गुलदाऊदी
( Chrysanthemum )
संसार
के सभी फुल देने वाले पौधों में गुलदाऊदी सबसे अधिक प्रसिद्ध और विख्यात है. इसके
पौधे को शाक ( Herb ) की श्रेणी में रखा गया है
और इसके पौधे में शीत ऋतू के दौरान रंग बिरंगे फुल लगने आरम्भ होते है. इसके फुल
ना सिर्फ अपने आसपास के वातावरण को ही खुशनुमा बनाते है बल्कि जिन घरों और
आशियानों में इसके फूलों को लगाया जाता है ये उस जगह को भी गुलज़ार बना देते है. इसी
के फूलों की सुंदरता के कारण घर की सुंदरता बढती है और घर खिलखिला उठता है.
क्योकि
ये घर की खूबसूरती में चार चाँद लगा देता है इसीलिए लोगों ने इसे गुलदाऊदी अर्थात “ सुनहरा फुल ” की संज्ञा से नवाजा है.
गुलदाऊदी के पौधे की आज अनेक किस्में विकसित की जा चुकी है इसीलिए हमे इसके कई
रंगों ( जैसे लाल, सफ़ेद,
पीले, गुलाबी, बसंती,
बैंगनी इत्यादि ) में फुल मिल जाते है. इसके अलावा इसकी
पत्तियों की आकृति और आकार के आधार पर इसके फूलों को वर्गीकृत भी किया गया है. CLICK HERE TO KNOW पलास के प्रयोग ...
Guljaar Karen Guldaaudi ke Ful |
- अगर फुल गुथे हुए गेंद की
तरह गोल हुए तो उन्हें इनकवर्ड कहा जाता है.
- आधे खुले हुए और आधे गोल
फूलों को इंटरमीडिएट की श्रेणी में रखा गया है.
- वहीं जिन फूलों की पंखुड़ी
बाहर की तरफ होती है उन्हें रेफ्लैक्स्ड का नाम दिया गया है.
- तंतुनुमा सूरज की किरणों के
आकार वाले गुलदाऊदी फूलों को स्पून बोला जाता है.
- जबकि छोटे फूलों वाली
गुलदाऊदी किस्मों को एनीमोन, वटन, कोरियन पोम्पान इत्यादि श्रेणियों में रखा
गया है.
गुलदाऊदी
के औषधीय गुण ( Medical Uses of Chrysanthemum ) :
जहाँ
तक बात औषधीय गुणों की करें तो छोटे फूलों वाले गुलदाऊदी अधिक उत्तम होते है ये
अपने आसपास के वातावरण के सभी कीटाणुओं को नष्ट करके उसे स्वच्छ रखते है. इसके
अलावा भी इसके फूलों के कुछ लाभ होते है जो निम्नलिखित है. CLICK HERE TO KNOW काले बालों के लिए कमल का फूल ...
गुलजार करें गुलदाऊदी के फुल |
· नकारात्मकता खत्म करें ( Removes Negativity ) : गुलदाऊदी के फूलों की 3 – 4 पत्तियों
को देसी घी में डालकर उसे कच्चे कोयले पर जलाने से सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती
है जो नकारात्मक उर्जा को हटा उसका स्थान ले लेती है.
· हृदय रोग ( Good for Heart Problems ) : हृदय रोगियों के लिए भी
गुलदाऊदी के फूलों का प्रयोग किया जा सकता है, रोगियों को इसकी पत्तियों को 2
मिनट तक गर्म पानी में रखना है और फिर पत्तियों को निकालकर पानी को पी जाना है. इस
उपाय को दिन में 3 बार करने से उनके हृदय को मजबूती मिलती है और वो स्वस्थ रहता
है.
· माहवारी ( Cures Menstruation Problems ) : अनेक ऐसी महिलायें है जिनको
समय पर माहवारी या मासिक धर्म नहीं आता और माहवारी में दर्द सताता है. ऐसी महिलाओं
को इसके फूलों और पत्तियों के प्रयोग से काढा तैयार करना है और उसको पीना है. जल्द
ही उनकी समस्या का समाधान हो जाता है.
· पेट दर्द ( Removes Stomach Pain ) : पेट दर्द होना एक आम सी बात
होती है, इससे छुटकारा पाने के लिए गुलदाऊदी के फूलों का रस निकालें और उसे शहद के
साथ मिलाकर पी जाएँ, अगर शहद नहीं है तो आप रस को पानी के
साथ भी ले सकते है किन्तु शहद उत्तम होगा.
Pleasing Chrysanthemum Flower makes Environment and Life Beautiful |
· गाँठ ( Melt Tumor Knots ) : अक्सर शरीर के कुछ स्थानों
पर गाँठ बन जाती है जिसे समय पर ठीक ना किया जाए तो ये एक बड़े रोग जैसेकि कैंसर तक
का रूप ले लेती है. इन्हें गलाने के लिए आप गुलदाऊदी के पौधे की जड़ को घिसकर एक
लेप तैयार करें और उसे गाँठ पर दिन में 2 बार लगाएं.
· पथरी ( Melt Kidney Stones ) : पथरी को इंग्लिश में किडनी
स्टोन कहा जाता है, ये अधिकतर गुर्दे, किडनी में ही होती है और कई बार
तो मूत्राशय में अटक जाती है जो बहुत पीडादायी स्थिति को उत्पन्न करता है. इससे
बचने के लिए आप गुलदाऊदी के फूलों को सुखाकर रखे और जब भी चाय पीने का मन हो तो
इसकी पत्तियों को चाय में अवश्य इस्तेमाल करें. ये पथरी को गला देता है और मूत्र
या मल मार्ग से बाहर निकाल देता है.
· मूत्र विकार ( Removes Urinary Problems ) : मूत्र विकार जैसे पीला मूत्र
आना, अधिक मूत्र आना या मूत्र ना आना इत्यादि से राहत पाने के लिए गुलदाऊदी की
5 छोटी पत्तियाँ लें और उनमें काली मिर्च डालकर काढा तैयार करें. इस काढ़े का सेवन
मूत्राशय के सभी रोगों को दूर करता है और राहत दिलाता है.
गुलदाऊदी
के अन्य औषधीय गुणों और उपयोगों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट
करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
गुलदाऊदी सेवती के औषधीय गुण |
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- भारंगी के जीवनदायी प्रयोग
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