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सच में:-

क्या सच में Made In India फ़ोन भारत में बनाते है | Kya Sach mein Made In India Phone Bharat mein Bante Hai

मेड इन इंडिया (  Made in India  ) अक्सर जब भी हम कोई प्रोडक्ट खरीदते है तो ये जरुर देखते है कि वो प्रोडक्ट किस कंट्री में बना है , आपने भ...

Prasav Vednaa se Paayen Raahat | प्रसव वेदना से पायें राहत | Get Relief from Labor Pain

प्रसव वेदना ( Labor Pain )
जब एक स्त्री प्रसव के समय में होती है तो उस वक़्त जच्चा और बच्चा दोनों की स्थिति समान रूप से जटिल होती है, साथ ही वो स्थिति चिकित्सक के लिए भी एक परीक्षा की तरह ही होती है क्योकि उसे दोनों की ही रक्षा करनी होती है. उनकी एक छोटी सी गलती भी उनकी परेशानियों को बेहिसाब बढ़ा सकती है, इसलिए चिकित्सक को उस समय बहुत धैर्य के साथ काम लेना चाहियें और सावधानी से काम लें.

प्रसव की दौरान सावधानियाँ ( Precautions during Delivery ) :
-    हर चिकित्सक को ये ध्यान रखना चाहियें कि गर्भाशय के मुहँ ना खुलने तक किसी भी औषधि का उपयोग ना करें. CLICK HERE TO KNOW गर्भनिरोधक के आयुर्वेदिक उपाय ... 
Prasav Vednaa se Paayen Raahat
Prasav Vednaa se Paayen Raahat
-    अगर गर्भाशय खुल चुका हो और उसमें से रक्त पानी निकल रहा हो, लेकिन बच्चे का सिर अभी ना दिखे तो इस अवस्था में आपको किसी प्रयोग को आजमाना चाहियें.

आपने सूना होगा कि बच्चे को जन्म देने के साथ साथ माँ का भी दुसरा जन्म होता है, ऐसा इसीलिए माना जाता है क्योकि उन्हें बच्चे को जन्म देने के दौरान असहनीय दर्द और कष्ट का सामना करना पड़ता है. किन्तु अब कुछ ऐसी औषधियों और विधियों को अपनाया जाता है जिससे एक स्त्री को प्रसव के दौरान कम पीड़ा हो. प्रसव पीड़ा से राहत दिलाने वाली ऐसी ही ओषधियाँ निम्नलिखित है.

प्रसव पीड़ा से राहत दिलाने वाली औषधियाँ ( Home Aayurvedic Remedies to Relieve in Labor Pain ) :
·         एरण्ड ( Caster ) : 1 ग्लास गर्म दूध लें और उसमें 50 मिलीलीटर एरण्ड का तेल मिलाकर पी जाएँ. इस उपाय से एक बार तो दर्द तेज हो जाता है किन्तु उसके बाद दर्द बंद भी हो जाता है.

·         सौंठ ( Fennel ) : 500 मिलीलीटर दूध में 10 ग्राम सौंठ का पाउडर मिलाएं और उसे अच्छी तरह पकने दें, इस उपाय का इतना प्रभाव होता है कि 15 मिनट के अंदर ही बच्चा जन्म ले लेता है. CLICK HERE TO KNOW गर्भधारण कैसे करें ...
प्रसव वेदना से पायें राहत
प्रसव वेदना से पायें राहत
·         केला ( Banana ) : केले की जड़ लायें और उस महिला की बायीं जांघ पर बाँधे जो प्रसव की अवस्था में है, अवश्य लाभ मिलेगा. साथ ही उन्हें केले पर कपूर का चूर्ण डालकर खिलाने से भी प्रसव के दौरान दर्द की अनुभूति नहीं होती.

·         पीपल की लता ( Pipal’s Vine ) : जैसाकि आप जानते ही है कि पीपल के पेड़ पर लताएँ लगती है, इन लताओं का प्रयोग तब किया जा सकता है जब प्रसव में ज्यादा देर हो गयी हो. इन लताओं की मूल ( पीपलामूल ), हिंग और ईश्वर मूल को पान के पत्तें में डालें और गर्भवती महिला को खिलाएं. इससे प्रसव पीड़ा आरम्भ हो जाती है और बच्चा जन्म लेता है.

·         जायफल ( Nutmeg ) : प्रसव के दौरान हर महिला को कमर में अवश्य दर्द होता है, उससे राहत पाने के लिए जायफल को घिसकर लेप तैयार करें और उसे प्रसव के दौरान कमर पर लगाएं, दर्द की पीड़ा कम हो जायेगी.

·         पिपरामूल ( Pipra Mul ) : वहीँ प्रसव में अधिक पीड़ा होने पर बच्चे को जन्म देने वाली स्त्री को पिपरामूल और दालचीनी चूर्ण के मिश्रण की 1.20 ग्राम मात्रा को भांग के साथ पिलायें. इससे उनकी प्रसव वेदना कम होती है और बच्चा आराम से जन्म लेता है.
Get Relief from Labor Pain
Get Relief from Labor Pain
·         कलिहारी ( Kalihaari ) : कलिहारी की जड़ लें और उसे पीसकर लेप बनायें, अब इस लेप को नाभि के नीचे वाले स्थान पर लगाएं, ये उपाय भी प्रसव वेदना में राहत पहुँचाने के लिए प्रख्यात है.

·         कपास ( Cotton ) : प्रसव के बाद महिलाओं के गर्भाशय में परेशानियाँ भी उत्पन्न होने लगती है किन्तु अगर उन्हें प्रसव के बाद कपास का काढा पिलाया जाएँ तो उनका गर्भाशय जल्द ही ठीक हो जाता है.

·         काफी ( Kaafi ) : प्रसूता अर्थात वो स्त्री जो बच्चे को जन्म देने वाली है, उन्हें काफी के बीजों का पाउडर बनाकर उसे पानी में उबालकर पीना चाहियें, इससे उनके शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है और उन्हें प्रसव के लिए ताकत मिलती है.

·         तुलसी ( Basil ) : तुलसी को हर रोग का मर्ज कहा जाता है चाहे वो शारीरिक हो, मानसिक हो या आध्यात्मिक. वो महिला जो बच्चे को जन्म देने वाली हो उन्हें तुलसी के पत्तों से तैयार रस की 2 चम्मच पीने चाहियें ताकि उन्हें प्रसव के दौरान अधिक दर्द ना महसूस हो.

·         हल्दी ( Turmeric ) : गर्भवती महिला को नौवे महीने में रोजाना सुबह व शाम 1 ग्लास गर्म दूध में 1 चम्मच हल्दी मिलाकर पीनी चाहियें.

·         लौकी ( Gourd  ) : 30 ग्राम लौकी का रस निकालें और उसे उस महिला को पिलायें जो बच्चे को जन्म देने वाली है. ध्यान रहे कि आप रस में पानी ना मिलाएं.

·         हिंग ( Asafetida ) : 10 ग्राम गुड लें और उसमे चुटकी भर हिंग मिलाकर खाएं, इसके ऊपर आपको ½ कप गाय का दूध भी पीना है.

प्रसव पीड़ा वेदना में राहत पाने के अन्य घरेलू आयुर्वेदिक उपाय तरीकों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो. 
प्रसव पीड़ा कम करने के घरेलू उपाय तरीके
प्रसव पीड़ा कम करने के घरेलू उपाय तरीके

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