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Mutrashya mein Dard Utpann Hota Hai | मूत्राशय में दर्द उत्पन्न होता है | Pain in Bladder or Urinary Obstruction Problem

मूत्र विकार ( Urinary Disorders )
मूत्र विकार कई तरह के होते है जैसेकि मूत्र ना आना, मूत्र में जलन होना, मूत्रकृच्छ, बहुमूत्र रोग या रुक रुक कर मूत्र का आना, ये सभी रोग कष्टदायी और पीडादायी होते है जो घातक होने में समय नहीं लेते, इसीलिए इनका समय पर इलाज आवश्यक होता है. इन सभी मूत्र विकारों के अलावा एक विकार और भी है मुत्रावरोध, इस रोग में पीड़ित व्यक्ति के मूत्राशय में किसी रुकावट की वजह से पेशाब इक्कठा हो जाता है. CLICK HERE TO KNOW मूत्रजलन की समस्या का आयुर्वेदिक उपचार ... 
Mutrashya mein Dard Utpann Hota Hai
Mutrashya mein Dard Utpann Hota Hai
मुत्रावरोध ( Urinary Obstruction ) :
मुत्रावरोध मुख्यतः गर्मियों के दिन में होता है क्योकि गर्मियों में मूत्र मार्ग पर दबाव पड़ता है जिस कारण पेशाब रुक जाता है. पेशाब के रुकने से मूत्राशय फूलने लगता है और रोगी को पेशाब करने में दर्द का अनुभव व बैचनी सताने लगती है. ये रोग पुरुष स्त्री वृद्ध किसी को भी हो सकता है, जहाँ पुरुषों में इसका कारण सुजाक होता है तो वृद्धों की प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ जाने के कारण मूत्र रुकता है, महिलों में मुत्रावरोध के अनेक बाहरी कारण हो सकते है.

लक्षण ( Symptoms ) :
मुत्रावरोध के रोगियों का मूत्र बूंद बूंद करके बहुत कम मात्रा में बाहर निकलता है, साथ ही इन्हें अन्य रोग जैसेकि कब्ज, अधिक प्यास, मंदाग्नि, पिला मूत्र इत्यादि भी घेर लेते है. ऐसे में रोगी की जांघों और पिंडलियों में दर्द रहने लगता है उन्हें नींद आने लगती है और कमजोरी महसूस होने लगती है. CLICK HERE TO KNOW पेशाब में जलन होने पर आजमायें घरेलू उपाय ... 
मूत्राशय में दर्द उत्पन्न होता है
मूत्राशय में दर्द उत्पन्न होता है
मुत्रावरोध से बचने के उपाय ( Remedies to Cure Urinary Obstruction ) :
·     कच्ची मक्का ( Raw Corn ) : सबसे पहले आपको ½ ग्लास पानी में कच्ची मक्का डालनी है और उसे उबालना है, जब पानी 1 ग्लास रह जाए तो पानी को छानकर उसमें मिश्री मिलाएं और उसे पी जाएँ. इस उपाय से पेशाब की जलन ठीक होती है. 

·     तरबूज ( Watermelon ) : रात के समय तरबूज को ओस में रख दें और अगले दिन प्रातःकाल उसका रस निकालें. इस रस में भी आपको मिश्री का जूस मिलाकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है.

·     जौ ( Barley ) : आपको 1 ग्लास पानी में 25 ग्राम जौ मिलाकर उबालनी है, फिर आप पानी को ठंडा करें और उसे घूंट घूंट करके पियें.

·     ईसबगोल ( Isabgol ) : पेशाब की जलन को शांत करने के लिए पानी में ईसबगोल की भूसी की 4 चम्मच डालकर भिगों दें. अब इसमें बुरा मिलाएं और पी जाएँ, जल्द ही राहत मिलती है.

·     फालसे ( False ) : कुछ फालसे लें और उनका 4 चम्मच रस निकाल लें, इसमें थोड़ा काला नमक मिलाकर पियें.

·     चावल का मांड ( Rice Starch ) : 1 कप चावल के मांड में चीनी मिलाकर पीने से भी मूत्र विकारों में राहत मिलती है.
Pain in Bladder or Urinary Obstruction Problem
Pain in Bladder or Urinary Obstruction Problem
·     बथुआ ( Bathua ) : सबसे पहले तो आपको बथुआ उबालना है फिर उमसें काला नमक, बुना हुआ जीरा, थोडा सा शक्कर और काली मिर्च मिलाकर उसका सेवन करना है.

·     प्याज ( Onion ) : प्याज के 50 ग्राम छोटे छोटे टुकडें काट लें और उन्हें 1 ग्लास पानी में अच्छी तरह उबालें. अब इस मिश्रण में थोड़ी सी चीनी मिलाकर मूत्र विकार से पीड़ित रोगी को पिलायें.

·     नारियल पानी ( Coconut Water ) : अगर खुलकर पेशाब नहीं आता, पेशाब में जलन होती है या बूंद बूंद की तरह पेशाब आता है तो आपको 1 कप पालक के रस के साथ ½ कप नारियल पाने मिलाकर पीना चाहियें.

·     पीपल की कोपलें ( Pipal Seedlings ) : पानी में पीपल के वृक्ष की 5 कोपलें उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर शक्कर मिलाकर पियें.

·     आँवले का रस ( Amla Juice ) : 1 चम्मच आंवले का रस लें और उसमें 1 चुटकी हल्दी और ½ चम्मच शहद मिलाकर उसका सेवन करें.

·     बेल के पत्ते ( Bel Leaves ) : बेल के कुछ पत्तें लें और पानी की मदद से उन्हें पिसें, तैयार लेप में काली मिर्च और शहद मिलाकर इसका सेवन करें.
मुत्रावरोध के घरेलू उपाय
मुत्रावरोध के घरेलू उपाय
·     अजवायन ( Parsley ) : अजवायन सिर्फ रसोई की शान ही नहीं बढ़ाती बल्कि इसे आयुर्वेद में भी रोगों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है, मुत्रविकार से पीड़ित रोगियों को रोजाना दिन में 2 बार गुनगुने पानी के साथ इसका सेवन करना चाहियें.

·     कुलफा का साग ( Purslane Greens ) : ये उपाय उन लोगों के लिए है जिनके पेशाब में रक्त आता है, इनको रोजाना दिन में 3 बार कुलफा के साग के पत्तों का रस पिलाने से आराम मिलता है.

·     रस ( Juice ) : मूत्र विकार से पीड़ित रोगियों को दिन में 2 बार अनार का शरबत, ककड़ी का रस, गाजर निम्बू का रस, सेब का रस अवश्य पीना चाहिए क्योकि ये मुत्र मार्ग को खोलते है.

किसी भी मूत्र विकार रोग के उपचार के अन्य घरेलू आयुर्वेदिक उपायों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है. 
Mutrashya mein Jalan ke Upchar
Mutrashya mein Jalan ke Upchar

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