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Purvonnmukhi Bhavan Nirmaan ke Vaastu Siddhant | पुर्वोंन्मुखी भवन निर्माण के वास्तु सिद्धांत | Architectural Principle for North Faced House Home

पुर्वोंन्मुखी घर का वास्तु ( Vaastu Tips for North Faced House )
जिस घर के मुख्य दरवाजे की दिशा पूर्व दिशा की तरफ हो उस घर को पुर्वोंन्मुखी घर कहा जाता है. वास्तुशास्त्र में पुर्वोंन्मुखी घर को रहन के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है क्योकि इस के दरवाजे पर सूर्य देव की रोजाना पहली किरण पड़ती है, इसलिए इस दिशा और घर को सूर्य भगवान की दिशा माना जाता है, साथ ही इस दिशा में देवराज इंद्र भी राज करते है. जिसे ये घर रहने के लिए और भी अधिक उत्तम हो जाता है. CLICK HERE TO KNOW जानिये कैसा हो है ईशानमुखी घर का वास्तु ...
Purvonnmukhi Bhavan Nirmaan ke Vaastu Siddhant
Purvonnmukhi Bhavan Nirmaan ke Vaastu Siddhant
देवराज इंद्र और सूर्य देव की कृपा होने के कारण इस घर में रहने वाले बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और वे बुद्धिजीवी, सोच विचार में उत्तम, मन से सशक्त और स्वस्थ होते है. पुर्वोंन्मुखी घर में हमेशा सुख और सौभाग्य विराजमान रहता है. किन्तु अगर इस घर में कोई वास्तुदोष रह जाए तो ये जितना लाभदायी है उतना ही अधिक खतरनाक और हानिकारक भी सिद्ध हो जाता है. इसलिए पुर्वोंन्मुखी घर के निर्माण से पहले आपको निम्नलिखित बातों को अवश्य ध्यान में रखना चाहियें.

·     मुख्य द्वार ( Main Gate ) : नाम के अनुरूप ही पुर्वोंन्मुखी घर के मुख्य द्वार के लिए पूर्व और ईशान कोण की दिशा उत्तम होती है. किन्तु ध्यान रहे कि द्वार आग्नेय कोण में ना हो वर्ना सूर्य की गर्मी और अग्नि की आग मिलकर आपके घर को जला देती है अर्थात घर में अनेक तरह के संकटों को उत्पन्न कर देती है. साथ ही आप मुख्य द्वार पर सूर्य देव की कोई चित्र या प्रतिमा भी स्थापित कर दें इससे कोई भी बुरी शक्ति आपके घर में प्रवेश नहीं कर पाती. CLICK HERE TO KNOW आग्नेयमुखी भवन का वास्तु ...
पुर्वोंन्मुखी भवन निर्माण के वास्तु सिद्धांत
पुर्वोंन्मुखी भवन निर्माण के वास्तु सिद्धांत
·     अन्य द्वार और खिड़कियाँ ( Other Doors and Windows ) : घर के बाकी कमरों के दरवाजे, रसोई, बाथरूम इत्यादि का दरवाजा भी आग्नेय कोण की तरफ नहीं होना चाहियें. खिडकियों के लिए भी आप आग्नेय को न को बिलकुल ना चुनें. जितना हो सके आप ईशान, उत्तर और पूर्व दिशा पर ही निर्भर रहें क्योकि आग्नेय कोण पूर्वोन्मुखी भवन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है इसलिए इससे जितना हो सके बचने की कोशिश करें.

·     खाली स्थान ( Empty Space ) : घर में सुख समृद्धि और धन की वर्षा के लिए पुर्वोंन्मुखी भूखंड के मालिक को उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ यथासंभव खाली स्थान छोड़ देना चाहियें, इस स्थान पर आप कोई बगीचा, स्विमिंग पूल या कोई अन्य आकर्षक चीज बनवा सकते हो. इस तरह वास्तुदोष भी दूर होते है और आपके बच्चे पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
पुर्वोंन्मुखी भवन घर
पुर्वोंन्मुखी भवन घर
·     स्टोर रूम ( Store Room ) : घर में जरूरी सामान के साथ साथ कुछ अतिरिक्त सामान भी हो जाता है जिसकी कभी कभी जरूरत होती है, ऐसे सामान को आप बिखरा हुआ ना छोड़ें बल्कि आप इन्हें रखने के लिए नैत्रत्य दिशा में एक कमरा बनवाकर वहां रख सकते हो खासतौर पर भारी सामान.

·     चारदीवारी ( Wall Around the House ) : पुर्वोंन्मुखी भवन में चारदीवारी करते वक़्त आप ध्यान रखें कि पूर्व दिशा और उत्तर दिशा बाकी की दिशाओं से थोड़ी नीचे हो. इस तरह आपके घर में संतान योग बढ़ते है और घर में हर्षोल्लास का माहौल रहता है. साथ ही होने वाली संतान भी बुद्धिमान और समझदार होती है. किन्तु पूर्व और उत्तर दीवार के बड़ा होने से सबकुछ उल्टा हो जाता है. चारदीवारी बनाते वक़्त आप इस बात का भी ध्यान रखें कि घर की दीवार और चारदीवारी में कम से कम 3 से 4 फूट का अंतर अवश्य हो.

·     बरामदा ( Veranda ) : अकसर लोग बरामदा घर के बीचों बीच बनवाते है जोकि सही भी है किन्तु पूर्वोन्मुखी भवन में बरामदे के लिए पूर्व दिशा को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस तरह घर के मुखिया के मान सम्मान और यश में वृद्धि होती है साथ ही वो सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ते है.
Architectural Principle for North Faced House Home
Architectural Principle for North Faced House Home
·     बालकनी ( Balcony ) : यदि आप घर को एक से अधिक मंजिल से उंचा बनवा रहे है तो आप हर मंजिल पर 2 से 2½ फीट की बालकनी अवश्य बनवाएं. इससे भी घर में धन का आगमन होता है और संकट बाहर निकल जाते है.

·     कूड़ा हटायें ( Remove Garbage ) : ऐसे अनेक घर होते है जो अपने घर में दरवाजे के साथ ही एक छोटा सा कूड़ाघर बनवा देते है ताकि रोजाना उसमे कूड़ा डाल सके किन्तु इस तरह कूड़ा डालने से मुखिया को धन और यश की हानि होती है और बच्चों का स्वास्थ्य भी हल्का ही रहता है.


उपरलिखित पुर्वोंन्मुखी भवन के निर्माण के लिए आवश्यक वास्तु सिद्धांतों को जानकर ही आप निर्माण प्रारंभ करें ताकि आपके जीवन में कभी भी दुःख ना आ सके. इसी तरह अन्य वास्तु विज्ञान और सिद्धांतों के बारे में जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट कर जानकारी हासिल कर सकते हो. 
Sahi Vaastu Anusar Banayen Purvonnmukhi Ghar
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