चमत्कारी मंदिर
हमारे देश में मंदिरों की
कोई कमी नहीं है जहाँ लोग अपनी परेशानियों को लेकर आते है, भगवान से उन परेशानियों को दूर
करने की प्रार्थना करते है और अपनी आस्था व श्रद्धा दिखाते है. लेकिन आपने ये भी
जरुर नोटिस किया होगा कि अगर इच्छा बड़ी है तो लोग पास के नहीं बल्कि दूर दूर के
मंदिरों में जाकर प्रार्थना करते है लेकिन ऐसा क्यों? दरअसल
कुछ ऐसे मंदिर है जिनपर लोगों को विश्वास है कि वहाँ जाने के बाद वे उनकी मुराद
जरुर पूरी होगी.
आज हम आपको कुछ ऐसे ही
रहस्यमयी और चमत्कारी मंदिरों के बारे में बताने वाले है जहाँ जाने के बाद आप खाली
हाथ वापस नहीं आते, ऐसा
इसलिए क्योकि माना जाता है कि इन मंदिरों में अलौकिक शक्तियाँ विराजमान है. तो जो
भी व्यक्ति इन मंदिरों में सच्ची श्रद्धा और आस्था के साथ जाता है उनकी मुराद शत
प्रतिशत पूरी होती है. इन मंदिरों पर वैज्ञानिक भी शोध करते रहते है कि आखिर इन
मंदिरों में ऐसा है क्या विचित्र है, तो चलिए अब जानते है कि
आखिर वे मंदिर है कौन से. CLICK HERE TO KNOW भगवान भी हुए बीमार वैद्य जी कर रहे है उनका इलाज ...
इन चमत्कारी मंदिरों से कोई खाली हाथ नहीं लौटता |
1. कसार देवी मंदिर, अल्मोड़ा उत्तराखंड : कसार देवी जी का मंदिर अल्मोड़ा बिन्सर मार्ग से
करीब 10 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है. यहाँ के लोगों का मानना है कि अगर कोई
व्यक्ति किसी मुसीबत में है तो उसे एक बार इस मंदिर में जरुर आना चाहियें, उसकी मुराद शत प्रतिशत पूरी होगी.
वैसे इस मंदिर का वातावरण भी बहुत खुबसूरत है और जब यहाँ भक्त आते है तो उन्हें
अद्भुत सा अनुभव होता है. इसका भी एक कारण है और वो ये है कि इस मंदिर में
अद्वितीय चुम्बकीय शक्ति का केंद्र है.
ये बात नासा भी मानती है
कि विश्व में सिर्फ 3 ही जगहों पर चुम्बकीय शक्ति के केंद्र है और उनमे से एक ये
मंदिर है. लेकिन नासा अब तक ये पता नहीं लगा पायी कि ये केंद्र खुद को चार्ज कैसे
करते है. बाकी 2 जगह जहाँ चुम्बकीय शक्ति के केंद्र है वे है – माचुपिच्चू, पेरू दक्षिण अमेरिका और स्टोन हेंग, इंग्लैंड.
शायद इसीलिए इस मंदिर में
स्वामी विवेकानंद, गौतम
बुद्ध और देश के बड़े बड़े सैलानियों ने आकर ध्यान लगाया है. यहाँ आकार उन्हें
शान्ति मिली और वे कई कई महीनों इस मंदिर में ठहरे. लेकिन इस मंदिर की सबसे ख़ास और
चमत्कारिक बात यही है कि यहाँ दुखी लोगों की पुकार सुनी और पूरी की जाती है.
Inn Chamatkari Mandiron se Koi Khali Hath Nahi Lautata |
2. हिंगलाज माता मंदिर, बलुचिस्थान पाकिस्तान : जब माता सती ने खुद को अग्निकुंड में जलाया था तो
विष्णु जी ने अपने सुदर्शन चक्र से उनके शरीर को 51 पिंडों में विभाजित कर दिया
था. माना जाता है कि माता सती का एक पिंड बलुचिस्थान की पहाड़ियों पर जाकर गिरा और
यही माता पार्वती के हिंगलाज मंदिर के नाम से जाना जाने लगा. इस मंदिर का जिक्र
आपको कई पुराणों में भी मिलेगा.
लेकिन भारत पकिस्तान के
बटवारे के बाद पाकिस्तान से कई मंदिरों और हिन्दू धरोहरों को तोड़ दिया गया पर जब
कट्टरपंथी इस मंदिर को तोड़ने गए तो वे सब मारे गए और मंदिर को खरोच तक नहीं आई.
उसके बाद मुस्लिम समाज ही इस मंदिर की रख रखाव करने लगा. हर साल लाखों हिन्दू और
मुस्लिम फरियादी हिंगलाज माता के दर्शन के लिए आटे है और माता उन्हें आशीर्वाद
देकर उनके दुखों को दूर करती है.
Har Khali Jholi kar Bhar Dete Hai Ye 5 Mandir |
3. जगन्नाथ मंदिर, उड़ीसा : हिन्दुओं के 7 पवित्र प्रसिद्ध धर्म नगरों में
पूरी भी एक है, जो उड़ीसा
के समुद्री तट पर बना है. इस नगर में श्री जगन्नाथ जी ( जिन्हें श्री कृष्णा का
अवतार माना जाता है ) का विशाल और अभूतपूर्व मंदिर भी है. पुराणों के अनुसार ये
नगर धरती का बैकुंठ है क्योकि माना जाता है कि यहाँ भगवान विष्णु के अवतार श्री
कृष्ण मानव रूप में रहते है और इसीलिए ये स्थान भगवान विष्णु के चार धामों में से
एक है. यही वजह है कि ये मंदिर इतना चमत्कारिक है कि यहाँ हर भक्तों की मनोकामना
पूरी होती है.
मंदिर को कई और नाम
जैसेकि श्रीक्षेत्ररि नीलगि, नीलांचल, शाक क्षेत्र, श्रीपुरुषोत्तम
क्षेत्र और श्री जगन्नाथ पूरी के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर में श्री हरी
विष्णु और माता लक्ष्मी जी ने अनेक लीलाएं भी रची है.
Sabhi ki Muradon ko Pura Karne Vale Rahasyamayi Mandir |
4. महाकाली शक्तिपीठ, पावागढ़ गुजरात : वडोदरा से करीब 50 किलोमीटर दूर माता काली का ये
मंदिर गुजरात के चंपारन की ऊँची ऊँची पहाड़ियों में स्थित है. यहाँ पहुँचने के लिए
आपको पावागढ़ में रोप वे से उतरने के बाद 250 सीढियाँ चढ़नी पड़ेगी जैसे ही आप
सीढियाँ खत्म करोगे खुद को मंदिर के सामने पाओगे.
ये मंदिर में देवी सती के
51 शक्तिपीठों में से एक है और इसे महाकाली शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है, ख़ास बात ये है कि ये सभी
शक्तिपीठों में सबसे अधिक शक्तिशाली माना जाता है. यहाँ माता सती के दाए पैर की
उंगली गिरी थी जिसे देखने के लिए श्रद्धालु वहाँ आते है.
Alaukik Shaktiyon se Bhare Mandir |
5. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, राजस्थान : राजस्थान के दौसा जिले में 2 पहाड़ों के बीच बना
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर किसी के लिए अनजान नहीं है. कहा जाता है कि मंदिर वाले
स्थान वाली जगह एक चट्टान पर हनुमान जी की आकृति अपने आप उभर आई, जिसे सभी ने एक चमत्कार माना और
उसे बालाजी महाराज का नाम दे दिया. लोग इस आकृति को हनुमान जी के बाल स्वरूप के
रूप में पूजते है. एक विचित्र बात ये भी है कि बालाजी की आकृति के चरणों में एक
कंडी है जिसका जल कभी भी खत्म नहीं होता.
जो भी दुखियारा पुरे
भक्तिभाव व श्रद्धा से इस मंदिर में जाता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है और उसके बिगड़े काम बनते
है. बालाजी महाराज के साथ साथ यहाँ भगवान शिव और भैरव बाबा की पूजा भी की जाती है.
ये मंदिर सिर्फ राजस्थान या सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में प्रसिद्ध
है और ये करीब 1000 साल प्रचीन मंदिर है.
ऐसे ही अन्य चमत्कारी
मंदिरों, चीजों और
जगहों की अन्य रोचक जानकारियों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट
करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
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