शहद का उपयोग ( Uses of Honey )
शहद का निर्माण
मधुमक्खियाँ फूलों के रस को चूसकर अपने छत्तों में करती है. इसका स्वाद मीठा,
शुष्क व शीतल होता है. शहद में सभी पौषक तत्व होने के कारण इसे एक संतुलित आहार के
रूप में भी देखा जाता है. साथ ही ये शरीर में उर्जा का संचार कर थकान को दूर करता
है. आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही शहद की महत्वता और इसके रोगों में प्रयोग
को बढावा देते है. आज हम भी आपको शहद के कुछ ही बेहतरीन उपयोग बताने जा रहे है
जिससे असंख्य रोगों को दूर किया जा सकता है. CLICK HERE TO KNOW कैसे करें शुद्ध शहद की पहचान ...
Shahad ki Behtarin Khubiyan or Prayog |
· अजीर्ण रोग ( Indigestion Disease ) : अगर कोई व्यक्ति अजीर्ण के रोग से ग्रसित है तो उसे 1 चम्मच शहद और 1
चम्मच निम्बू के रस को 1 ग्लास पानी में मिलाकर नियमित रूप से ग्रहण करना चाहियें.
इससे जल्द ही उसे अजीर्ण के रोग से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा आप 2 काली मिर्च
को शहद में डालकर उसे चूसने से भी अजीर्ण रोग से मुक्ति पा सकते है. तीसरे उपाय के
रूप में आप थोड़ी अजवायन और सौंठ को पीसकर उसका पाउडर बना लें फिर आप इस पाउडर में
थोडा सा शहद मिलाकर चांटे. ऊपरलिखित तीनों उपायों में से आप किसी भी उपाय को अपना
सकते हो.
· काली खांसी ( Hooping Cough ) : काली खांसी की मुख्य वजह होती है कब्ज, तो उसके लिए आप रोगी को एरंड
का तेल पिलायें और उसके बाद आप 1 चम्मच शहद में अदरक के रस की 10 बूंदें और लौंग
के तेल की 1 बूंद को डालकर अच्छी तरह से मिला लें. इस मिश्रण को आप दिन में
तीन बार इस्तेमाल करें जल्द ही आपको काली खांसी से निजात मिल जायेगी.
· हाई ब्लड प्रेशर ( High Blood Pressure ) : वे रोगी जो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान है उन्हें दिन में 3
बार 1 चम्मच निम्बू के रस में 2 चम्मच शहद की डालकर लेनी चाहियें. जल्द ही उनका
ब्लड प्रेशर नियंत्रित हो जाता है. CLICK HERE TO KNOW स्वस्थ शरीर पाने के लिए ध्यान दें ...
शहद की बेहतरीन खूबियाँ और प्रयोग |
· कान में दर्द ( Pain in Ear ) : कान में पीव, गंद या कनखजूरा इत्यादि घुस जाने से काम में असहनीय
दर्द होने लगता है किन्तु कान में दर्द होने के समय आप कान में शहद डाल लें तो
आपका दर्द तुरंत दूर हो जाता है और अगर आप शहद में तेल मिलाकर डालते हो तो उससे
कान के अन्दर का सारा गंद भी बाहर निकाल जाता है.
· मलेरिया ( Malaria ) : मलेरिया एक ऐसा
बुखार है जो काफी लम्बे समय तक शरीर में रहता है और शरीर की रोगों से लड़ने की
शक्ति को कम करते हुए शरीर को कमजोर बना देता है किन्तु अगर आप 20 ग्राम शुद्ध
शहद, ½ ग्राम सेंधा नमक और हल्दी ½ ग्राम हल्दी को आधा गिलास ग्राम पानी में मिलाकर
रात को सोने से पहले रोजाना लेते हो तो आपको सर्दी खांसी, बुखार और जुखाम से तुरंत
आराम मिलता है.
· पीलिया ( Jaundice ) : पीलिया हने पर रोगी को त्रिफला का चूर्ण बनाकर उसे शहद के साथ ग्रहण
करना चाहियें. इससे पीलिया रोग जड़ से खत्म हो जाता है. आप चाहे तो गियोल के 10
ग्राम रस में शहद मिलाकर उसका सेवन भी कर सकते हो.
Unlimited Qualities Features of Honey and Its Uses |
· अनिद्रा ( Insomnia / Sleeplessness ) : अनिद्रा की समस्या रोगी को पागल तक कर सकती है किन्तु शहद जैसी
संजीवनी के होते हुए आप इसे जड़ से खत्म कर सकते हो. इसके लिए आपको रोगी को सोने से
पहले 1 चम्मच शहद में 1 चम्मच निम्बू का रस मिलाकर पिलाना है. इससे उन्हें गहरी
नींद आती है. अगर फिर भी उसकी नींद बीच में खुल जाती है तो उसे दुबारा इस मिश्रण
को लेना चाहियें. कुछ दिनों में उसे अनिद्रा के रोग से मुक्ति मिल जाती है और उसे
शहद के सहारे की भी जरूरत नहीं रहती.
· आधासीसी ( Migraine ) : आधासीसी या फिर माइग्रेन का दर्द ऐसा है जिसमे रोगी को आधे सिर में
दर्द होता है और ये दर्द अपने नियमित समय तक रहता है. इससे मुक्ति पाने के लिए आप अपने
सिर के उस हिस्से वाली नाक के छेड़ में शुद्ध शहद की कुछ बूंदें डालें जिस तरफ दर्द
नहीं होता है. साथ ही आप खाना खाते समय भी शहद का इस्तेमाल करें.
· मिर्गी ( Epilepsy ) : अगर रोगी को मिर्गी जैसी भयंकर समस्या है तो आप 1 ग्राम के चौथे भाग
के जितनी जटामासी का चूर्ण बना लें और इसे शहद के साथ मिलाकर रोगी को चटायें. इससे
उसे दौरे आने बंद होते है और जल्द ही वो सामान्य हो जाता है.
· यादाश्त में वृद्धि ( Grows Memory Power ) : अगर आप रोजाना खाने के समय शाहद का इस्तेमाल करते हो तो आपकी याद
करने की शक्ति में जल्द ही इजाफा होने लगता है. इसलिए शहद को विद्यार्थियों का
घनिष्ट मित्र भी कहा जाता है क्योकि उन्हें अपने स्कूल का बहुत सा काम याद कराने
में शहद ही उनकी मदद करता है.
मधु के असंख्य उपयोग |
· पेट दर्द ( Stomach Pain ) : पेट दर्द एक ऐसी समस्या है जिससे लगभग हर व्यक्ति गुजरता है. इसका
मूल कारण खाने से जुडा होता है. इसलिए जब भी किसी को पेट का दर्द सताएं तो उसे 1
ग्लास ठन्डे पानी में 1 चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर ग्रहण करना चाहियें. अगर दर्द अधिक
है तो रोगी को 1 चुटकी सौंठ में थोडा शहद मिलाकर चाटना चाहियें.
· कब्ज ( Constipation ) : आप 10 – 10 ग्राम की मात्रा में सौंठ, सुखा धनियाँ और अजवायन लें और
उन्हें महीन पीनस लें. इसके बाद आप इस मिश्रण में आधा चम्मच शहद मिला लें और दिन
में 3 बार इसका सेवन करें. आपको जल्द ही कब्ज से मुक्ति मिलेगी.
·
दमा ( Asthma ) : दमे या सांस की समस्या से पीड़ित रोगियों को 4 बूंद कुठार के रस को
शहद में मिलाकर सेवन करना चाहियें. ध्यान रहे कि आपको ये उपाय नियमित रूप से दिन
में 3 से 4 बार अपनाना है. तभी आपको दमे से पूर्ण रूप से छुटकारा मिल पाता है.
·
बिच्छु
का डंक ( If Scorpion
Stings ) : आपको बता दें कि अगर किसी व्यक्ति को बिच्छु काट
लें तो तुरंत उस जगह पर शहद लगा देने से बिच्छु के जहर का असर भी खत्म हो जाता है.
Prakrati ka Vardaan Shahad |
·
जले पर
शहद ( Honey on
Burning Part ) : क्योकि शहद अपनी शीतलता के लिए भी जाना जाता है
तो जब कोई व्यक्ति जल जाता है तो उसको जले हुए स्थान पर तब तक शहद का इस्तेमाल
करना चाहियें जब तक की जख्म ना भर जाएँ. एक बार और कि घावों के भर जाने के बाद
वहां सफ़ेद निशान बन जाते है किन्तु तब आप शहद को पट्टी के साथ इस्तेमाल करें इससे
जले का निशान तक नहीं रहता.
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रक्त
विकार ( Blood
Disorder ) : रक्त विकार एक ऐसी समस्या है जो दिन प्रतिदिन
बढती जा रही है किन्तु अगर आप 1 ग्लास बकरी के दूध में 4 चम्मच शहद मिलाकर रोजान
ग्रहण करते हो तो आपके रक्त से सारे विकार दूर हो जाते है साथ ही रक्त को शुद्धता
मिलती है. जिसका असर आपकी त्वचा पर भी पड़ता है और आपका आकर्षण व सौंदर्य निखर कर
सामने आता है.
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टीबी ( Tuberculosis ) : टीबी से परेशान रोगियों को हालत दयनीय हो जाती है इन्हें खून की
उल्टियाँ आने लगती है, गले की नाली छिल जाती है जिससे ये कुछ खा तक नहीं पाते,
इसीलिए इसे क्षय रोग भी कहा जाता है. इस रोग से मुक्ति के लिए रोगी को ताजा मक्खन
में शहद मिलाकर खिलाना चाहियें. साथ ही आप इन्हें करेले के रस में शहद मिलाकर भी
दे सकते है.
Rishi Muniyon ki Anupam Bhet Shahad |
·
दांतों
का दर्द (
Toothache ) : दांतों के दर्द से मुक्ति पाने के लिए आप एक
कटोरी में 20 बुँदे लहसुन के रस में 1 चम्मच शहद मिला लें और इसे दिन में 3 – 4
बार चांटे. ये आपके दांतों की सम्पूर्ण देखभाल के लिए काफी है, अर्थात इसके
इस्तेमाल से आपको दांतों के दर्द के साथ साथ पायरिया, मसूड़ों में सुजन, मुंह की
दुर्गन्ध, दांतों से खून निकलना इत्यादि सब बंद हो जाता है.
इनके अलावा भी शहद का
असंख्य रोगों में इस्तेमाल किया जाता है जैसेकि वात, पित, कफ, फेंफडों में दर्द,
जीभ संबंधी रोग, गले में दर्द, निमोनिया, पाचन तंत्र को मजबूती, गर्भनिरोधक के रूप
में, मुंह के छाले, खून की उल्टी रोकना, बरपन दूर करना इत्यादि. इसीलिए शहद को
मानव जीवन के लिए संजीवनी के रूप में भी देखा जाता है.
शहद के ऐसे ही अन्य
लाभदायी उपयोगों और बीमारियों से मुक्ति में शहद की भूमिका को जानने के लिए आप हमे
तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है.
Shahad ka Rogmukti ke Liye Prayog |
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