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सच में:-

क्या सच में Made In India फ़ोन भारत में बनाते है | Kya Sach mein Made In India Phone Bharat mein Bante Hai

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Chamatkari Sursundari Yakshini Sadhana | चमत्कारी सुरसुन्दरी यक्षिणी साधना


सुरसुन्दरी यक्षिणी साधना (Sursundari Yakshini Sadhana)
ऐसा माना जाता हैं कि यक्षिणी देवियाँ माँ जगदम्बा की सेविकाएँ और सखियाँ हैं. जो अपने दर्शन देने के पश्चात् मनुष्य की इच्छाओं को पूर्ण करती हैं.

यक्षिणी साधना की कथा (Story of Sursundari Yakshini Sadhana)
प्राचीन समय में एक देवी थी जो इस साधना के बारे में जानना चाहती थी. इस साधना के बारे में पूर्णत: जानने के लिए ही देवी ने ईश्वर से प्रार्थना की और यह जानना चाहा कि यक्षिणी साधना की विधि क्या हैं और इसे करने से क्या – क्या लाभ प्राप्त होते हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT असंभव कार्य की पूर्ति के लिए गणेश मोहिनी साधना ...
Chamatkari Sursundari Yakshini Sadhana
Chamatkari Sursundari Yakshini Sadhana
देवी की प्रार्थना सुनकर ईश्वर ने बताया कि हविष्याशी और जितेन्द्रिय होकर विधिवत रूप से यह पूजा शुभ समय में करनी चाहिए. इस साधना को करने वाले व्यक्ति को हमेशा ध्यान मग्न होकर उस देवी के दर्शन पाने के लिए उत्सुक रहना चाहिए. इस साधना को करने के लिए ऐसे स्थान का चुनाव करें, जहाँ पर कोई मनुष्य न हो और वह पूर्ण धैर्य के साथ इस साधना को करने में सक्षम हो. इस साधना को करने वाले व्यक्ति के मन में यदि धैर्य और विश्वास हो तो उस व्यक्ति को देवी अवश्य दर्शन देती हैं. इस साधना को करने का फल केवल यक्षिणी साधना को सम्पूर्ण करने वाले व्यक्ति को ही प्राप्त होता हैं. इसके अलावा अन्य किसी व्यक्ति को इस साधना का शुभ फल प्राप्त नहीं होता. यह साधना बहुत ही महत्वपूर्ण और उपयोगी होती हैं क्योंकि इस साधना को करने के बाद साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.

   
चमत्कारी सुरसुन्दरी यक्षिणी साधना
चमत्कारी सुरसुन्दरी यक्षिणी साधना 
क्रोध मन्त्र (Krodha Mantra) यदि यक्षिणी साधना को सम्पूर्ण करने के पश्चात् साधक को यक्षिणी के दर्शन न हो, तो इसके लिए आप क्रोध मंत्र का जाप कर यक्षिणी को दर्शन देने के लिए बाधित कर सकते हैं. इस मंत्र का वर्णन स्वयं शिवजी ने “ किंकिणी – तंत्र ” में किया हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT इच्छापूर्ति के लिए अप्सरा साधना ...
इस मंत्र का जाप करने के तुरंत बाद यक्षिणी आपके सामने उपस्थित हो जायेगी और यदि इस मंत्र का जाप करने के बाद भी यक्षिणी आपके सामने उपस्थित नहीं हुई. तो उसे अपने साधक को दर्शन न देने के अपराध में भयंकर दंड भुगतने पड़ते हैं. माना जाता हैं कि जो यक्षिणी दर्शन नहीं देने आती उसकी आँख या मूर्धा फट जाती हैं या वह तुरंत मर कर नरक में पहुच जाती हैं.

सुरसुन्दरी यक्षिणी साधना विधि (Method Of Sursundari Yakshini Sadhana)
1.   सुरसुन्दरी यक्षिणी साधना प्रारम्भ करने से पहले किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त में स्नान कर लें. इसके बाद साधना आरम्भ करने से पहले अपने गुरु, इष्ट और गणेश जी की पूजा करें. इसके बाद निम्न मन्त्र का जाप कर दिग्बन्धन करें.

मन्त्र – ॐ सहस्त्रार हु फट्

3.  अब निम्नलिखित मूल मंत्र का तीन बार प्रणायाम करके मन्त्र से षडंगन्यास करें.
Sursundari Yakshini Sadhana
Sursundari Yakshini Sadhana
4.  अब अपने हाथ में रक्त पुष्प लें और देवी का ध्यान कर निम्नलिखित मंत्र का जाप करें.
Sursundari Sadhana Mantra Vidhi or Katha
Sursundari Sadhana Mantra Vidhi or Katha
5.  ध्यान लगाने के बाद देवी को धूप – दीप अर्पित करें, नैवेद्य के साथ सभी सामग्रियों के देवी के समक्ष अर्पित करें और सुरसुन्दरी यक्षिणी साधना मन्त्र का जाप करें.

6.इस साधना को सम्पन्न करने के लिए एक यक्षिणी साधना यंत्र स्थापित कर लें.

7.      अब रोजाना इसी विधि के अनुसार 40 दिन तक प्रतिदिन तीनों संध्याओं में तीन हजार बार सुरसुन्दरी यक्षिणी साधना मंत्र का जाप करें.

8.     साधना के अंतिम दिन अर्थात 41 वें दिन उत्तम बलि प्रदान करते हुए शक्कर, गुग्गुल और देशी घी से हवन करें.

इस विधि को अपनाकर साधना सम्पन्न करने के बाद अंतिम दिन की रात्रि को सुरसुन्दरी यक्षिणी आपको दर्शन अवश्य देगी. देवी से साक्षात्कार होने के बाद पाद्यादी, चन्दन, पुष्प, नैवेद्य और उत्तम सामग्रियों का प्रयोग कर देवी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करें. जब देवी आपकी पूजा से संतुष्ट हो जायेगी तो वह आपसे आपकी इच्छा पूछेगी. साधक अपनी इच्छानुसार अपने ले लिए देवी से कुछ भी मांग सकता हैं. लेकिन देवी के दर्शन होने क बाद इस बात का ध्यान रखें कि आप देवी को माता, बहन या पत्नी की भक्ति भावना के नजरिये से देखने.

लाभ (Benefits)
·     माता के रूप में सिद्ध करने पर देवी के दर्शन होने के पश्चात् साधक को धन, सौभाग्य, मान – सम्मान, यश, द्रव्य के साथ सभी सुख प्रदान होंगे.

· देवी रोजाना साधक को अमूल्य वस्तुएं प्रदान करेंगी. देवी अपने भक्त का पालन एक पुत्र की भांति करेगी. उसकी हर इच्छा का ध्यान रखेगी.

·     बहन के रूप में देवी को सिद्ध करने के बाद देवी साधक को रोजाना नई और दिव्य वस्तुएं, दिव्य नागकन्या प्रदान करती हैं और उसका हमेशा एक भाई की तरह ध्यान देती हैं.

·     पत्नी के रूप में सिद्ध करने पर साधक पूरी पृथ्वी का राजा हो जाता हैं, उसकी पहुच स्वर्ग से लेकर पाताल तक हो जाती हैं.

·     लेकिन यक्षिणी साधना को पत्नी के रूप में सिद्ध करने पर साधक अन्य स्त्री का स्पर्श नहीं कर सकता हैं. यदि साधक ऐसा करने का प्रयास करता हैं तो वह नष्ट हो जाता हैं.

अष्टमी तिथि  – इस साधना को करने वाले साधक को अष्टमी तिथि को कुँवारी कन्याओं को पूजना चाहिए, इसके पश्चात् निम्नलिखित मन्त्रों का जाप करना चाहिए. जमीन पर बिस्तर लगाकर सोना चाहिए तथा दिन में एक बार नमक और खटाई से रहित भक्ष्य भोजन का सेवन करना चाहिए.
 
Yakshini Sadhna Uchit Sthan
Yakshini Sadhna Uchit Sthan
स्थान (Place)  सुसुन्दारी यक्षिणी साधना को करने के लिए आप एकलिंग, सिद्ध तीर्थ स्थल, प्राचीन शक्ति स्थल या भैरव मंदिर, गंगातट या घर के पूजा स्थल में जहाँ भी आपको शांति मिले आपके मन किसी अन्य वास्तु या कार्य की तरफ आकर्षित न हो ऐसे स्थान का चुनाव कर साधना को आरम्भ करें.

ध्यान रखने योग्य बातें (Important Information) -
कुछ साधक बिना किसी विद्वान या अपने गुरु की सहायता लिये बिना यक्ष – यक्षिणी साधना, पिशाचिनी साधना तथा शुद्र साधना करने का प्रयत्न करते हैं. लेकिन इसी प्रकार बिना किसी विद्वान पुरुष या गुरु की सहायता लिए बिना किसी भी साधना को सम्पूर्ण करने पर ऐसे लोगों का जीना मुश्किल हो जाता हैं, उन्हें अपने जीवन में कई प्रकार के संकटों का सामना करना पड़ता हैं. इसीलिए यदि आप इस साधना को करना चाहते हैं तो इस साधना को केवल अपनी समझ के अनुसार न करें. इससे आपको भी इस साधना के दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. साधना करने के लिए और देवी के दर्शन करने एक लिए किसी अनुभवी गुरु की सहायता जरूर लें. जिससे आपको इस साधना के शुभ फल प्राप्त हो सके.

अन्य यक्षिणी साधनाओं के बारे में जानने के लिए आप नीचे तुरंत कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं. 
Yakshini Sadhana ki 36 Deviyon ke Naam
Yakshini Sadhana ki 36 Deviyon ke Naam

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इस तरह के व्यवहार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !


प्रार्थनीय
जागरण टुडे टीम

15 comments:

  1. नमस्कार कृपया संपर्क करव सह्यताकेलिये 9224168707

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    1. We could not understand what you comment, Please Clear ...

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    2. sursundari yogini ke bare me detail se bataye

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  2. नमस्कार सर हमे वटयक्षिणी सिद्धि के बारे मे एक-एक बाते क्रोध मंत्र, न्यासविघि मंत्र, यंत्र, घ्यान, बलि इत्यादि । सभी भेजने का कष्ट करे।
    ये हमारा ईमेल:- nirajtiwari1992@gmail.com

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    1. NEERAJ I AM ALSO INTERESTED PLEASE PROVIDE DETAILS IF YOU ARE HAVING IF ANY

      jiteshupadhyay73@gmail.com

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  3. अनुरागिनी यक्षिणी मन्त्र न्यास ईत्यादि बारे मे बताने का कष्ट करे।

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  4. Anuragini yakshini sadhana mantra vidhi bhejne ka kst kare

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  5. sur sundari यक्षिणी मन्त्र न्यास ईत्यादि बारे मे बताने का कष्ट करे।

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  6. Chandrika yakshini sadhana mantra vidhi bhejne ka kst kare

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  7. Hello sir yakshini sadhana vidhi bataye our isme dhup konsa hain our aasan konsa hai konsi disa mein mukh hona chahiye our konsa vastra hona chahiye meri email id michaeltanwar108@gmail.com

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  8. Sir mujhe krodh mantar our yakshini sadhna mantar our vidhi bataye

    My imail id michaeltanwar108@gmail.com

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  9. Sir please hame ma jagadamba sidhhi ke bare me bataye

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  10. Anuragini yogini air madhumati yogini aik hi h kya ? plz btaye

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  11. हंसी यक्षणी का मन्त्र और पूजा पाठ और भोग कि सामग्री बताइए धन्यवाद

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