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सच में:-

क्या सच में Made In India फ़ोन भारत में बनाते है | Kya Sach mein Made In India Phone Bharat mein Bante Hai

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Ghar mein Pooja ka Sahi Tarika | घर में पूजा का सही तरीका | How to Worship at Home

घर पर कैसे करें पुजन ( Tips to Worship at Home House )
हर घर में मंदिर अवश्य होता है जहाँ घर के सदस्य रोजाना नियमति रूप से पूजा अर्चना करते है. किन्तु घर पर पूजा करते वक़्त कोई भी पूजन के नियमों का पालन नहीं करता, जिस कारण उन्हें अपने कार्यों में मनवांछित सफलता प्राप्त नहीं हो पाती. ऐसा सही ज्ञान का ना होना है किन्तु आज हम आपको कुछ ऐसे नियम बताने जा रहे है जिनको घर में पूजा करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है आप भी इन्हें अवश्य अपनाएँ.

·     मूर्तियाँ ( Sculptures ) : घर के मंदिर में ज्यादा बड़ी मूर्तियाँ कभी भी ना रखें, वहीँ अगर आप शिवलिंग को घर में स्थापित करना चाहते है तो उसका आकार भी आपके अंगूठे से अधिक बड़ा नहीं होना चाहियें. वैसे भी शिवलिंग अधिक संवेदनशील होते है इसलिए छोटे शिवलिंग का इस्तेमाल ही उचित है. CLICK HERE TO KNOW प्रार्थना कैसे करें ... 
Ghar mein Pooja ka Sahi Tarika
Ghar mein Pooja ka Sahi Tarika
·     पूजा के समय मुख ( Direction of Face during Prayer ) : किसी भी कार्य के लिए मुख की दिशा को अवश्य निर्धारित किया जाता है. पूजा के समय भी मुख का सही दिशा में होना अनिवार्य है, तो अपने घरों में मंदिरों का निर्माण इस तरह कराएं कि पूजा के समय आपका मुख पश्चिम दिशा की तरफ हो.
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·     मंदिर का स्थान ( Place for Temple at Home ) : जैसाकि हमने अभी बताया की मंदिर पूर्व दिशा में उत्तम होता है किन्तु इस बात का भी ध्यान रहें कि घर में रोशनदान की व्यवस्था इस प्रकार हो कि मंदिर में अधिक से अधिक समय तक सूरज की रौशनी और ताज़ी हवा आयें. इस तरह मंदिर की स्थापना कराने से आपके घर के सभी दोष दूर होते है और घर में सकारात्मक उर्जा और शान्ति का वास होता है.

·     घंटी ( Holy Bell ) : घर में मंदिर बना देने से ही आपका कार्य पूरा नहीं होता बल्कि आपको रोजाना मंदिर में पूजा अवश्य करनी चाहियें. साथ ही मंदिर की घंटी का इस्तेमाल भी अवश्य करें, आप घंटी को लेकर पुरे घर में भी बजाएं ताकि घंटी की आवाज से घर का हर कोना शुद्ध हो जाए. CLICK HERE TO KNOW ईश्वर का आशीर्वाद पाने के उपाय ... 
घर में पूजा का सही तरीका
घर में पूजा का सही तरीका
·     फुल ( Flowers ) : पूजा हमेशा ताजा फूलों, पत्तों और जल से ही करनी चाहियें. इसीलिए पूजा के लिए तुलसी के पत्ते और गंगाजल को अधिक इस्तेमाल किया जाता है क्योकि वे कभी बासी नहीं माने जाते. किन्तु शिवजी की पूजा में तुलसी के पत्ते निषेध है. इसके अलावा आप सुंघा हुआ फुल या खराब फुल भी पूजा के लिए प्रयोग में ना लायें.

·     जुत्ते चप्पल ( Slippers ) : मंदिर एक पवित्र स्थान है इसलिए उसके पास कभी भी चमड़े के बने सामान जैसे जुत्ते चप्पल इत्यादि नहीं लेकर जाने चाहियें. साथ ही मंदिरों में अपने मृत परिजनों और पूर्वजों की तस्वीर भी ना रखें. इसे ईश्वर का अपमान माना जाता है. अगर आप घर में मृत परिजनों की तस्वीर को लगाना चाहते है तो उसके लिए दक्षिण दिशा की दीवार का इस्तेमाल करें.

·     शौचालय ( Bathroom / Toilet ) : मंदिर के आसपास शौचालय का निर्माण भी कभी ना कराएँ. अगर बेडरूम में ही पूजन कक्ष है तो बेडरूम में बाथरूम ना बनवाएं. इससे घर में नकारात्मकता बढती है और धन मान हानि होती है.

·     मंदिर को ढक दें ( Cover Temple during Night ) : जिस प्रकार हम चाहते है कि सोते वक़्त की हमें परेशान ना करें ठीक उसी प्रकार देवी देवता भी यही चाहते है तो आप उनके घर अर्थात मंदिर में रात के समय पर्दा लगा कर रखें ताकि वे भी विश्राम कर सकें.
How to Worship at Home
How to Worship at Home
·     गौमूत्र ( Cow Urine ) : साल में एक बार अपने घर में गौमूत्र का छिडकाव अवश्य करें, इससे घर की पवित्रता बनी रहती है और वातावरण शुद्ध व सकारात्मक रहता है. शास्त्रों में भी बताया गया है कि गौमूत्र में देवीय शक्तियाँ होती है और इसके चमत्कारिक आशीर्वाद से घर के हर सदस्य पर एक ख़ास उर्जा और विशेष कृपा बनी रहती है.

·     खंडित मूर्तियाँ ( Broken Sculptures ) : अगर मंदिर की कोई मूर्ति खंडित हो गयी है तो आप उसे तुरंत मंदिर से हटाकर बहते पानी में प्रवाहित कर दें क्योकि खंडित मूर्तियों का मंदिर में होना बहुत अशुभ माना जाता है. बस शिवलिंग ही ऐसा है जिसे कभी भी खंडित नहीं माना जाता.

·     फुल अर्पण ( How to Present Flowers ) : देवी देवताओं की मूर्तियों पर फुल चढाने के लिए आप दायें हाथ की अनामिका ऊँगली और अंगूठे का प्रयोग करें. लेकिन ध्यान रहे कि फुल की कलियाँ बिलकुल ना चढ़ाएं.

·     तुलसी ( Basil ) : तुलसी की महिमा से सब परिचित है इसीलिए पूजा में भी इसका अपना ही विशेष स्थान है और इसके बिना पूजा को पूर्ण तक नहीं माना जाता. अगर फूलों के स्थान पर तुलसी की मंजरी चढ़ाई जाएँ तो वो अधिक लाभदायी मानी जाती है. किन्तु ध्यान रहें कि मंगलवार, शुक्रवार, रविवार, एकादशी, पूर्णिमा, अमावस्या, रात्री और संध्या काल में तुलसी ना तोड़ें.

घर में पूजा के अन्य नियम और सिद्धांतों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
घर में पूजा कैसे करें
घर में पूजा कैसे करें

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इस तरह के व्यवहार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !


प्रार्थनीय
जागरण टुडे टीम

2 comments:

  1. तुलसी के पौधे में जल किस दिन नही देना चाहिए एवं तुलसी के पत्ते किस दिन नही तोडना चाहिए ।

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