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Ek Vardaan Hai Bargad ka Ped | एक वरदान है बरगद का पेड़ | Banyan Tree is a Blessing in Life

बरगद का पेड़ ( Banyan Tree )
बरगद एक ऐसा वृक्ष है जो कभी भी नष्ट नहीं होता और इसीलिए इसे अक्षय वट के नाम से भी जाना जाता है. इसकी पहचान बहुत आसान है क्योकि ये बहुत चौड़ा घना और फैला हुआ वृक्ष है. इसकी शाखाओं से जड़ें निकलकर हवा में लटकती रहती है और समय के साथ ये लटकी हुई जड़ें जमीन में घुसने लगती है. वैसे इस पेड़ की जड़ें जमीन में भी काफी दूर दूर तक फैलती है. इसको पुराने समय से ही पूजा जाता है और अनेक टोटके भी इसी पेड़ के नीचे किया जाते है और अनेक साधुओं ने अपनी साधना के लिए इसी पेड़ की छाव को चुना है. तो इस तरह अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये आध्यामिक तौर से हमारे जीवन में कितना महत्व रखता है किन्तु इसके अनेक स्वास्थ्य लाभ भी है जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है. CLICK HERE TO KNOW विभिन्न रोगों के उपचार के लिए पीपल ...
Ek Vardaan Hai Bargad ka Ped
Ek Vardaan Hai Bargad ka Ped
बरगद के पेड़ के स्वास्थ्य लाभ ( Health Benefits of  Banyan Tree ) :
§ गंजापन दूर करें ( Treat Baldness ) : गंजेपन को दूर करने के लिए आपको एक तेल का निर्माण करना है जिसके लिए आपको 25 25 ग्राम जटामांसी का चूर्ण और बरगद के पेड़ की जड़, 2 लीटर गिलोय का रस और 400 मिलीलीटर तिल के तेल की आवश्यकता पड़ेगी. अब आपको इन सब सामग्रियों को मिलाकर धुप में सूखने के लिए रखना है. जब आपको लगे की ये तेल की तरह चिकना हो चुका है और इसमें से पानी खत्म हो चुका है तो इसे छानकर किसी शीशी में डालें और इस तेल से सिर की मालिश करें, शीघ्र ही आपके बाल वापस आ जायेंगे.

§ घने बालों ले लिए ( For Long and Thick Hair ) : बालों की मजबूती और उनके घनत्व को बढाने के लिए आप बराबर मात्रा में बरगद की जड़ और काले तिल लें और उन्हें बारीक पीस लें. अब आपको पानी मिलाकर इसका लेप बनाना है और उसे बालों पर लगाना है. 30 मिनट के बाद जब ये मिश्रण सूखने लगे तो आपको कंघी की मदद से बालों को साफ करना है. इसके बाद आप भांगरा और नारियल के तेल से मालिश करें. ये उपाय आप कुछ दिन लगातार अपनाएँ. जल्द ही आपको अपने बालाओं में फर्क महसूस होने लग जाएगा. CLICK HERE TO KNOW जहरशामक कदम्ब का पेड़ ... 
एक वरदान है बरगद का पेड़
एक वरदान है बरगद का पेड़
§ बालों के रोग दूर करें ( Remove Hair Diseases ) : सूरज की गर्मी, बढती धुल मिटटी, तरह तरह के शैम्पू कंडीशनर इत्यादि इस्तेमाल करने से बालाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है और रोग पैदा होते है. इस अवस्था में आप बरगद के सूखे पत्तों को जलाकर 20 ग्राम राख तैयार करें और उसे 100 मिलीलीटर अलसी के तेल में मिलाकर सिर की मालिश करें. इस तरह बालों की शुष्कता कम होती है, मुरझाये बालों में फिर जान आती है और बालों से हर रोग दूर होता है.

§ आलस्य दूर करें ( Remove Laziness ) : शरीर में स्फूर्ति लाने और आलस्य को दूर भगाने के लिए आप बरगद के सूखे पत्तों से 10 ग्राम चूर्ण बनायें और उस चूर्ण को 1 लीटर पानी में उबालें. जब पानी 250 मिलीलीटर बच जाएँ तो उसमें 1 ग्राम नमक डालें. इस मिश्रण को सुबह शाम पियें. इस तरह धीरे धीरे आपका आलस्य दूर होगा और आपको बेवजह सारा दिन नींद नहीं आएगी.

§ दिल के रोग ( For Heart Problems ) : बढ़ते रोगों में दिल के रोग भी शामिल है और इसी वजह से रोजाना हार्ट अटैक की वजह से लाखों मौते हो रही है. अपने हृदय को स्वस्थ और रोगमुक्त रखने के लिए आप बरगद के 10 ग्राम हरे पत्ते, 150 मिलीलीटर पानी में पिसें और उन्हें छानकर पीसी हुई मिश्री मिलाएं. इस मिश्रण को रोजाना सुबह शाम लें. 15 से 20 दिनों के अंदर ही दिल के सभी रोग दूर होते है, जान नसे खुलती है और रक्तवाहिनियों में खून साफ़ होता है. ये कोलेस्ट्रोल को भी कम करता है. इस तरह हृदय की सम्पूर्ण देखभाल होती है और मन को चैन मिलता है.
Banyan Tree is a Blessing in Life
Banyan Tree is a Blessing in Life
§ पौरुष शक्ति लौटाएं ( Increase Mainly Power ) : किसी भी दंपति के जीवन में शारीरिक सुख बहुत अहम होता है क्योकि वहीँ से वे एक दुसरे पर विश्वास करना सिख पाते है. इसीलिए हर दम्पति शारीरिक संबंधों को आनंदपूर्ण तरीके से जीना चाहता है किन्तु उन लोगों का क्या जिन्हें कुछ होने से पहले से स्खलन हो जाता है या जीना द्रव पतला हो जाता है. इस तरह तो वे अपने संबंधों को मजबूत नहीं कर सकते. ऐसे लोग बरगद के फल लें और उन्हें पीसकर छाया में सुखाएं. सूखने के बाद उनका चूर्ण बनायें और बराबर मात्रा में इसी हुई मिश्री डालें. इस मिश्रण को प्रतिदिन सुबह खाली पेट और रात्रि को सोने से पहले 1 चम्मच की मात्रा में 1 कप दूध के साथ लें. कुछ दिनों के बाद ही ये आपकी पौरुष शक्ति को बढा देता है जिसके बाद आप ख़ुशी ख़ुशी शारीरिक संबंध बना सकते हो.

§ स्तनों का ढीलापन ( Sag Breast ) : महिलाओं के आकर्षण का केंद्र उनके स्तन ही होते है, जितने सुन्दर और सुडौल उनके स्तन होते है उतना ही सुन्दर वे दिखती है. किन्तु ढीले स्तन उनकी सुंदरता पर धब्बे की तरह होते है जो उनके आत्मविश्वास को भी गिराते है. ऐसी स्थिति में उन्हें बरगद के पेड़ की जटाओं से बारीक रेशें लेने है और उन्हें पीसकर एक लेप तैयार करना है. इस लेप से आप रोजाना रात को सोते समय अपने स्तनों की मालिश करें. जल्द ही उनमें पहले की तरह कसावट आती है और वे नर्म, मुलायम और आकर्षक बनते है.
बरगद का पेड़ करें रोगों का नाश
बरगद का पेड़ करें रोगों का नाश
§ गर्भधारण के लिए ( to Get Pregnant ) : कुछ महिलायें अनेक प्रयासों के बाद भी माँ नही बन पाती जबकि माँ बन्ना हर स्त्री का सपना होता है, हर स्त्री चाहती है कि उसका अंश भी इस दुनिया में आये. उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए उन्हें पुष्य नक्षत्र और शुक्ल पक्ष में बरगद की कोपले लानी है और उनको पीसकर 6 ग्राम चूर्ण तैयार करना है. इस चूर्ण को वे मासिक धर्म के दिनों में ग्रहण करें. 6 दिनों तक इसक इस्तेमाल उस महिला की इच्छा को पूरा करता है और उन्हें गर्भधारण कराता है.

§ पेशाब में खून आना ( For Blood in Urine ) : अगर किसी व्यक्ति के पेशाब में से खून आता है तो उन्हें बरगद की 20 ग्राम कोपलों को 150 मिलीलीटर पानी में घोटना है और उसका दिन में दो बार सेवन करना है. इस तरह उन्हें जल्द ही मूत्र में खून आने की समस्या से राहत मिलती है.

§ दांतों की मजबूती ( Strengthen Teeth ) : अपने दांतों को मजबूत बनाने के लिए आप बरगद के पेड़ का दूध निकालें और उसे दांतों और मसूड़ों पर मलें. इससे मसूड़ों का दर्द और उनकी सुजन कम होगी. वहीँ अगर आप इस पेड़ की छाल से तैयार काढ़े से रोजाना कुल्ला करते हो तो इससे दांतों को मजबूती मिलती है.

§ गठिया दर्द मिटायें ( Cures Arthritis Pain ) : जोड़ों का दर्द या गठिया दर्द से आजकल हर ऊपर का व्यक्ति परेशान है जो उनके स्वास्थ्य और आत्मविश्वास के लिए हानिकारक है. ऐसे में उन्हें बरगद के दूध और अलसी के तेल को मिलाकर एक लेप तैयार करना चाहियें और उस तेल की जोड़ों पर मालिश करनी चाहियें. इससे जोड़ों को मजबूती मिलती है और दर्द खत्म होता है.
Swasthya ke Liye Upyogi Bargad
Swasthya ke Liye Upyogi Bargad
§ घाव चिपकायें ( Fills Wound ) : कई बार चोट कुछ इस तरह लगती है कि उनको टाँके लगाने की नौबत आ जाती है. ये घाव ऐसे होते है जिनका मुंह बांध करना अति आवश्यक होता है, इन घावों के मुंह को चिपकाने के लिए बरगद के पत्ते काम आते है. आप इन्हें हल्का गर्म करें और उन्हें घाव के ऊपर टाइट बाँध दें. 3 दिनों तक आप इस पत्ते को बंधा रहने दें. आप पाओगे कि ना सिर्फ घाव का मुंह बंद हो चुका है बल्कि वो कुछ हद तक ठीक भी हो चूका है.

§ मधुमेह ( Reduce Diabetes Level ) : मधुमेह में आप 20 20 ग्राम बरगद के पेड़ की जटा और उसकी छाल लें और उसको पीसकर चूर्ण बनायें. इस चूर्ण को आप 500 ग्राम पानी में उबलने के लिए छोड़ दें और जब पानी 60 ग्राम के आसपास बच जाएँ तो आप इसे उतारे और ठंडा होने के लिए रख दें. अब इसे छाने और खाना खाने से पहले पी जाएँ. इस उपाय को नियमित रूप से कुछ दिनों तक अपनाएँ, धीरे धीरे आपका शुगर लेवल कम होता जाएगा.

इसके अलावा भी बरगद का पेड़ अनेकों रोगों को दूर करता है जैसेकि मुहँ के छाले, उल्टी, दस्त, मोच, नासूर, अस्थमा, फोड़े फुंसी, खुजली त्वचा रोग, पायरिया, सुजन, बवासीर के मस्से इत्यादि. इन सभी में बरगद के पेड़ के अलग अलग हिस्से का अलग अलग विधि के अनुसार इस्तेमाल किया जाता है.

बरगद के पेड़ के रोगों में ऐसे ही अन्य उपयोग के तरीकों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो. 
अक्षय वट वृक्ष
अक्षय वट वृक्ष

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इस तरह के व्यवहार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !


प्रार्थनीय
जागरण टुडे टीम

3 comments:

  1. बरगद का पेड़ कैसे लगाया जाता है ?

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  2. detail of pate ka use bargadka or advantages

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  3. bargad ka pate ka use and advantages

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