प्रोटोकॉल
( Protocol )
प्रोटोकॉल
नियमों के कुछ ऐसे समूह होते है जो दो या दो से अधिक लोगों या यंत्रों के बीच
संचार के एक फॉर्मेट को दर्शाते है. हर क्षेत्र में अलग प्रोटोकॉल का इस्तेमाल
होता है जैसेकि वेब ब्राउज़िंग में HTTP इत्यादि प्रोटोकॉल का इस्तेमाल होता है, ईमेल सेवा
में IMAP प्रोटोकॉल उसे होते है, वहीं
इंटरनेट में SSL प्रोटोकॉल का इस्तेमाल होता है. आज हम आपको
कंप्यूटर से जुड़े कुछ ऐसे ही प्रोटोकल के बारे में बतायेंगे किन्तु पहले ये जान
लेते है कि प्रोटोकॉल कैसे काम करते है. CLICK HERE TO KNOW URL के प्रकार और उसके घटक अंग ...
Computer Protocol or Uske Prakar |
प्रोटोकॉल
काम कैसे करते है ( How Protocol Works ) :
जिस
तरह जब दो मनुष्य मिलते है तो वे एक दुसरे से बात करने के लिए किसी ना किसी भाषा
का इस्तेमाल करते है. जब वे बात करते है तो उन्हें सामने वाले की बात को समझने के
लिए जरूरी नहीं है कि उन्हें व्याकरण के सभी नियमों का पता हो, किन्तु फिर
भी वे बात को समझ जाते है. वे हल्के फुल्के नियमों और कम शब्दकोष के जरिये भी
अंदाजा लगा लेते है कि सामने वाला क्या कह रहा है.
लेकिन
कंप्यूटर प्रोटोकॉल में बिलकुल उल्टा है, अगर दो कंप्यूटर के बीच संचार
हो रहा है तो उनके बीच शत प्रतिशत सही जानकारी डाटा, फिगर,
आकार इत्यादि का संचार होना आवश्यक है तभी वे आपके द्वारा दी गई
डाटा को समझ पायेगे और आपको उसका परिणाम देंगे, अन्यथा कोई
निष्कर्ष नहीं निकलेगा. इसीलिए कंप्यूटर या किसी भी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस ( Electronics Device ) के बीच संचार की प्रक्रिया
के लिए प्रोटोकॉल बनाएं गए है जिनके अनेक प्रकार है. इनकी मदद से दो कंप्यूटर के
बीच चाहे कितनी भी दुरी क्यों ना हो, अगर उनके बीच सही प्रोटोकॉल का
इस्तेमाल किया गया तो वे सामान जानकारी को आसानी से पा सकते है. तो आओ अब कंप्यूटर
प्रोटोकॉल के प्रकारों के बारे में जानते है. CLICK HERE TO KNOW XML फाइल कैसे बनायें ...
कंप्यूटर प्रोटोकॉल और उसके प्रकार हिंदी में |
प्रोटोकॉल
के प्रकार ( Type of Protocol ) :
प्रोटोकॉल
को आप मुख्यतः दो हिस्सों में बाँट सकते हो
1. Routing Protocol : रूटिंग प्रोटोकॉल का
इस्तेमाल नेटवर्क में रास्ते को खोजने के लिए किया जाता है. जबकि
2. Routed Protocol : रुटेड प्रोटोकॉल का इस्तेमाल
डाटा, जानकारी, ट्रैफिक इत्यादि को एक स्थान से दुसरे
स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता है.
इनके
लिए अनेक प्रोटोकॉल बनायें गए है जो निम्नलिखित है ( Some Important Protocols ) -
· रूटिंग प्रोटोकॉल ( Routing Protocol ) :
- RIP ( Routing Information
Protocol )
- IGRP ( Interior Gateway Routing
Protocol )
- OSPF ( Open Shortest Path First )
- EIGRP ( Enhanced Interior Gateway
Routing Protocol )
- NLSP ( Netware Link Services
Protocol )
- RTMP ( Real Time Messaging
Protocol )
- ARP ( Address Resolution Protocol )
- IS-IS ( Intermediate System of
Intermediate System )
- EFP ( Exterior Gateway Protocol )
- BGP ( Border Gateway Protocol )
- OLSR ( Optimized Link State
Routing Protocol )
- TCP ( Transmission Control
Protocol )
- UDP ( User Datagram Protocol )
- ICMP ( Internet Control Message
Protocol )
- SMTP ( Simple Mail Transfer
Protocol )
- POP ( Post Office Protocol )
- IMAP ( Interactive Mail Access Protocol )
- HTTP ( Hyper Text Transfer
Protocol )
- HTTPS ( Hyper Text Transfer
Protocol over Secure Socket Layer )
- FTP ( File Transfer Protocol )
What is Computer Protocol and Its Type in Hindi |
· रूटेड प्रोटोकॉल ( Routed Protocol ) :
- IP ( Internet Protocol )
- IPX ( Internetwork Packet
Exchange )
- AppleTalk
इनके
अलावा भी अनेक प्रोटोकॉल, इंटीरियर प्रोटोकॉल, एक्सटीरीयर प्रोटोकॉल, स्टेटिक प्रोटोकॉल और उनकी लेयर होती है.
Transmission Control Protocol / Internet
Protocol
TCP और IP दोनों ही अलग प्रक्रियाओं का
अनुसरण करते है, किन्तु इनका एक साथ इस्तेमाल भी किया जा सकता है और जब किन्ही दो या दो से
अधिक प्रोटोकॉल को एक ही कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो उसे स्टैक ( Stack ) कहा जाता है, क्योकि इनके
संचालन की कुछ लेयर ( Layer ) होती है. देखा जाएँ तो इन
दोनों प्रोटोकॉल को एक पुरे सूट ( Suite ) को दर्शाने के लिए
इस्तेमाल किया जाता है और प्रोटोकॉल के यही सूट वेब के संचालन की जानकारियाँ
पहुंचाते है. TCP और IP प्रोटोकॉल का इस्तेमाल काफी
लोकल एरिया नेटवर्क के लिए भी किया जाता है.
इन्टरनेट प्रोटोकॉल |
§ TCP : जब भी किसी जानकारी को
इन्टरनेट पर डाला जाता है तो वो छोटे छोटे हिस्सों में टूट जाती है जिन्हें
पैकेट्स ( Packets ) कहा जाता है. इन पैकेट्स का
इस्तेमाल करके ही किसी भी जानकारी को तुरंत अलग अलग रूट पर भेज दिया जाता है जहाँ
से ये अपने गंतव्य ( Destination ) तक आसानी से पहुँच पाते
है. इन पैकेट्स का एक लाभ ये भी है कि ये डाटा को जल्दी से खोने नहीं देते. TCP का कार्य इसी तरह के पैकेट्स
को बनाना और उन्हें शुरू से आखिर तक एक सही क्रम में लगाना है, ये इस बात
को भी सुनिश्चित करता है कि कोई भी पैकेट खो ना जाएँ.
§ IP : वहीँ IP एक ऐसी प्रक्रिया है जो हर
जानकारी और इनफार्मेशन को उनकी सही जगह तक पहुंचाती है. हर कंप्यूटर का इन्टरनेट
पर अपना एक अलग पता होता है जिसे IP Address कहा जाता है. इसलिए जब भी किसी पैकेट को भेजा
जाता है तो उसको एक IP Address दे दिया जाता है ताकि उसे पता हो कि उसे कहाँ
जाना है. ये ठीक आपके क्षेत्र के डाकिया की तरह कार्य करता है, जिसे हर
चिठ्ठी पर एक पता मिलता है और वो समझ जाता है कि चिठ्ठी को कहाँ पहुँचाना है. हर
पैकेट जिसे आपके कंप्यूटर तक भेजा जाता है वो आपके पास आने से पहले कई कंप्यूटर के
पास से भी गुजरता है किन्तु पहुँचता सिर्फ आपके पास ही है.
Email Protocol |
User Datagram Protocol and Internet Control
Message Protocol
§ UDP : UDP भी TCP और IP का ही एक साथी है. ये एक ऐसा Datagram है जो बिलकुल पैकेट की तरह
ही कार्य करता है किन्तु इसमें एक से अधिक Datagram होते है. इस प्रोटोकॉल का इस्तेमाल IP के साथ उस वक़्त इस्तेमाल
किया जाता है जब छोटी और कम जानकारियों को भेजा जाता है. ये TCP से भी आसान है किन्तु इसमें
फ्लो नहीं है और ये अपनी गलतियों को भी रिकवर नहीं कर सकता जबकि TCP में फ्लो भी अच्छा है और वो
अपनी गलतियों को सही भी कर लेता है. इसीलिए UDP का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता है.
§ ICMP : इसके अलावा एक अन्य
प्रोटोकॉल है Internet Control
Message Protocol ( ICMP ). ये बहुत कम मेसेज के लिए
इस्तेमाल किया जाता है और इसको इस्तेमाल करने का मुख्य कारण प्रबंधन ( Management ) और समस्या को हल करना ( Diagnostic ) है.
Mail Protocols Post Office Protocol 3, Simple Mail Transfer
Protocol and Interactive Mail Access Protocol
§ SMTP : कंप्यूटर और इन्टरनेट पर
सिर्फ एक कार्य तो होता नहीं इसलिए इन्टरनेट के हर कार्य के लिए अलग से प्रोटोकॉल
का एक समूह होता है, ठीक इसी तरह ईमेल के लिए भी प्रोटोकॉल का एक समूह है जिनकी मदद से ईमेल को
पाया और भेजा जाता है. ईमेल को भेजने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल होने
वाला प्रोटोकॉल Simple Mail Transfer
Protocol है. जब भी आप किसी ईमेल
क्लाइंट के साथ जुड़ते है तो आपको एक SMTP जरुर इस्तेमाल करना पड़ता है.
How Protocol Work |
§ POP3 : वहीं ईमेल को पाने के लिए
जिस प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है उसे Post Office Protocol का नाम दिया गया है. आज के
समय में इसका तीसरा वर्शन इस्तेमाल होता है इसीलिए हमने इसका शीर्षक भी POP 3 ही डाला है. जिस तरह ईमेल
भेजने के लिए एक SMTP जरूरी है ठीक उसी तरह हर
ईमेल क्लिंट या ग्राहक को कोई ईमेल तभी मिलती है जब उसके पास POP की सुविधा हो, इसलिए आप
इसे एक सर्विस की तरह भी देख सकते है. ये हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता कि SMTP और POP दोनों के पास सामान पता हो, किन्तु ये
सही जगह जाएँ इसके लिए ये TCP का प्रयोग करते है.
§ IMAP: ईमेल के लिए एक अन्य
प्रोटोकॉल IMAP ( Interactive Mail Access
Protocol ) का इस्तेमाल भी किया जाता है. ये ईमेल को
पढने के लिए सबसे शक्तिशाली प्रोटोकॉल माना जाता है. इसकी मदद से आप एक ईमेल
अकाउंट के मेलबॉक्स में किसी भी ईमेल को आसानी से पढ़ पाते है, आप अपने फ़ोन
और कंप्यूटर में ईमेल को पहने के लिए जिस प्रोटोकॉल का प्रयोग करते हो वो यही है.
ये प्रोटोकॉल भी ईमेल का संचालन करने के लिए TCP की ही मदद लेता है.
Internet mein Protocol ka Istemal |
Hyper Text Transfer Protocol
हर
वेब पेज एक भाषा से बनता है जिसे Hyper Text Markup Language कहा जाता है. उसी पेज को
पुरे इन्टरनेट वेब पर डालने के लिए एक सामान्य तरीके या प्रोटोकॉल का इस्तेमाल
किया जाता है जिसे HTTP ( Hyper Text Transfer Protocol ) के नाम से जाना जाता है.
ये प्रोटोकॉल भी इन्टरनेट पर काम करने और अपने कार्य को मैनेज करने के लिए TCP और IP का ही इस्तेमाल करता है.
इसी
प्रोटोकॉल के समान ही एक अन्य प्रोटोकॉल भी है HTTPS ( Hyper Text Transfer
Protocol over Secure Socket Layer ). ये हर डाटा को एक
सिक्यूरिटी प्रदान करता है, इसका उदहारण आप हर उस वेबसाइट के URL में देख सकते है जिसकी शुरुआत https:// से होती है.
Web mein Protocols |
File Transfer Protocol
ये
प्रोटोकॉल अपने नाम की तरह ही कार्य करता है, ये किसी भी नेटवर्क की सभी
फाइल्स को पहले कॉपी ( Copy ) करता है फिर उसे एक
कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर तक पहुंचाने में मदद करता है. कहने का अर्थ है कि ये
सबसे आसान तरीके से फाइल और उसके डाटा को मैनेज करता है. जबसे www ( World Wide Web ) आया है तब से ये बहुत कम
इस्तेमाल किया जाता है या यूँ कहें कि आज इसका इस्तेमाल सिर्फ फाइल को किसी
वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए ही होता है. पहले इसका इस्तेमाल वेबसाइट से गाने, फोटोज और
सॉफ्टवेर इत्यादि को डाउनलोड करने के लिए भी होता था किन्तु आज उसके स्थान पर http का इस्तेमाल किया जाने लगा
है. लेकिन आज भी बहुत सी ऐसी साईट है जो डाउनलोडिंग के लिए FTP का ही इस्तेमाल करती है
क्योकि इसपर अधिक ट्रैफिक नहीं होता है.
कंप्यूटर
प्रोटोकॉल, उनके कार्य और उनके इस्तेमाल के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे
कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Protocol ka Matlab |
Computer
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and Its Type in Hindi, Protocols, प्रोटोकॉल, How Protocol Work, Internet mein Protocol
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Protocol
- जवान रहने का फार्मूला
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Yes or protocol
ReplyDeleteIt's helpful.
ReplyDeleteसर मैं अपनी वेबसाइट बनाना चाहता हूं मेरे पास अपनी ऑलरेडी वेबसाइट है लेकिन मैं वहां पर HTML कोडिंग करना चाहता हूं और साइट को अपने मुताबिक बनाना चाहता हूं जैसे कि YouTube सर बताइए उसके लिए मैं क्या करूं क्या गो डैडी से नई वेबसाइट खरीद लूं और क्या उस पर अपने मुताबिक HTML कोडिंग करके वेबसाइट को अपने अनुसार बनाया जा सकता है सर प्लीज उत्तर दें
ReplyDeletenyc
ReplyDeleteGopher
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