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Tarbuj ke Ayurvedic Fayde or Upchar | तरबूज के आयुर्वेदिक फायदे और उपचार | Ayurvedic Benefits and Remedies of Watermelon

तरबूज

तरबूज हमारे पसंदीदा फलों में से एक है. इस फल को हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक माना जाता है. तरबूज सर्दी के मौसम में नहीं बल्कि गर्मी के मौसम में होने वाला फल है. यह फल अन्य फलों से सस्ता है इसलिए इस फल को किसी भी वर्ग के व्यक्ति आसानी खरीद सकते है. 

तरबूज की खेती भारत के सभी स्थानों पर की जाती है. इस फल की खेती नदियों के किनारे तथा रेतीली मिटटी में ही हो सकती है.


तरबूज काफी बड़ा और भारी फल होता है. इसका रंग ऊपर से हरा होता है तथा अंदर से लाल होता है. इसके बीज लाल व काले रंग के पाए जाते हैं. तरबूज रस से भरा हुआ होता है. यह फल खाने में अत्यंत मीठा व स्वादिष्ट होता है. तरबूज का पेड़ नहीं होता बल्कि इसकी बहुत लम्बी बेल होती है. इस फल में अनेक गुण पाए जाते हैं. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
तरबूज के आयुर्वेदिक फायदे और उपचार
तरबूज के आयुर्वेदिक फायदे और उपचार

तरबूज के अंदर अनेक निम्न तत्व पाए जाते हैं –

1.       तरबूज में 95.8 प्रतिशत पानी पाया जाता है.

2.       इसमें 0.2 प्रतिशत प्रोटीन होता है.

3.       इसमें चिकनाई की मात्रा 0.2 प्रतिशत होती है.

4.       तरबूज में 0.3 प्रतिशत खनिज लवण पाए जाते हैं.

5.       इस फल में 3.3 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ए, थायमिन, राइबोफ्लोविन एवं एस्कॉर्बिक अम्ल आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं.


आयुर्वेदानुसार ऐसा माना जाता है कि तरबूज को खाना खाने के बाद ही खाना चाहिए. इस फल को खाली पेट नहीं खाया जाता. हमारे शरीर के लिए केवल तरबूज का ताजा फल ही लाभदायक होता है. कटा – फटा व बासी फल खाने से हमारे शरीर को नुकसान भी हो सकता है. खाना खाने के बाद तरबूज को 1 – 2 घंटे पानी में डालकर काला नमक व मिर्च डालकर इसका सेवन हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक है. आयुर्वेदानुसार तरबूज का फल ही नहीं बल्कि इसके बीज को भी हमारे लिए बहुत ही उपयोगी माना गया है. तरबूज के बीजों का प्रयोग तेल बनाने में किया जाता है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
Ayurvedic Benefits and Remedies of Watermelon
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 आयुर्वेदानुसार तरबूज का रस  हमारे शरीर के लिए –

1.       ठण्डा होता है.

2.       इसका रस स्फूर्ति देने वाला होता है.

3.       तरबूज का रस अत्यंत स्वादिस्ट होता है तथा

4.        पौष्टिक पेय होता है. 


तरबूज हमारे शरीर के निम्न दोषों का नाश करता है –

1.       पित्त

2.       वीर्य  

3.       मूत्रल

4.       वात 

5.       कफ  


 हम बादाम के तेल की जगह तरबूज के बीजों का तेल भी प्रयोग कर सकते हैं.   


तरबूज को अनेक भाषाओँ में निम्न नाम से जाना जाता है –

1.       संस्कृत में तरबूज को कालिन्द के नाम से जाना जाता है.

2.       हिंदी में तरबूज के नाम से जाना जाता है.

3.       मराठी में इसे कालिंगड़ के नाम से जाना जाता है.

4.       गुजराती में हम इसे तरबूज कहते हैं.

5.       बंगला में आप तरबूज को तरमुज बोलते हैं.

6.       तेलगु में इसे पुच्च्काया के नाम से जाना जाता है.

7.       तामिल में तरबूज को कोंमाट्टी कहा जाता है.

8.       फारसी में इसे हिंदवाना कहा जाता है.

9.       अंग्रेजी में तरबूज को watermalon कहा जाता है.

10.   लैटिन में इसे सिट्रयुलस वलगेरिस कहते हैं.


आयुर्वेदानुसार तरबूज के अनेक निम्न औषधीय उपयोग हैं –

1.       उच्च रक्तचाप – उच्च रक्त चाप में तरबूज का बीज तथा इसके रस का सेवन हमारे लिए अत्यंत लाभदायक होता है . इसके बीज का सेवन करने के लिए -

1.       2 चम्मच बीज को छाया में सुखा या जाता है.

2.       फिर इसके बीजों को पीसा जाता है.

3.       उसके बाद 1 कप उबलते पानी में 1 घंटा भिगोया जाता है.

4.       फिर चम्मच से हिलाकर छानकर दिन में चार बार पिया जाता है. इसे पीने से टखनों के पास की सूजन, हाई ब्लडप्रेशर आदि में हमारे लिए लाभदायक होता है. उच्च रक्तचाप में हम तरबूज के रस का भी सेवन कर सकते हैं.


2.       कब्ज – जिन लोगों को कब्ज रोग है वे तरबूज का सेवन कर सकते हैं. तरबूज खाने से हमारी अंतों को एक प्रकार की चिकनाई मिलती है जिससे हम कब्ज रोग से मुक्त हो जाते हैं.


3.       सिरदर्द – जिन्हें गर्मी के कारण सिर में दर्द होता है उनके लिए तरबूज के रस का सेवन अत्यंत लाभदायक है. इसका सेवन करने के लिए तरबूज के रस में मिश्री मिलाकर पीया जाता है इससे   गर्मी के कारण हो रहे सिरदर्द में आराम मिलता है.
 
Home Treatments with Watermelon
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4.       खाना पचना – खाना खाने के बाद यदि आपका खाना नहीं पचता तो आप तरबूज के रस का सेवन भी कर सकते हैं. इसके सेवन से आपका खाना जल्दी पचेगा तथा इसके सेवन से  जठराग्नि जल्दी होती है और हमारा खून भी बढ़ता है.


5.       मूत्रावरोध – मूत्रावरोध में तरबूज का सेवन लाभदायक होता है. यदि आपको पेशाब ठीक से नहीं उतरता हो या कष्ट से आता हो तो आपको तरबूज बहुत अधिक मात्रा में खाना चाहिए. इससे आपका पेशाब खुलकर अयेगा और आप मूत्राशय से सम्बंधित रोगों से भी मुक्त हो जायेंगे.


6.       थकान – यदि बहुत अधिक काम करने से आप थकान महसूस कर रहे हैं तो आप तरबूज के रस का सेवन कर सकते हैं. इसके रस के सेवन से आपकी थकान दूर हो जाएगी.


7.       पीलिया – जिन लोगों को पीलिया रोग है उनके लिए तरबूज का सेवन अत्यंत लाभदायक होता है. क्योंकि तरबूज का सेवन करने से हमारा खून साफ होता है और हमारे शरीर का खून भी बढता  है.

8.       लू लगना - जिन लोगों को लू लगने का डर होता है उन्हें तरबूज का रस पीना चाहिए. इसे पीने से लू लगने का डर नही होता.


9.       मसूढ़े – जिन लोगों को अपने मसूढ़ों को मजबूत करना हो या मुंह की बदबू दूर करनी हो तो वे  तरबूज की गिरी का प्रयोग कर सकते हैं. उन्हें तरबूज की गिरी को पीसकर, इसके रस की मसूढ़ों पर मालिश करनी चाहिए. इसकी मालिश से मसूढ़े भी मजबूत होते हैं और मुंह की बदबू भी दूर हो जाती है.


10.   रक्त वृद्धि – यदि हमें रक्त में वृद्धि करनी हो तो हम तरबूज का सेवन कर सकते हैं. इससे हमारे रक्त में वृद्धि भी होती है और हमारा खून साफ भी होता है तथा इससे हमारी त्वचा के रोग भी दूर हो जाते हैं.


11.   मूत्रदाह – यदि आपको पेशाब की जलन को दूर करना हो तो आप तरबूज का सेवन कर सकते हैं . इसका सेवन करने के लिए पहले तरबूज का एक टुकड़ा काट ले, उस जगह शक्कर भर लें, फिर कटे हुए टुकड़े को वापिस लगा दें, उसके बाद तरबूज को रातभर खुली ओस में रख दें, फिर सुबह उसे खाएँ. इससे आपकी पेशाब की जलन व रुकावट दूर हो जाएगी.


12.   दिल की धडकन – यदि आप अपने दिल की धडकन को सामान्य रखना चाहते हैं तो इसके लिए आप तरबूज की गिरी का प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए 1 तोला गिरी लें, उसे पानी में पीस लें, फिर उसमें मिश्री मिलाकर पिएँ, इससे आपकी दिल की धडकन सामान्य रहेगी.


13.   ज्वर – यदि आपको ज्वर है तो आप तरबूज के रस का सेवन कर सकते हैं. तरबूज के रस का सेवन करने से बुखार भी उतर जाता है और राहत भी मिलती है. 


14.   सुजाक – यदि आपको सुजाक रोग है तो उससे बचने के लिए तरबूज का सेवन आपके लिए अत्यंत लाभदायक होगा. तरबूज का सेवन सेवन करने के लिए –


1.       तरबूज में छेद कर लें.

2.       उसमें 8 ग्राम कलमी शोरा और 60 ग्राम मिश्री भर दें.  

3.       उसे बंद कर दें.

4.       उसे रात को खुले में रख दें.

5.       सुबह उसके अन्दर से पानी निकलकर, एक सप्ताह तक पियें. इसे पीने से आप सुजाक रोग से मुक्त हो जाएँगे.


15.   सूखी खांसी – यदि आपको सूखी खांसी है तो आप तरबूज का सेवन कर सकते हैं. इसका सेवन करने के लिए पहले तरबूज के टुकड़े कर लें, फिर टुकड़ों पर काला नमक डालकर खाएँ. इसे खाने से आपको खांसी आनी बंद हो जाएगी.

 
Tarbuj ke Ayurvedic Fayde or Upchar
Tarbuj ke Ayurvedic Fayde or Upchar

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