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IDE Ya Integrated Drive Electronics ke Kya Karya hai | आई डी इ केबल क्या होती है | What is IDE Cable

IDE ( Integrated Drive Electronics ) केबल

इनको ज्यादातर ATA ( Advanced Technology Attachment ) और PATA ( Parallel  Advanced Technology Attachment ) के नाम से भी जाना जाता है. इन केबल का इस्तेमाल हार्ड ड्राइव और CD ड्राइव इत्यादि जैसे स्टोरेज डिवाइस को मदरबोर्ड के साथ जोड़ने के लिए किया जाता है. सबसे पहली IDE केबल में 16 इंटरफ़ेस होते थे जो 2 कंप्यूटर यंत्रो को एक केबल के साथ जोडती थी. इन केबल का अपना खुद का एक सर्किट होता है, साथ ही इनमे एक इंटीग्रेटेड डिस्क ड्राइव कंट्रोलर भी होता है. इनका इस्तेमाल DTR ( डाटा ट्रांसफर रेट ) को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है. IDE केबल की जगह अब SATA ( Serial Advanced Technology Attachment ) तकनीक का इस्तेमाल किया जाने लगा है, क्योकि इनकी गति बाकी की केबल से कहीं ज्यादा होती है.


IDE केबल का कार्य :

इनका सबसे महत्वपूर्ण कार्य ही यही होता है कि ये दो यंत्रो के बीच के डाटा ट्रान्सफर में मदद करता है. इस केबल के दो सिरे होते है जो इन दोनों यंत्रो से जुड़े होते है. शुरूआत में इन केबल की डाटा को ट्रान्सफर करने की गति सिर्फ 16 MB / s होती थी किन्तु अब इनकी काम करने की गति लगभग 133 MB / s है. IDE केबल की लम्बाई मात्र 18 इंच तक ही सिमित होती है इसी वजह से इनका बाहरी यंत्रो में इस्तेमाल नही हो पाता.


IDE केबल में 40 से 80 पिन जोड़ने की जगह होती है जो 2 से 3 रेखाओ में होती है, साथ ही आपको ये कनेक्टर 3 अलग अलग रंगों में मिलते है.


-    नीला : ये मदरबोर्ड से जुडा होता है.


-    काला : ये प्रथम या मास्टर ड्राइव से जुडा होता है.


-    ग्रे : ये द्वितीय या नौकर ड्राइव से जुडा होता है.


इस केबल के एक तरफ एक पट्टी दी होती है जो आपको ये बताती है कि इस तरफ की केबल पिन नंबर 1 से जुड़ेगी. इसके अलावा अब इन केबल में एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाने लगा है जिसकी मदद से ये सिर्फ अपने स्थान पर ही कनेक्ट हो पाती है. इस तकनीक के आधार पर इनके ऊपर प्लास्टिक की एक पट्टी चढ़ा दी जाती है जिसकी मदद से ये सिर्फ अपने ही खांचे में सेट होती है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
आई डी इ केबल क्या होती है
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केबल के प्रकार :

मुख्यतः IDE केबल 3 वैरिएंट ( Variant ) में मिलती है.

-    40 – Wire Variant : जैसाकि इनके नाम से पता चलता है कि इनमे 40 वायर रिब्बन ( Ribbon ) होते है. ये केबल 2 या 3 कनेक्टर से जुड़ सकती है. जिनमे से एक कनेक्टर तो मदरबोर्ड से ही जुडा होता है, दूसरा सिस्टम के ड्राइव से जुडा होता है. अगर आप 3 कनेक्टर वाली केबल इस्तेमाल कर रहे हो तो इसमें से 2 ड्राइव से जुड़ सकते है किन्तु एक मदरबोर्ड से जरुर जुडा रहता है. इन कनेक्टर के लिए नीला, काला और ग्रे रंग इस्तेमाल किया जाता है ताकि ये अपनी सही जगह पर जुड़ सके. 


-    44 – Wire Variant : इनका इस्तेमाल ज्यादातर लैपटॉप में किया जाता है. ये लैपटॉप में बिलकुल 40 वायर वैरिएंट की तरह ही काम करते है, इनमे बस थोडा सा ही बदलाव किया गया है. लैपटॉप में इनका इस्तेमाल सिर्फ 2.5 इंच के इंटरनल ड्राइव के साथ ही किया जा सकता है जैसेकि लैपटॉप हार्ड डिस्क. इनका इस्तेमाल पॉवर को कंडक्ट करने के लिए भी किया जाता है. इसका फायदा ये होता है कि आपको लैपटॉप में 2 केबल को नही जोड़ना पड़ता, उनका काम ये अकेली ही कर देती है. 


-    80 – Wire Variant : इनकी मदद से 2 कंप्यूटर यंत्रो में डाटा का ट्रान्सफर रेट बढ़ गया है. इनकी मदद से कंप्यूटर में केबल के जाल से मुक्ति मिली है. इसके इस्तेमाल से बाकी की वायर सिर्फ ग्राउंड वायर बन कर ही रह गई है. जिनका इस्तेमाल सिग्नल वायर और डाटा के बीच में जगह को बढ़ाने के लिए किया जाता है. आज हर कंप्यूटर में 80 वायर वैरिएंट का इस्तेमाल ही होता है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
What is IDE Cable
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IDE केबल के लाभ :

·         IDE केबल को बनाया ही इसीलिए गया था ताकि ये कम मेहनत में ज्यादा काम आसानी से कर सके. तो इनका सबसे बड़ा फायदा यही है.


·         एक ही वातावरण में काम करने की वजह से ये अपने कार्य को पूरी तरह से करते है.


·         इनकी कीमत बहुत ही कम होती है, साथ ही इनका इस्तेमाल बहुत ही आसान होता है.

·         इनका प्रदर्शन काबिलेतारीफ होता है. 


IDE केबल की हानि :

·         ये बार कोड को फिक्स नही कर सकते, न ही उनका इस्तेमाल कर सकते है और न ही डिजाईन कर सकते है. 


·         ये किसी भी प्रोग्राम को शुरू करने के लिए आदर्श केबल नही है. इसके इस्तेमाल से आपको किसी भी प्रोग्राम को शुरू करते वक़्त परेशानियों का सामना करना पड सकता है. 


·         इनका कार्य थोडा जटिल होता है तो इनसे ज्यादा फायदा लेने के लिए आपके कंप्यूटर को थोडा समय लग सकता है. 


·         कुछ IDE केबल डाटा में प्रसारण की गति कम होती है, साथ ही ये सिर्फ कुछ डिवाइस को ही जोड़ पाती है.


·         इनकी लम्बाई का छोटा होना भी इनकी एक कमी है.

 
IDE Ya Integrated Drive Electronics ke Kya Karya hai
IDE Ya Integrated Drive Electronics ke Kya Karya hai

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