माइकल जैक्सन की मौत
पॉप सिंगिंग के बादशाह
माने जाने वाले माइकल जैक्सन की मौत आखिर कैसे हुयी, इस सवाल का जवाब आज भी ढूंढा जा रहा है. जहाँ कुछ
लोग ये मानते है कि अधिक नशा करने और कर्ज की चिंता की वजह से माइकल की मौत हुई,
वहीं कुछ का कहना है कि माइकल लम्बे समय से बीमार चल रहे थे. लेकिन
जब माइकल जैक्सन की टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट्स आई तो सबके होश उड़ गए क्योकि इस
रिपोर्ट में लिखा था कि माइकल जैक्सन की मौत का कारण खतरनाक दवाओं की ओवरडोज है और
माइकल के पेट में भी बहुत सारी ऐसी दवाएं मिली है जो किसी भी व्यक्ति की मौत का
कारण बन सकती है. CLICK HERE TO KNOW माइकल जैक्सन एक दरिंदा भी था कैसे ...
आखिर माईकल जैक्सन के मरने का राज क्या है |
तो क्या माइकल जैक्सन ने
आत्महत्या की थी या किसी ने सोच समझ कर माइकल जैक्सन को इन दवाओं के सेवन की राय
दी या फिर ये सिर्फ एक हादसा था? क्या कोई सच में माइकल जैक्सन को मारना चाहता था?
इस सवाल के जवाब ढूंढने
के लिए लॉस एंजिलिस की पुलिस अपनी पूरी कोशिश कर रही. उन्होंने माइकल जैक्सन के नए
पुराने सभी डॉक्टर्स और सलाहकारों से पूछताछ भी की और जानने की कोशिश की कि आखिर
वो कौन सा डॉक्टर है जिसने माइकल को उन दवाओं का सेवन करने के लिए कहा.
टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट में
आगे लिखा था कि उन्होंने इतनी ज्यादा मात्रा में सुपर पैन किलर्स को ले रखा था कि
अगर कोई आम व्यक्ति इतनी दवाएं खाए तो उसकी उसी वक्त मृत्यु हो जाए परन्तु माइकल
जैक्सन कई सालों से इन दवाओं का सेवन कर रहे थे इसीलिए उनके शरीर पर इन दवाओं का
असर नार्मल आदमी से कहीं कम होता था. इसके अलावा रिपोर्ट में लिखा था कि माइकल के
पेट में 1 भी दाना अनाज या खाद्य पदार्थों का नहीं था, अगर कुछ था तो वो थी सिर्फ दवाएं.
माइकल जैक्सन के पेट में
मिली दवाएं और उनका असर :
- डेमेरोल : इंजेक्शन की मदद से ली जाने वाली ये दवा सुपर
पैन किलर है और माइकल जैक्सन इस इंजेक्शन को खुद अपने हाथों से लेते थे.
- मेथेडोन : ड्रग्स
में आपने चरस गांजा के अलावा हेरोइन का नाम भी जरुर सूना होगा, ये दवा उसी हेरोइन के जितना असर
करती है और एक तरह का नशा ही है. गौरतलब है की माइकल जैक्सन को इसकी लत थी.
Aakhir Michael Jackson ke Marne ka Raj Kya Hai |
- फेंटालिन : फेंटालिन
भी एक तरह का पैन किलर ही है लेकिन ये बाजार में आसानी से मिलने वाले पैन किलर्स से
100 गुना ज्यादा पावरफुल है.
- डिलॉडिड : अक्सर
ऑपरेशन के बाद उस जगह पर दर्द होता रहता है जहाँ सर्जरी की गयी थी, ये दवा उसी दर्द को कम करती है और
माइकल जैक्सन ने तो करीब 20 से 25 ऑपरेशनस कराए थे इसीलिए उन्हें डिलॉडिड दवा लेने
की भी आदत थी.
- वाइकोडिन : इस दवाई
को हाइड्रोकोडॉन और पैरासिटामोल दोनों दवाओं को मिलाकर बनाया जाता है और माइकल
जैक्सन इस दवाई को काफी लम्बे समय से ले भी रहे थे.
- वेलियम और एल्प्राजॉल्म : इस दवाओं का सेवन घबराहट को दूर करने के लिए किया जाता है.
- प्रोपोफॉल : कई हॉस्पिटल्स में मरीजों को बेहोश करने के लिए
एनेस्थेसिया दिया जाता है तो कुछ हॉस्पिटल्स में प्रोपोफॉल का इस्तेमाल किया जाता
है. इस दवाई को भी इंजेक्शन की मदद से ही लिया जाता है जिसे लेने पर गहरी नींद आने
लगती है.
ये सभी दवाएं माइकल
जैक्सन के पेट में मौजूद थी और कोई भी मेडिकल स्टोर इनमे से एक भी दवा आपको तब तक
नहीं देता जब तक किसी डॉक्टर ने लिखित में इन दवाओं के सेवन के लिए ना कहा हो.
इसीलिए पुलिस और टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट ये साफ़ करती है माइकल जैक्सन खुद एक मेडिकल
स्टोर बन चुके थे, उनके
शरीर ने इन दवाओं के प्रभाव को सोखना सिख लिया था लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब वे
इन्हें सँभालने में विफल रहे और इसीलिए उनकी मृत्यु हुई.
झूठ बोलकर लेते थे दवा :
माइकल जैक्सन का नाम ही
इतना बड़ा था कि अगर वे किसी से कुछ कहे और वो उनकी बात ना माने ऐसा नहीं हो सकता
था. इसीलिए वे कभी खुद ही इन दवाओं को ले आते थे, तो कभी अपने दोस्तों, स्टाफ या
नौकरों के नाम पर दवा मंगाते थे और कभी कभी खुद डॉक्टर्स से दवाये लाने के लिए बोल
देते थे.
सिर्फ इतना ही नहीं उनके
बॉडीगार्ड क्रिस कार्टर ने बताया कि जैक्सन ने एक बार इन दवाओं को लेने के लिए
अपने मैनेजर जीसस सालस का नाम तक इस्तेमाल किया हुआ है. उन्होंने आगे बताया कि
माइकल का शरीर बहुत कमजोर हो चूका था और एक बार वे होटल में बेहोश होकर धरती पर
गिर पड़े थे. लेकिन फिर भी माइकल ने इन दवाओं का सेवन नहीं रोका.
घर से मिला मौत की दवाओं
का डब्बा :
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार
जिस रात माइकल जैक्सन की मौत हुई उस रात पुलिस को उनके घर से एल्प्राजॉल्म नाम की
दवाओं का पूरा डिब्बा भी मिला. गौरतलब है कि टॉक्सिकोलॉजी की रिपोर्ट में ये साफ़
साफ़ लिखा है कि मरने से पहले माइकल ने एल्प्राजॉल्म की 1 नहीं बल्कि 10 गोलियां
खायी थी, और इन
दवाओं को लेने के लिए डॉक्टर आर्नोल्ड क्लेन ने उन्हें कहा था.
एक कर्मचारी ने दावा किया
कि माइकल रोजाना कम से कम 40 जैनेक्स तक खा जाते थे ताकि वे अपना काम आसानी से कर
सकें. वे दवाओं के इस कद्र आदि हो चुके थे कि बिना दवाओं के वे आधा घंटा भी नहीं
रह पाते थे.
Kya Davaon ki Overdose ne Mara Michael Jackson ko |
जांच के लिए निकाला माइकल
का दिमाग :
डॉक्टर्स का मानना है कि
माइकल का दिमाग ही हमे ये बता सकता है कि आखिर उन्हें इतनी सारी दवाएं खाने की
जरूरत क्यों पड़ती थी इसीलिए उन्होंने माइकल का दिमाग निकाल लिया है और अब उसपर
जांच कर रहे है. उनके दिमाग की जांच ही अब बताएगी कि क्या उन्हें गलत दवा दी जा
रही थी और उनके कौन कौन से डॉक्टर्स झूठ बोल रहे है.
तो दोस्तों अभी तक माइकल
जैक्सन की मौत की असली वजह सामने नहीं आई है और सिर्फ उनके परिवार वाले ही नहीं
बल्कि पूरी दुनिया ये जानना चाहती है कि आखिर वो कौन है जिसने माइकल को मारा और
क्या माइकल ने खुद ही अपनी जान ली है?
माइकल जैक्सन की मौत के
कारण या उनके जीवन के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके
जानकारी हासिल कर सकते हो.
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