सत्तू ( Barley )
जैसे ही गर्मियां शुरू
होती है वैसे ही हर जगह सत्तू ही सत्तू की गूंज आरम्भ हो जाती है, ऐसा खासकर छोटे छोटे कस्बों और
क्षेत्रों में होता है क्योकि वहां के लोग खाने में इसका बहुत उपयोग करते है. आज
हम आपको सत्तू को बनाने की विधि, उसके विभिन्न नाम और
विभिन्न प्रकार के सत्तुओं से स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताने वाले है. तो आओ
पहले ये जान लेते है कि आखिर ये सत्तू बनता कैसे है. CLICK HERE TO KNOW शुगर का रामबाण इलाज चने के सत्तू ...
Vibhinn Prakar ke Sattu or Unke Swasthya Laabh |
कैसे बनता है सत्तू ( How to Prepare Barley ) :
अगर आप इसके बारे में
नहीं जानते तो आपको बता दें कि सत्तू बनने के लिए पहले ज्वार, चावल, बाजरे,
मक्का, चने, गेहूँ,
सिंघाड़े या राजगीरा इत्यादि में से किसी को बालू मिटटी में भुना
जाता है, उसके बाद उसे चक्की में पीसकर उसका चूर्ण बना लिया
जाता है इसी चूर्ण को सत्तू कहा जाता है. वैसे हर तरह के सत्तू के अपने कुछ ख़ास
लाभ और फायदे होते है जिनको विस्तारपूर्वक नीचे बताया गया है.
सत्तू के विभिन्न नाम ( Different Names of Barley ) :
वैसे तो ये सत्तू के नाम
से ही बहुत अधिक विख्यात है किन्तु हर प्रदेश में इसको एक ख़ास नाम दिया गया है जो
इसके महत्व और पहचान को बढाता है.
- पाली प्राकृत – सत्तू
- भोजपुरी – सतुआ
- कश्मीरी – सोतु
- कुमाउनी – सातु सत्तू
- पंजाबी – सत्तू
- सिन्धी – सांतु
विभिन्न प्रकार के सत्तू और उनके स्वास्थ्य लाभ |
अगर आप बाजार में से इसे
खरीद रहें है तो आपको क्षेत्रों के भिन्न नाम के अनुसार ही दुकानदार से इसकी मांग
करनी होती है, साथ ही
ये अलग अलग स्वाद में मिलता है जिसकी गुड का सत्तू, शक्कर का
सत्तू, तो आपको जिस स्वाद का सत्तू चाहियें होता है उसे भी
दुकानदार को अवश्य बताएं. ये सस्ता, सरल और स्वास्थ्यवर्धक
आहार है.
विभिन्न प्रकार के सत्तू
और उनके स्वास्थ्य लाभ ( Different
Type of Barley and Their Health Benefits ) :
· जौ के सत्तू के लाभ ( Benefit of Oat Barley ) : ये बहुत
ही शीतल, हल्का और
त्रिदोष नाशक होता है. अगर इसे पानी के साथ लिया जाए तो ये शक्ति बढाता है,
शरीर को पोषण प्रदान करता है, पाचन शक्ति को
बढाता है, मल साफ़ करता है, थकावट दूर
कर ऊर्जा प्रदान करता है, भूख व प्यास जाग्रत करता है,
नेत्र रोगों से छुटकारा दिलाता है और रुचिकारक बनाता है.
· चने और जौ के सत्तू के लाभ ( Benefit of Gram and Oat Barley ) : ये दो
पौषक तत्वों का मिश्रण है, इसको
बनाने के लिए पहले चने का चूर्ण तैयार किया जाता है फिर उसमें ¼ भाग जौ का चूर्ण मिला दिया जाता है और ऐसे तैयार
होता है चने जौ का सत्तू. इस सत्तू का प्रयोग पानी में घोलकर या घी शक्कर के साथ
किया जाता है. ये गर्मियों में बहुत अधिक फायदेमंद होता है और सभी ग्रीष्म रोगों
से सुरक्षा प्रदान करता है, साथ ही
ये तृप्तिदायक भी है.
Different Type of Barley Sattu and Their Health Benefits |
· चावल का सत्तू ( Rice Barley ) : ये
सत्तू हल्का और शीतल तो अवश्य होता है किन्तु इसे अग्निवर्धक भी माना जाता है. ये
पौरुष शक्ति को बढ़ता है साथ ही मधुर ग्राही और रुचिकारी होने के कारण इसे गर्मियों
का एक श्रेष्ठ आहार भी माना जाता है.
· जौ गेहूँ चने का सत्तू ( Wheat Oat Barley ) : इस
सत्तू को बनाने के लिए आपको सबसे पहले 1 किलों चने की दाल, 500 ग्राम गेहूँ और 200 ग्राम जौ
की आवश्यकता पड़ेगी. अब इन सभी को अलग अलग बर्तन में 8 घंटों के लिए पाई में भिगने
के लिए रख दें. इतने समय में ये गल जायेंगे. अब इन्हें सुखायें और तीनों को अलग
अलग भडभूंजे के पास भुनवाने के लिए भेज दें. अंत में तीनों को एक साथ मिलाकर
पिसवाकर चूर्ण तैयार करें. इस तरह ये सत्तू तैयार होता है.
सत्तू का उपयोग करने की
विधि ( How
to Use Sattu Barley ) :
ऊपर दिए किसी भी सत्तू को
लेना बहुत आसान है, बस आपको
इनका एक पतला पेय बनाना है और उसे पी जाना है. अगर आपको पतला पेय पसंद नहीं है तो
आप इसकी गाढ़ी लाप्सी बना लें और चम्मच के साथ खाएं. इसका स्वाद बढाने के लिए आप
इसमें गुड, शक्कर इत्यादि भी मिला सकते है. वहीं नमकीन स्वाद
के शौक़ीन लोग इसमें सेंधा नमक व जीरा मिलाकर इसका सेवन करें. कहने का तात्पर्य ये
है कि आप इसे किसी भी तरह ले सकते है क्योकि ये हर स्थिति में शरीर के लिए
फायदेमंद ही होता है. इसके पौषक तत्व व सुपाच्य गुण सदा हितकारी ही सिद्ध होते है.
किसी अन्य प्रकार के सत्तू
को बनाने की विधि और उसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत
नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
सत्तू बनने की सरल विधि |
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