चक्रासन (Chakrasana )
चक्रासन भारतीय योग पद्दति का एक प्रमुख आसन हैं, इस आसन को करते समय मनुष्य
के शरीर की आकृति एक पहिए की भांति बन जाती हैं. इसीलिए इसे वील पोज़ (Wheel Pose) भी कहा जाता हैं. इसके अलावा क्योंकि यह धनुरासन के बिल्कुल विपरीत होता हैं इसीलिए इसे उर्ध्व धनुरासन के नाम से भी जाना जाता हैं.
चक्रासन करने की विधि (Method Of Chakrasana) –
1. चक्रासन करने के लिए सबसे पहले एक साफ, शांत और समतल स्थान पर दरी या चटाई बिछा लें.
2. इसके बाद दरी या चटाई पर पीठ के बल पर लेट जाएँ. जमीन पर पीठ के बल लेटने की इस अवस्था को शवासन के नाम से भी जाना जाता हैं.
4. अब अपने घुटनों को धीरे – धीरे खड़ा करने का प्रयास करें और पैर के तलवों को जमीन पर अच्छी तरह से जमा लें. जिससे आपके शरीर का संतुलन न बिगड़े.
5. इस आसन को करते समय आपके दोनों पैरों के बीच कम से कम एक या डेढ़ फूट की दूरी होनी चाहिए.
6. अब अपने दोनों हाथों की हथेलियों को अपने सिर के दोनों ओर जमा लें.
7. इसके बाद अपने शरीर को को थोडा ढीला छोड़ दें और एक गहरी सांस लें.
8. अब अपनी कमर को जमीन पर से धीरे – धीरे ऊपर की ओर उठायें और शरीर को चक्र के सामान गोल बनाने की कोशिश करें.
1. चक्रासन करने के लिए सबसे पहले एक साफ, शांत और समतल स्थान पर दरी या चटाई बिछा लें.
2. इसके बाद दरी या चटाई पर पीठ के बल पर लेट जाएँ. जमीन पर पीठ के बल लेटने की इस अवस्था को शवासन के नाम से भी जाना जाता हैं.
3.अब अपने दोनों पैरों को मोड़ लें और अपने पैरों की एडियों को अपने
नितम्भों के पास ले जाने की कोशिश करें.
4. अब अपने घुटनों को धीरे – धीरे खड़ा करने का प्रयास करें और पैर के तलवों को जमीन पर अच्छी तरह से जमा लें. जिससे आपके शरीर का संतुलन न बिगड़े.
5. इस आसन को करते समय आपके दोनों पैरों के बीच कम से कम एक या डेढ़ फूट की दूरी होनी चाहिए.
6. अब अपने दोनों हाथों की हथेलियों को अपने सिर के दोनों ओर जमा लें.
7. इसके बाद अपने शरीर को को थोडा ढीला छोड़ दें और एक गहरी सांस लें.
8. अब अपनी कमर को जमीन पर से धीरे – धीरे ऊपर की ओर उठायें और शरीर को चक्र के सामान गोल बनाने की कोशिश करें.
9.
जब आप चक्रासन करने में समर्थ हो जाए तो चक्रासन की स्थिति में कम से
कम 15 या 20 सेकंड तक अवश्य रुके, इसके बाद धीरे – धीरे जमीन की ओर अपनी कमर ले जाएँ और शवासन की अवस्था में आ जाएँ और
शरीर को थोडा आराम दें. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT योगासन से करें दूर थायराइड की समस्या ...
Chakrasana Vidhi Laabh Aur Savdhani |
चक्रासन विधि लाभ और सावधानी |
चक्रासन करने के लाभ (Benefits
Of Chakrasana)
1. चक्रासन करने से शरीर की रीढ़ की हड्डी मजबूत
बनती हैं.
2. इससे शरीर लचीला बनता हैं.
3. इस आसन से कमर दर्द, पीठ दर्द ठीक हो जाता हैं.
4. सिर दर्द तथा थकान भी ख़त्म हो जाती
हैं.
5. चक्रासन शरीर की पाचन प्रणाली के लिए भी बहुत ही अल्भ्दायक सिद्ध होती हैं. इससे शरीर का पाचन तन्त्र ठीक ढंग से कार्य करता हैं.
6 रीढ़ की हड्डी के साथ – साथ इस आसन को रोजाना एक बार करने से शरीर की हड्डियों में भी मजबूती आती हैं.
6 रीढ़ की हड्डी के साथ – साथ इस आसन को रोजाना एक बार करने से शरीर की हड्डियों में भी मजबूती आती हैं.
7. इससे पेट का मोटापा भी कम हो जाता हैं.
8. इससे पेट म कब्ज बनने की और बदहजमी की समस्या भी ठीक हो जाती हैं.
8. इससे पेट म कब्ज बनने की और बदहजमी की समस्या भी ठीक हो जाती हैं.
9. मानव शरीर की लम्बाई बढाने के लिए भी यह आसन
श्रेष्ठ होता हैं.
Pet ki Bimariyon ko Door Karen Aur Kad Badhayen |
सावधानी (Caution) –
इस आसन को एक दम से करने का प्रयास बिल्कुल न करें. इसके साथ यदि आप गर्भवती हैं, हर्निया, नेत्र रोग, हृदय रोग, चक्कर आने की समस्या हैं, कुछ समय पहले कोई ऑपरेशन हुआ हैं तो इस आसन को करने का प्रयत्न बिल्कुल न करें.
चक्रासन तथा योग प्रणायाम के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
इस आसन को एक दम से करने का प्रयास बिल्कुल न करें. इसके साथ यदि आप गर्भवती हैं, हर्निया, नेत्र रोग, हृदय रोग, चक्कर आने की समस्या हैं, कुछ समय पहले कोई ऑपरेशन हुआ हैं तो इस आसन को करने का प्रयत्न बिल्कुल न करें.
चक्रासन तथा योग प्रणायाम के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
Hamesha Yuva Dikhne ke liye Chakrasana |
Chakrasana Vidhi Laabh
Aur Savdhani, चक्रासन विधि लाभ और सावधानी, Chakrasana, Sharir ko Lachila Bnayen Chakrasana, Hamesha Yuva Dikhne
ke liye Chakrasana, Kaise Karen Chakra Aasan, Wheel Pose, चक्रासन, Pet ki
Bimariyon ko Door Karen Aur Kad Badhayen
YOU MAY ALSO LIKE
No comments:
Post a Comment