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Palaas ke Prayog | पलास के प्रयोग | Experiment of Tesu Palaas Bastard Teak

टेसू या पलास ( Bastard Teak )
टेसू का पौधा कहीं भी आसानी से देखा जा सकता है, इसकी लम्बाई तक़रीबन 150 से 450 सेंटीमीटर लम्बे होती है जबकि इसके पत्ते करीब 6 इंच की लम्बाई वाले होते है. इसकी छाल खुरदरी और ½ इंच मोटी होती है, साथ ही जब गर्मियों में इसकी छाल को काटा जाता है तो उसमें से एक रस निकलता है जिसे जमाने पर लाल गोंद जैसा पदार्थ बनता है. इसमें लाल और नारंगी रंग के चमकीले फुल लगते है, जो दिखने में आकर्षक और मनमोहक होते है. दूर से देखने पर ये आग की तरह प्रतीत होते है इसीलिए ये जंगल की आग के नाम से काफी मशहूर है. CLICK HERE TO KNOW काले बालों के लिए कमल का फूल ... 
Palaas ke Prayog
Palaas ke Prayog
टेसू के हर हिस्से का प्रयोग ( Use of Every Part of Palaas Tree ) :
प्राचीन समय से ही इस पौधे को एक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है, इसके पत्तों से पत्तल, दोने और तंबाकू की बीड़ियाँ इत्यादि बनती है वहीँ इसके फुल और बीजों से औषधि निर्मित की जाती है. इसके बीजों में पेट के कीड़े मारने की शक्ति होती है और इसके फूलों से होली के रंग बनायें जाते है क्योकि जब इसके फूलों को उबाला जाता है तो उनमे से ललाई लिया हुआ पीला रंग निकलता है. इसकी फली की बुकनी करने पर ये अबीर की तरह इस्तेमाल की जाती है तो इसकी छाल में से एक रेशा निकलता है. जिसे जहाज़ों के पटरों में इस्तेमाल किया जाता है ताकि पानी अंदर ना आ सके. इसके अलावा इसकी छाल से निकलने वाले रस से गोंद का निर्माण भी होता है. जिसे चुनियाँ गोंद या पलास गोंद के नाम से जाना जाता है. इसकी जड़ को प्रयोग में लाकर रस्सियाँ, कागज़ और दरी बनाई जाती है. टेसू की पतली पतली डालियों को उबालने पर एक तरह का कत्था बनाया जाता है जो खाने योग्य तो नही होता फिर भी बंगाल के लोग इसका इस्तेमाल अवश्य करते है. इसकी मोटी डालियाँ या फिर तने को जलाने से कोयले की प्राप्ति होती है. CLICK HERE TO KNOW भगवान को फूल कैसे चढ़ाएं ... 
पलास के प्रयोग
पलास के प्रयोग
टेसू के अनुभूत प्रयोग ( Tried Uses of Tesu Tree ) :
·     खून की वृद्धि ( Increases Blood ) : अगर टेसू के फूलों का सेवन किया जाते तो शरीर में शक्ति का संचार होता है प्यास भुझती है. इसका नियमति सेवन खून के शुद्धिकरण में सहायक होता है जिससे त्वचा साफ़ रहती है और शरीर रोग मुक्त रहता है. ये मूत्र मार्ग को खोलकर शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालते है.

·     रतौंधी ( Night Blindness ) : रतौंधी एक ऐसी बिमारी है जिसमे रोगी को रात के समय दिखना बंद हो जाता है, किन्तु टेसू की जड़ का प्रयोग कर इसका उपचार संभव होता है. इसके अलावा ये आँखों की सुजन हटाने, मोतियाबिंद, आँखों की झाँक, खिल और आँखों की रौशनी को वापस लाने में भी सहायक सिद्ध होता है. आँखों के रोग ठीक करने के लिए आपको रोजाना टेसू की ताज़ी जड़ से 1 बूंद रस को आँखों में डालना है.
Experiment of Tesu Palaas Bastard Teak
Experiment of Tesu Palaas Bastard Teak
·     पेट में गैस ( Gastric Problem ) : अगर लगातार पेट में गैस बनती है तो उन लोगों को शुंठी और टेसू की छाल से काढा तैयार करना है और उस काढ़े की 40 मिलीलीटर की मात्रा को रोजाना दिन में 2 बार पीना है. इससे रोगी को गैस और पेट दर्द दोनों से राहत मिलती है.

·     नकसीर ( Hemorrhage ) : गर्मियों के समय में अकसर शरीर में अधिक गर्मी बनने की वजह से नकसीर अर्थात नाक में से खून आना आरम्भ हो जाता है. ऐसी अवस्था से बचने के लिए आपको 5 7 टेसू के फलों को रात भर ठन्डे पानी में भिगोकर रखना है और अगले दिन प्रातःकाल फूलों को निकालकर पानी में मिश्री मिलाकर पानी पीना है. ये शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है और नकसीर में राहत दिलाता है.

·     मिर्गी ( Epilepsy ) : मिर्गी को सामान्य भाषा में दौरा पड़ना भी कहा जाता है. जिन लोगों को मिर्गी का दौरा पड़ता है उन्हें रोजाना टेसू की जड़ से निकले हुए रस की 4 5 बूंदों को नाक में डालना है.
टेसू यानी पलाश कितने काम का
टेसू यानी पलाश कितने काम का
·     घेंघा रोग ( Goiter ) : घेंघा रोग से ग्रसित लोगों की गर्दन सूज जाती है इसीलिए इसे गलगण्ड रोग के नाम से भी जाना जाता है. इस रोग में रोगी टेसू की जड़ को पानी के साथ घिसकर लेप तैयार करें और उसे गले व कान के नीचे लगाएं. जल्द ही उन्हें आराम मिलता है.

·     पेट के कीड़े ( Stomach Worms ) : पेट के कीड़ों का कारण अनियमित व विशुद्ध खाना और सही व्यायाम ना करना होते है. इन कीड़ों को खत्म करने के लिए आपको अजवायन, वायविडंग, कबीला, किरमानी और टेसू के बीजों को समान मात्रा में मिलाकर एक पाउडर तैयार करना है और उस पाउडर की 3 ग्राम मात्रा को गुड के साथ रोजाना दिन में 2 बार लेना है. इससे पेट के कीड़े पेट में ही मर जाते है और मल मार्ग से बाहर निकल जाते है.

·     प्रमेह ( Gonorrhea ) : प्रमेह रोग होने पर सबसे पहले टेसू की जड़ का रस निकालें और रस में 3 दिनों तक गेहूँ के कुछ दानों को भिगोंकर रखा रहने दें. चौथे दिन दानों को निकालें और उनसे हलवा बनायें. इस हलवे को खाने से धातु रोग, शीघ्रपतन और शारीरिक कमजोरी दूर होती है.
Dhaak Palash ke Aushdhiya Gun
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·     खुनी बवासीर ( Bloody Piles ) : खुनी बवासीर होने पर टेसू की जड़, तने, पत्तियों, फल और फूलों को लेकर जला लें, तैयार राख की 15 ग्राम मात्रा को गुनगुने घी में डालकर पी जाएँ. कुछ दिन इसका इसी तरह सेवन करें. आपको महसूस होगा की बवासीर के मस्से सूखने लगे है और उनमें आराम होने लगा है.

·     दस्त ( Diarrhea ) : वहीँ दस्त होने पर आपको टेसू के गोंद की 650 मिलीग्राम मात्रा लें और उसमें थोड़ी दालचीनी और हल्की सी अफीम मिलाएं. इस मिश्रण को पानी के साथ खाएं, दस्त बंद हो जायेंगे.

·     सुजन ( Swelling ) : अगर शरीर के किसी हिस्से में सुजन हो जाती है तो आप टेसू के फूलों की एक पोटली बनाएं और उसे उस हिस्से पर बांधें जहाँ सुजन हुई है. पत्ते सारी सुजन को सोख लेते है और आपको आराम दिलाते है.

·     जोड़ों में दर्द ( Joint Pain ) : पलास के बीजों का पाउडर और शहद मिलाकर एक लेप तैयार करें, उस लेप को जोड़ों पर बांधें, तुरन्त दर्द में राहत का आभास होता है.

·     गाँठ ( Tumor ) : शरीर के किसी स्थान पर गाँठ होने पर आपको पलास अर्थात टेसू की जड़ का छाल उतारें और उसकी 3 5 ग्राम की मात्रा को दूध में मिलाकर पियें. ये उपाय गांठों को गलाकर आराम दिलाता है.
Rang Hee Nahi Aushdhi Bhi hai Teshu ke Phool
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·     अंडकोषों में सुजन ( Swollen Testicles ) : कभी कभी कुछ समस्याओं और रोगों के प्रभाव के कारण अंडकोषों में पानी भर जाता है या वे सूज जाते है. ऐसे अवस्था में आपको टेसू के फूलों की पोटली बनानी है और उसे नाभि के नीचे बाँधना है. इससे रुका हुआ मूत्र या अंडकोषों में भरा पानी सुख जाता है और रोगी को आराम मिलता है.

·     हैजा ( Cholera ) : 10 10 ग्राम टेसू के फल और कलमी शोरा ले और उसे पानी में घिसकर लेप तैयार करें. इस लेप को पीड़ित व्यक्ति के पेडू पर लगाएं. इससे जल्द ही आराम मिलता है.

·     वाजीकरण ( Weak Physical Strength ) : युवावस्था में गलत काम करने की वजह से कुछ लोग अपनी शारीरिक शक्ति खो बैठते है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अपने वैवाहिक जीवन का भी पूर्ण लाभ नही मिल पाता. ऐसे में उन्हें 5 6 बूंद पलास के जड़ का रस दिन में 2 बार पीना चाहियें. इससे उनकी काम शक्ति बढती है और वे अधिक समय तक शारीरिक संबंध बना पाते है.

·     गर्भनिरोधक ( Contraceptive ) : जी हाँ, टेसू के बीजों को एक गर्भनिरोधक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है इसके लिए टेसू के बीजों को जलाकर राख तैयार करें और उस राख में आधी मात्रा में हिंग मिलाकर मिश्रण तैयार करें. अब जब भी माहवारी आये तो इस मिश्रण की 3 ग्राम की मात्रा को प्रतिदिन लें. इससे स्त्री का गर्भ नहीं ठहरता.

पलास टेसू के अन्य चमत्कारिक उपाय और प्रयागों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Tesu se Rogon ke Anubhut Upay Upyog
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