दी पांच बजे तक पूजा करना सर्वोत्तम होता है.
·
उठते ही
स्नान करें (Bath
Yourself Just After Getting Up) :
अपने
नित्य प्रतिदिन उठने का समय निर्धारित करने के बाद आपको उठते ही स्नान करने की आदत
भी अपना लेनी चाहिए. स्नान करते ही माथे पर तिलक लगाकर जाप करें व जनेऊ धारण करें.
ऐसा करने से आपकी पूजा का आपको अधिक से अधिक फल प्राप्त होगा. CLICK HERE TO KNOW प्रार्थना कैसे करें ...
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एक लोटे
में गंगाजल लें (Take
Ganga Water In A Container) :
पूजा
करने जाते वक्त एक लोटे में कुछ मात्रा में गंगाजल मिलाएं व उसमे बाकी का पानी
ताजा निकला हुआ मिलाएं. आप एक थाली में थोड़ी सी रोली, चावल, हल्दी, व ठोडे से
पुष्प भी ले जा सकते हैं.
·
मन्त्र
जाप में शब्दों का ध्यान रखें (Words Should Be Legible While You Chant The Mantras) :
कुछ
लोगों के साथ ये देखा गया है कि वो किसी मन्त्र के उच्चारण का सही तरीका तक नही
जानते और शब्दों की जानकारी के आभाव में उनका उच्चारण इतना अशुद्ध होता है कि वो
मंत्र के स्थान पर अपने मुख से कुछ और ही कह रहे होते हैं. ऐसे में आपको पहले
शब्दों के उच्चारण का तरीका सीख लेना चाहिए. CLICK HERE TO KNOW श्री हनुमान वडवानल स्त्रोत से काले जादू की काट ...
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·
मानसिक
जाप अधिक श्रेष्ठ है (Mental Chanting Is Better) :
एक
प्रसिद्ध पंडित के अनुसार मानसिक तरीके से किया गया जाप मुख से किये गये जाप से
अधिक सर्वश्रेष्ठ होता है. होम, दान, पितृ कार्य इत्यादी के लिए आप स्वर्ण व कुशा
की अंगूठी हाथ में धारण कर सकते हैं. मन्त्र का उच्चारण करते समय आपको मन में
क्रोध व लोभ के भाव भी नहीं आने देने चाहिए.
·
पत्नी को
दाईं तरफ स्थान दें (Let Your Wife Be Seated At Right) :
कहते
हैं जाप करते वक्त आपको किसी दुसरे के स्थान पर बैठकर जाप नहीं करना चाहिए. बिना
आसन के भी आपको जाप नहीं करना चाहिए. भूमि पर बैठकर जाप करने से दुख का हमारी
ज़िन्दगी में आगमन होता है. बांस के आसन पर जाप करने से दरिद्रता बढ़ती है व पत्तों पर बैठकर जाप करने से धन व यश का नाश होता
है. ठीक इसी तरह कपड़े के आसन पर बैठ जाप करने से रोग रहता है. कुशा या लाल कंबल
पर बैठ कर जाप करने से शीघ्र मनोकामना पूर्ण होती है. जाप करने के बाद एक और बात
ध्यान रखें, जाप के बाद आसन के नीचे जल छिड़ककर जल को मस्तक पर लगाना चाहिये
अन्यथा जाप के फल को इन्द्र स्वयं ले लेते हैं.
·
जाप काल में छींकना व थूकना मना है (To Split Or Sneeze Is Prohibited While
Chanting The Mantras) :
जिन लोगों को छींकने या थूकने की बीमारी
या आदत है, उन लोगों को पूजा व मन्त्र उच्चारण के दौरान ऐसा करने से बचना चाहिए.
Ways to Get God’s Blessings |
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शंखनाद व घंटे का प्रयोग करें (Use
The Sound Of White Conch and temple
bell While Making Prayers) :
पूजा में मंत्र उच्चारण खत्म होने के बाद
आपको शंख बजाकर व घंटा बजाकर शंखनाद करना होगा.
·
जाप करते वक्त पूर्व व उत्तर दिशा में ही
देखकर जाप करें (Look In The North Or East
Direction While Chanting The Mantras) :
एक पंडित के अनुसार, जाप करते समय पूर्व व
उत्तर दिशा में देखकर जाप करने से भी आपको आपकी पूजा का सबसे अधिक फल मिलता है.
· हर पूजा के लिए एक अलग
माला (A Separate Garland For Every Worship) :
हर तरह
की पूजा व मंत्र उच्चारण के लिए एक अलग प्रकार की माला भी निर्धारित है. उदाहरण के
तौर पर मोतियों की माला विद्या प्राप्ति के लिये श्रेष्ठ है, रुद्राक्ष
माला सर्वसिद्ध है, शंख की
माला धर्म व धन दायक है, तुलसी की माला हर बीमारी से निजात दिलाती है. इसी
प्रकार से हर प्रकार की पूजा के लिए एक अलग तरह की माला का वर्णन किया गया है.
किस तरह से करें पूजा एवं मंत्र जाप |
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हर पूजा का एक अलग दीपक (A
Separate Lamp For Every Worship) :
हर प्रकार की पूजा के लिए एक अलग प्रकार
का दीपक भी निर्धारित किया गया है. उदाहरण के तौर पर दीपावली की पूजा में दक्षिण
दिशा में एक सरसों के तेल का दीपक जलना शुभ माना गया है. सुख समृद्धि के लिए एक घी
का दीपक भी जलाया जाता है व रोगों के विनाश के लिए तिल की ज्योत भी जलाई जाती है.
दांपत्य जीवन को सुखदायक बनाने के लिए अरंडी के तेल का दीपक भी जलाया जा सकता है.
इसी प्रकार से रूई की बाती हर प्रकार की पूजा के लिए शुभ है. पित्तरों के द्वारा
किये गए पाप का विनाश कमल नाल से बनायीं गई बत्ती से होता है व साथ ही सफ़ेद कपड़े
को गुलाब जल में भिगोकर उसके बाद उसे सुखाकर दीपक के लिए बत्ती बनाने से घर में
सुख व समृद्धि बढती है.
देवी देवताओं को प्रसन्नकर उनका आशीर्वाद पाने और
उनकी पूजा करने के अन्य तरीकों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट कर जानकारी
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Poojan Mantra Jaap or Tarike |
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Arandi ke phool evam phal,patte ka puja mein prayog evam kaun se devta ke liye khas.
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