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Bharangi Ke Jivandaayi Prayog | भारंगी के जीवनदायी प्रयोग | The Use of Life Giving Bharangi Plant

भारंगी ( Bharangi )
भारंगी का पौधा झाड़ीदार होता है जो पुरे भारत में मिलता है, अधिकतर ये पौधा नदी नालों या घास के मैदानों में मिलता है क्योकि इसे नमी अधिक पसंद होती है. कुछ स्थानों जैसे बिहार, बंगाल और देहरादून इत्यादि में तो ये समुद्र तल से 4000 फीट की उंचाई पर भी पाया गया है. अगर इसके वानस्पतिक परिचय की बात करें तो इसकी लम्बाई करीब 5 से 8 फीट तक ही होती है, इसमें शाखायें नहीं होती, जबकि तना 1 2 मीटर लंबा होता है, इसकी पत्तियाँ चौड़ी, तीखी और निकदार होती है जिनमें ऊपर की तरफ काले धब्बे होते है जबकि नीचे की तरफ रोम होते है. भारंगी के पौधे में सफ़ेद या फिर नीले रंग के खुशबूदार फुल आते है जो सारे वातावरण को महकाकर रखते है, लेकिन इसके फल गोल, मांसल और जामुनी रंग के होते है जिनका व्यास करीब ½ इंच का होता है. फुल आने की अवधि अप्रैल होती है जो वर्षा ऋतू में पकते है. इसके फूलों की एक ख़ास बात ये है कि इनकी पत्तियाँ झड जाती है और सिर्फ लाल sepals रह जाते है. CLICK HERE TO KNOW कायाकल्प बदलने में सक्षम है भृंगराज ...
Bharangi Ke Jivandaayi Prayog
Bharangi Ke Jivandaayi Prayog
भारंगी की खासियत ( The Qualities of Bharangi Plant ) :
·     अस्थमा और श्वास रोग ( Cures Asthma and Other Breathing Diseases ) : भारंगी को संस्कृत भाषा में ब्राहमण यष्टिका ( डंडा ) के नाम से जाना जाता है और एक मान्यता है कि इसके डंडे मात्र को लेकर चलने से अस्थमा के रोगियों को अस्थमा से निजात मिल जाती है. इसीलिए इसे श्वास के रोगों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

·     टीबी ( Cures Tuberculosis ) : वहीँ टीबी के रोगियों को इसके पंचांग अर्थात जड़, फल, फुल, तने और जड़ से काढा तैयार करके प्रातः काल पीना चाहियें, कुछ दिनों पश्चात ही उन्हें आराम होना शुरू हो जाता है.

·     आँखों की परेशानी ( Removes Eye Problems ) : आँखों के रोग जैसे मोतियाबिंद, आँखों में जलन दर्द, रतौंधी इत्यादि होने पर इसके पत्तों की लुगदी बनायें और उसे आँखों पर बांधें.

·     सिरदर्द ( Removes Headache ) : सिर दर्द होने या आधासीसी के दर्द से राहत पाने के लिए आपको इसकी जड़ पीसकर एक लेप तैयार करना है और उस लेप को दिन में 5 6 घंटे माथे पर लगाएं रखना है. इसकी जड़ धीरे धीरे सारे दर्द के कणों को सोख लेती है और आपको राहत पहुंचती है. CLICK HERE TO KNOW संजीवनी बूटी केसर ... 
The Use of Life Giving Bharangi Plant
The Use of Life Giving Bharangi Plant
·     घेंघा रोग ( Cures Goiter ) : घेंघा रोग या किसी अन्य गले संबंधी समस्या होने पर आपको इसके पत्तों से काढा तैयार करके सुबह शाम पीना है.

·     थाइराइड ( Special Medicine for Thyroid ) : भारंगी को थायराइड की समस्या के लिए राम बाण इलाज माना जाता है. इसके लिए आपको भारंगी की जड़ का 3 ग्राम चूर्ण और 3 ग्राम त्रिकुट अर्थात सौंठ + काली मिर्च + पिप्पल का चूर्ण मिलाकर रोजाना सुबह शाम गर्म पानी के साथ लेना है.

·     मोटापा ( Remove Obesity ) : मोटापा खत्म करने में लिये भी भारंगी का इस्तेमाल क्या जाता है, इससे शरीर का फिब्रोइड खत्म होता है. मोटापे को दूर करने के लिए भारंगी के पंचांग में थोडा तेल मिलाकर इसका सेवन करें.

·     पेट विकार ( Remove Stomach Disorders ) : अक्सर गलत विशुद्ध खाना खाने के कारण फ़ूड पोइजनिंग हो जाती है या पेट में अन्य संक्रमण पैदा हो जाते है जैसेकि कब्ज, गैस इत्यादि. ऐसी अवस्था में भारंगी के पंचांग से काढा तैयार करके पी जाएँ. 2 3 बार के प्रयोग में ही पेट विकार दूर हो जायेंगे. वहीँ इसके बीज के पाउडर का 3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द में राहत मिलती है.

·     चर्म रोग ( Treat Skin Diseases ) : इसके पंचांग से बना काढा रक्त शुद्धि में सहायक होता है जिससे चर्म रोग और रक्त दोष होने का ख़तरा टल जाता है.
भारंगी के जीवनदायी प्रयोग
भारंगी के जीवनदायी प्रयोग
·     मांसपेशियों में दर्द ( Remove Muscular Pain ) : वहीँ मांसपेशियों में दर्द होने पर आपको इसकी पत्तियों से तेल बनाना है और उस तेल से शरीर की मालिश करनी है इस तरह ये शरीर को स्वस्थ और शक्तिशाली भी रखता है. इसकी पत्तियों का तेल बनाने विधि भी बहुत आसान है जिसके अनुसार आपको सबसे पहले इसकी पत्तियों का करीब 800 ग्राम रस निकलना है और उसे धीमी आंच पर पकाना है. जब ये रस की मात्रा आधी रह जाएँ अर्थात 400 ग्राम तेल रह जाए तो उसमें 200 ग्राम सरसों का तेल डालकर मिलाएं और कुछ देर तक पकने दें. जब आपको लगे की सिर्फ तेल रह गया है तो आप उसे छानकर किसी सुरक्षित शीशी में भरकर रख लें और जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करें.  

·     फोड़े होने पर ( Use on Boils and Pimples ) : शरीर के किसी भी अंग पर फोड़े या फुंसी होने पर आप इसके पत्तों की पुल्टिस बनाकर उसे बांधें, तुरंत आराम मिलेगा.

भारंगी के पौधे के अन्य जीवनदायी उपाय प्रयोगों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो. 
श्वास रोगियों के लिए जीवन है भारंगी
श्वास रोगियों के लिए जीवन है भारंगी

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5 comments:

  1. Andruni mass phatne par bharangi ka upyog kaise kare

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  2. दमा मे इसके पत्ते का चुर्ण ले सकते हैं क्या?

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