जिन्दा भुत
शायद आप टाइटल पढ़कर थोडा
चौक गए होगे और सोच रहे होगे कि क्या जिन्दा भुत भी होते है और क्या उन्हें छूने
भर से मौत कैसे हो सकती है? आपके इन
सवालों के पीछे एक प्रथा और एक कहानी है. तो चलिए जानते है कि आखिर ये ज़िंदा भुत
होते कहाँ है. CLICK HERE TO KNOW भगवन भी हुए बीमार वैद्य जी कर रहे है उनका इलाज ...
जिन्दा भूत छूते ही हो जाती है मौत |
इगुनगुन सोसाइटी :
सिर्फ हमारे देश में ही
नहीं बल्कि दुनिया के लगभग हर देश में काले जादू का प्रयोग होता है और अफ्रीका में
काले जादू की शुरुआत पश्चिमी अफ्रीका के एक छोटे से देश बेनिन में हुई थी. दरअसल
यहाँ एक सीक्रेट सोसाइटी रहती है जिसका नाम है इगुनगुन लेकिन इन्हें ज़िंदा भूतों
के नाम से अधिक जाना जाता है. लोगों का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति इगुनगुन को छू
ले या इगुनगुन किसी व्यक्ति को छू ले तो ना सिर्फ उस व्यक्ति की बल्कि इगुनगुन की
भी उसी वक़्त मृत्यु हो जाती है. इसीलिए इगुनगुन के लोग एक लम्बा लबादा, रंग बिरंगे कपडे और सिंघे ओढ़े
रहते है, ताकि कोई उन्हें पहचान ना सके.
भूतों का न्याय :
इगुनगुन सोसाइटी का काम
गाँव में हुए आपसी वाद विवादों और झगड़ों का न्याय करना और फैसला सुनाना है. ऐसा
इसलिए क्योकि गाँव के लोग मानते है कि इस सोसाइटी के लोगों में मृत पूर्वज आते है
और वे ही इन लोगों के जरिये न्याय करते है और यही वजह है कि इगुनगुन सोसाइटी का
फैसला ईश्वर के फैसले के समान माना जाता है, जिसके विरुद्ध जाने की हिम्मत कोई नहीं करता.
Zinda Bhoot Chhute Hee Ho Jati Hai Maut |
न्याय के दौरान एक से
ज्यादा इगुनगुन को बुलाया जाता है, फिर उनके सामने विवाद के कारण को रखा जाता है. उसके
बाद इगुनगुन स्पष्ट और ऊँचे स्वर में सबको संबोधित करते है और अपना फैसला सुनाते
है. अपने घर वापस जाते वक़्त इगुनगुन कुछ लोगों को साथ लेकर जाते है जिनके हाथ में
छड़ी थमा दी जाती है.
ऐसा इसलिए ताकि कोई
इगुनगुन को छू ना पाए और उस व्यक्ति व इगुनगुन की बेवजह मौत ना हो. जो लोग इगुनगुन
के साथ जाते है वे भी इगुनगुन से एक निश्चित दुरी बनाये रखते है और अगर कहीं
इगुनगुन रूककर आराम करता है तो वे सभी उसे चारों तरफ से घेकर उसकी पहरेदारी करते
है. सिर्फ इतना ही नहीं जहाँ जहाँ इगुनगुन जाता है उसके साथ ढोल नगाड़े बजाने वाले
भी चलते है जिसकी आवाज पर इगुनुगुन डांस करने लगते है. एक ख़ास बात ये है कि
इगुनगुन कभी भी अपनी पहचान किसी को नहीं बताते और ना ही किसी को अपने पास आने देते
है. लोगों में इन्हें छूकर मरने का डर इतना ज्यादा है कि अगर कोई इन्हें गलती से
भी छू लेता है तो वो कई कई दिनों तक सदमे में चला जाता है.
Egungun Society ki Ajib Rasm Pratha |
इगुनगुन सोसाइटी के अन्य
रिवाजों और प्रथाओं के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके
जानकारी हासिल कर सकते हो.
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