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Dishashul Hai to Yatra Kaise Karen | दिशाशूल है तो यात्रा कैसे करें | Travel with the Knowledge of Directions


दिशाशूल के अनुसार करें यात्रा ( Travel According to Dishashul )
आज के समाज ने हर क्षेत्र में बहुत उन्नति कर ली है किन्तु आज भी अनेक ऐसे लोग है जो वैज्ञानिक पद्धतियों की जगह पुरानी तथाकथित बातों व उपायों पर ही विश्वास करते है. वैज्ञानिक युग में कुछ लोग इन उपायों को अंधविश्वास का नाम दे देते है किन्तु आपको बता दें कि विज्ञान की भी अनेक ऐसी शाखायें है जहाँ इन प्राचीन काल से चली आ रही प्रथाओं का विश्लेषण किया जा रह है और आश्चर्यजनक बात तो ये है कि परा मनोविज्ञान और मेटाफिजिक्स ने तो इन प्रथाओं को स्वीकार भी कर लिया है. आज हम आपको ऐसी ही एक प्रथा से अवगत करा रहे है जिसे दिशाशूल के नाम से जाना जाता है. 

दिशाशूल आपको दिशाओं के बारे में ज्ञान देता है और आपको बताता है कि कब किस दिशा में यात्रा करनी चाहियें, किस राशी वाले के लिए कौन सी दिशा उत्तम है, किस दिशा में सोना चाहियें इत्यादि. वैज्ञानिकों द्वारा जब दिशाशुल को समझने की कोशिश की गयी तो उन्होंने पाया कि दिशाशुल पूर्ण रूप से एनर्जी पर कार्य करता है. दिशाशूल को समझने से पहले आप जान लें कि दिशाएँ क्या है और ये कितने प्रकार की होती है. CLICK HERE TO KNOW दिशाओं से प्राप्त होती है सकारात्मक प्रगति ...
Dishashul Hai to Yatra Kaise Karen
Dishashul Hai to Yatra Kaise Karen
दिशाएँ ( 10 Directions ) :
मुख्यतः हम सब यही सोचते है कि सिर्फ 4 दिशाएं होती है पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण किन्तु जब आप धर्म ग्रंथों को उठाते है तो आपको उनमें 10 दिशाओं का वर्णन मिलता है और हर दिशा का अपना एक देव भी है. ये दिशाएँ निम्नलिखित है
 
-   पूर्व [ East Direction ]

-   पश्चिम [ West Direction ]

-   उत्तर [ North Direction ]

-   दक्षिण [ South Direction ]

-   उत्तर पूर्व ( ईशान ) [ North – East Direction ]

-   उत्तर पश्चिम ( वायव्ये ) [ North – West Direction ]

-   दक्षिण पूर्व ( आग्नेय ) [ South – East Direction ]

-   दक्षिण पश्चिम ( नैत्रत्य ) [ South – West Direction ]

-   आकाश और [ Sky ]

-   पाताल [ Inferno ]

अब आपको पता है कि दस दिशाएँ कौन कौन सी है. तो ज्योतिष शास्त्र में इन दिशाओं के महत्व को समझने की कोशिश करते है. ज्योतिष शब्द में ज्योति भी समाहित है, जिससे अर्थ है प्रकाश “. इसीलिए माना जाता है कि ज्योतिष शास्त्र आपकी आँखों और किस्मत पर पड़े अँधेरे के आवरण को हटता है और आपको नवीनता की ज्योति दिखाता है. CLICK HERE TO KNOW दसों दिशाओं का ज्ञान ... 
दिशाशूल है तो यात्रा कैसे करें
दिशाशूल है तो यात्रा कैसे करें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य के जीवन की हर परिस्थिति के पीछे कोई न कोई तत्व उत्तरदायी अवश्य होता है, चाहे वो दिशा हो, घर हो, कुंडली हो या पंचतत्व. अगर मनुष्य तनिक भर भी अपने जीवन को समझ लें तो वो भविष्य में होने वाली अनेक समस्याओं से निवारण पा सकता है और अपने जीवन को सुखी, खुशमयी और समृद्ध बना सकता है. साथ ही जब भी आप अपने घर से बाहर जाएँ तो आपको दिशाशूल का ध्यान रखना अति आवश्यक है. तो आओ अब जानते है कि किस दिन किस दिशा में यात्रा करनी चाहियें. 

किस दिन कौन सी दिशा में ना करे यात्रा ( Don’t Travel in These Direction on These Days ) :
-   पूर्व दिशा : अगर आप पूर्व दिशा में काम के लिए जा रहे है तो आप शनिवार और सोमवार के दिन को छोड़ किसी अन्य दिन ही प्रस्थान करें. 

-   पश्चिम दिशा : रविवार और शुक्रवार के दिनों को पश्चिम दिशा में यात्रा करना सबसे अधिक भयंकर माना गया है. 

-   उत्तर दिशा : जबकि मंगलवार और बुधवार के दिन आपको उत्तर दिशा में यात्रा बिलकुल नहीं करनी चाहियें.

-   दक्षिण दिशा : गुरूवार, इस दिन आप दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचें. 

-   आग्नेय कोण : अर्थात दक्षिण पूर्व दिशा में यात्रा करने के लिए सोमवार और गुरूवार के दिन के अलावा किसी अन्य दिन को ही चुनें. 
दिशाशूल है तो यात्रा कैसे करें
दिशाशूल है तो यात्रा कैसे करें
-   नैत्रत्य कोण : दक्षिण पश्चिम दिशा में जाने के लिए रविवार और शुक्रवार को छोड़ अन्य सभी दिन शुभ है. 

-   ईशान कोण : वहीँ उत्तर पूर्व दिशा के लिए आप बुधवार और शनिवार को यात्रा ना करें तो ही आपके लिए हितकारी होगा. 

-   वायव्ये कोण : मंगलवार के दिन आप उत्तर पश्चिम दिशा की तरफ यात्रा नहीं कर सकते.

इन सब दिनों में आप ये सब दिशाएँ शूल की तरह कार्य करती है अर्थात आपको हानि पहुंचाती है तो आप बताएं गए दिनों में बताई गयी दिशाओं में जाने के बारे में विचार ना करें.

दिशाशूल में एक अन्य बात ये भी है कि अगर आप जिस दिन घर से निकले है, उसी दिन अपने गंतव्य पर पहुँच सकते हो तो उस स्थिति में यात्रा की तिथि, यात्रा का वार, सभी नक्षत्र, प्रतिशुक, योगनी और दिशाशूल इत्यादि किसी भी चीज का ध्यान नहीं रखा जाता.

आपातकालीन स्थिति में ( In Emergency Situation ) :
अगर आपके सामने कुछ ऐसी परिस्थितियाँ बनी हुई है कि आपको दिशाशूल होने के बावजूद यात्रा करनी ही है तो आप निम्नलिखित उपायों को अपनाकर यात्रा कर सकते है.

-   रविवार ( Sunday ) : अगर आपको किसी आपातकालीन स्थिति में रविवार के दिन यात्रा करनी पद रही है तो आप घर से निकलने से पहले दलिया और घी खाकर निकलें, इससे सभी दिशाशुलो से बचा जा सकता है. 

-   सोमवार ( Monday ) : सोमवार के दिन यात्रा करने से पहले आप शीशा देख कर जाएँ. इससे आपकी यात्रा सुखद होती है और आप जिस कार्य के लिए जा रहे है वो सफल होता है.  
Travel with the Knowledge of Directions

Travel with the Knowledge of Directions
-   मंगलवार ( Tuesday ) : दिशाशूल होने के बावजूद अगर आपको मंगलवार को यात्रा करनी पड़ रही है तो आप थोडा सा गुड खा कर अपने घर से बाहर कदम रखें. इससे आपकी यात्रा भी मंगलमयी हो जाती है. 

-   बुधवार ( Wednesday ) : अगर आप बुधवार को घर से धानिया या फिर तिल खाकर निकलते हो तो कोई भी दिशाशूल आपकी यात्रा को विफल नहीं बना सकता. 

-   वीरवार ( Thursday ) : आपने हमेशा सूना होगा कि अच्छे काम के लिए घर से निकलते वक़्त दही खा का निकलना चाहियें. ये उपाय वीरवार के दिन बहुत अधिक फलदायी होता है क्योकि दही खाकर बाहर निकलने से आप दिशाशूल के प्रभावों से भी मुक्त हो जाते हो और आपको आपकी यात्रा की पूर्ण सफलता मिलती है. 

-   शुक्रवार ( Friday ) : इसके अलावा शुक्रवार के दिन आपातकाल यात्रा पर निकलने से पहले आप जों खा कर ही घर से निकलें. इससे आपकी यात्रा शुभ फलदायी होती है. 

-   शनिवार ( Saturday ) : शनिवार न्याय के देव शिवदेव का दिन माना जाता है इसलिए आप इस दिन उनके पसंद की चीजें जैसे उड़द की दाल और अदरक इत्यादि खा कर घर से निकलते है तो उनकी कृपा आप पर बनी रहती है और आप पर किसी दिशाशूल का प्रभाव नहीं पड़ता. 

तो आप भी उपरलिखित दिशाशूल को समझकर ही अपनी यात्रा को आरंभ करें और उसे सफल बनाये. दिशाशूल से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है. 
दिशाशूल अंधविश्वास या तार्किकता
दिशाशूल अंधविश्वास या तार्किकता

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