तुलसी का महत्व ( Importance of Basil )
तुलसी के पौधे के
बारे में जितना कहा जाये उतना कम है. इसका जीवन में ना सिर्फ औषधीय बाकि
आध्यात्मिक भी है. दिव्या गुणों से भरा ये पौधा लगभग हर घर में पाया जाता है. लोग
इस पौधे को माता की तरह पूजते है. एक मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता
है उस घर में सुख शान्ति और समृद्धि हमेशा बनी रहती है साथ ही उस घर की प्रतिष्ठा
में कभी कोई कमी नहीं आती. ये घर में सकारात्मक उर्जा कर संचार कर घर से हर
परेशानी को दूर भागता है. साथ ही अगर घर पर किसी की बुरी दृष्टि हो या बहुत बाधा
होतो उस स्थिति में भी घर में तुलसी का पौधा लगा देना चाहियें. जहाँ तुलसी के बारे
में इतनी लाभदायक बाते है वही एक माना ये भी है कि जिस घर में तुलसी का पौधा सूखने
लग जाए उस घर का विनाश निश्चित है. इसलिए तुलसी के पौधे को हमेशा घर में पुरे
श्रद्धा भाव से ही लगाना चाहियें और नियमित रूप से उसकी पूजा करनी चाहियें. CLICK HERE TO KNOW तुलसी के प्रकार और उत्पत्ति ...
Arogya Jivan Pradan Karti Hai Tulsi |
ये गंभीर से गंभीर
रोग में भी तुरंत राहत दिलाता है इसीलिए इसे आयुर्वेद में विशेष स्थान दिया गया
है. क्योकि आयुर्वेद मानता है कि इस पौधे में रोगों को ठीक करने की अद्भुत शक्ति
है. अगर कोई रोगी ना भी हो तब भी उसे अपने जीवन में तुलसी को स्थान जरुर देना
चाहियें. आज हम आपको तुलसी के ऐसे ही आयुर्वेदिक औषधीय और आध्यात्मिक गुणों के
बारे में बतायेंगे जिनका फायदा आप उठकर अपने जीवन को सफल और समृद्ध बना सकते हो.
तुलसी के आध्यात्मिक
लाभ ( Spiritual
Benefits of Basil ) :
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बाधाओं
से निदान ( Remove
Black Magic ) : जब तुलसी के आध्यात्मिक गुणों की बात आती है तो
बता दें कि इसे देवी की तरह पूजा जाता है, इससे देवी तुलसी जी की एक प्राचीन कथा
जुडी है. साथ ही हर मंत्र स्त्रोत या जप पाठ इत्यादि में भी तुलसी का असीम महत्व
है. अगर किसी घर में प्रेत बाधा हो या भुत दैत्य या ब्रह्म राक्षस इत्यादि सताते
हो तो आपको अपने घर के आँगन में तुलसी के पौधे को स्थापित करना चाहियें.
·
पाप
नाशक तुसली (
Remove Effects of Sins ) : माना जाता है कि ब्रह्महत्या मनुष्य द्वारा किया
गया सबसे बड़ा पाप होता है, इस पाप के परिणाम को भी अति दर्दनाक माना जाता है
किन्तु अगर घर में तुलसी को स्थापित कर उनकी पुरे मन से सेवा की जाए तो
ब्रह्महत्या जैसे महा पाप से भी मुक्ति पायी जाती है. ऐसे लोगों को खुद अपने हाथों
से तुलसी जी के पौधे को लगाना चाहियें. अगर तुलसी की नित्य नियमित रूप से सेवा की
जाये तो तुलसी मोक्षदायिनी बन जाती है. CLICK HERE TO KNOW दुनिया में तुलसी का डंका ...
आरोग्य जीवन प्रदान करती है तुलसी |
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पुण्य
दायक तुलसी (
Gives Blessings ) : तुलसी को एक महान पुण्य दायी पौधा भी माना जाता
है. अगर आप श्राद्ध या यज्ञ करा रहे है तो आप उसमे तुलसी के पत्तों को जरुर शामिल
करें इससे आपको यज्ञ का तो पुण्य मिलेगा ही साथ ही तुलसी माता का भी आशीर्वाद भी
आपके ऊपर सदा बना रहेगा. ज्योतिष शास्त्र मानता है कि वो जातक जो अपनी चोटी में
तुलसी जी को स्थापित करते हुए अपने प्राणों का परित्याग करता है उन्हें पाप राशि
भी कभी नहीं सताती.
·
पातकों
से मुक्ति (
Benefits of Pronouncing Basil Name ) : तुलसी के नाम मात्र के उच्चारण से जातक के सभी पाप नष्ट हो जाते है और
उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, साथ ही माना जाता है कि तुलसी को रोजना
ग्रहण करने से मनुष्य को पातकों से भी मुक्ति मिल जाती है.
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तुलसी
जल का महत्व (
Importance of Basil Water ) : जब कभी आपको दिखे कि तुलसी के पत्तों से जल टपक
रहा है तो आप उसे अपने सिर पर धारण करें क्योकि ऐसा माना जाता है कि इस जल का
प्रभाव 10 गंगा स्नानों से भी अधिक होता है और इससे 10 गोदानों का पुण्य फल
प्राप्त होता है.
Basil Gives a Healthy and Disease Free Life |
तुलसी का आयुर्वेदिक
औषधीय लाभ (
Medical Benefits of Basil ) :
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बांझपन
( Infertility ) : वे औरतें जो संतान प्राप्ति की चाहत रखती है किन्तु किसी कारण अब तक
उनकी गोद अब तक सुनी है उन्हें शिवालिंगी के बीजों को निकालकर पीस लेना चाहियें और
फिर उन्हें गुड वा तुलसी के पत्तों के साथ मिलाकर खाना चाहियें. इससे जल्द ही उनकी
सुनी गोद भर जाती है और उन्हें एक स्वस्थ संतान की प्राप्ति होती है.
·
पथरी ( Stone in Bladder ) : अगर कोई व्यक्ति गुर्दे या किडनी की पथरी से पीड़ित है तो उसे तुलसी के
कुछ पत्तों को पानी में डालकर उबाल लेना चाहियें, फिर उसमें थोडा शहद मिलाकर खाना
चाहियें इसके नियमित सेवन से उनकी पथरी टूट टूटकर मूत्र मार्ग से बाहर निकाल जाती
है. साथ ही ये काढ़ा त्वचा को भी निखार प्रदान करता है.
·
शुगर और
ब्लड प्रेशर (
Sugar and Blood Pressure ) : तुलसी में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते है जो शुगर को
नियंत्रित रखते है. इसलिए शुगर से पीड़ित लोग या वो लोग जिनका कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ
है उन्हें पानी में तुलसी और हल्दी मिलाकर कुछ दिनों तक लगातार सेवन करना चाहियें.
अगर आपका ब्लड प्रेशर अर्थात रक्त चाप भी अनियंत्रित है तो उस स्थिति में भी आप
रोजाना खाली पेट तुलसी के पात्तों को चबाएं. जल्द ही आपको आराम मिलेगा.
तुलसी सामान्य पौधा नहीं है |
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होर्मोन
में गड़बड़ी ( Imbalance
of Harmon ) : कई बार शरीर में अनियमित या असामयिक बदलाव होने
लगते है जिस कारण से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इन हार्मोन के
बदलाव से शरीर में नयी नयी बीमारियाँ जन्म लेने लगती है. अगर आप अपने हार्मोन को
नियंत्रित रखना चाहते हो तो आप दिन में 2 बार तुलसी की 10 से 12 पत्तियाँ चबायें.
इसे आपको जल्द ही आराम मिलेगा और आपका रक्त प्रवाह भी सामान्य रहेगा.
· स्तन कैंसर ( Breast Cancer ) : तुलसी में पाए जाने वाले एंटी ओक्सिडेंट कैंसर जैसे नासूर को भी खत्म
करने की शक्ति रखते है. इसके नियमित रूप के सेवन से ब्रेस्ट और मुंह के कैंसर से
निजात पाया जा सकता है.
Tulsi Paudha Nahi Rogon ka Raambaan Davaa Hai |
· सुन्दरता बनाये रखें ( Keeps Beautiful ) : बीमारियाँ का जड़ से इलाज करने के साथ साथ तुलसी से आपको सुन्दर और
आकर्षक त्वचा भी मिलती है. तुलसी के पत्तों को रोजाना खाने से चेहरे पर कभी भी कोई
किल मुंहासा या फुंसी नहीं होती साथ ही इससे त्वचा में निखारा आता है. अगर आपके
बाल झड़ते है या बालों में खुजली होती है तो आपको नारियल के तेल में तुलसी को
मिलाकर उससे सिर की मालिश करनी चाहियें.
· त्वचा रोग ( Cures Skin Diseases ) : त्वचा संबंधी कोई रोग हो तो तुलसी उसे भी जड़ से खत्म कर देती है
इसमें तुलसी की सहायता उसमें पाया जाने वाला थाईमोल तत्व करता है. त्वचा रोगों से
मुक्ति पाने के लिए आप रोजाना अपने चेहरे पर तुलसी के पत्तों को रगड़ें. आपको
निश्चित रूप से लाभ मिलेगा.
Aise Tulsi Khaane se Hote Hai Dheron Fayde |
· झाईयाँ दूर करें ( Remove Heat Spots ) : चेहरे पर झाईयां होना आम बात होती जा रही है इसका मुख्य कारण है कि
आजकल चेहरे पर ना जाने कितने ही तरह के क्रीम पाउडर लगायें जा रहे है. किन्तु अगर
तुलसी से बने प्राकृतिक फेस पैक का इस्तेमाल करे तो आपको कभी भी झाईयों की समस्या
से नहीं झुझना पड़ता. तुलसी का फसपैक बनाने के लिए आप एक कटोरी में तुलसी की
पत्तियों का रस निकाल लें और उसमें उतना ही निम्बू का रस भी मिला लें. इस मिश्रण
को आप रात को सोते समय अपने चेहरे पर लगायें और सुबह उठने के बाद अपने चेहरे को
साफ़ कर लें.
·
आधासीसी
( Migraine ) : आधासीसी का दर्द असहनीय होता है, ये रोगी की हालत को दयनीय बना देता
है, अगर कोई इस रोग से पीड़ित हो जाता है तो बता दें कि ये दर्द आधे सिर में होता
है और सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक लगातार होता रहता है. इस दर्दनाक स्थित से
बाहर निकलने के लिए रोगी तुलसी का सहारा ले सकते है, जिसके लिए उन्हें रोजाना दिन
में 4 से 5 बार तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाना है.
Mokshdaayni Paapnashni Punyavardhak Tulsi |
·
फ्लू ( Best to Treat Flu ) : पीछे कुछ दिनों में सबसे अधिक चर्चा में रहने वाली बिमारी है फ्लू.
ये एक ऐसी बिमारी है जो संपर्क से फैलती है. किन्तु तुलसी के पास इसका भी इलाज है.
फ्लू रोग से मुक्ति पाने के लिए आप तुलसी के पत्तों का काढा तैयार करें और उस काढ़े
में थोडा सेंधा नमक भी मिला लें. अब रोगी इस काढ़े को दिन में 2 बार ग्रहण करें.
जल्द ही आपको आराम मिलेगा.
ऐसे ही ना जाने
कितनी और बीमारियों में तुसली का प्रयोग किया जाता है. तो तुलसी के किसी अन्य रोग
में इस्तेमाल के तरीके को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर
सकते हो.
Tusli ka Niyamit Istemal Shrir ka Rakhega Khyal |
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very important nuske hai I like very much and I spread it
ReplyDeleteKya khasi bhi theek ho Sakti hai kaf ko khatam kar Sakti hai kya
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