मुहँ में छाले ( Mouth Ulcer )
छाले तभी होते है जब
हमारे शरीर का कोई हिस्सा गर्म चीज को छू लेता है. दिखने में ये एक फुंसी के समान
होते है किन्तु इनमें मवाद नहीं बल्कि पानी सा भरा रहता है और अगर कोई इसे फोड़ दें
तो उस जगह जलन व चरमराहट सी महसूस होती है. लेकिन ये तो बात हुई बाहरी त्वचा के छालों
की किन्तु मुहँ में छाले कैसे होते है? इनका कारण भी गर्मी ही है. ऐसा तब होता है जब आप कभी
ज्यादा गर्म खाना खा लेते हो या फिर कभी ज्यादा गर्म दूध पी लेते हो. ऐसे में आपके
मुँह में लाल रंग के छाले हो जाते है और फिर आपसे कुछ भी खाया या पिया नही जाता.
साधारण भाषा में इसको ” मुहँ का
आना ” भी कहते है. CLICK HERE TO KNOW मुहं के छालों में राहत पाने के उपाय ...
Muhn Aane ke Kaaran Lakshan or Upchar |
कई बार तो ज्यादा तीखा
खाने और अधिक गर्मी के कारण भी हो जाते है साथ ही इनमे पीड़ा भी बहुत होती है. कई
बार तो मुँह से बोलना तक कठिन हो जाता है. अपनी जिंदगी में हर एक इन्सान का इन
छालों से पाला जरुर पड़ता है. छालों की पीड़ा तो केवल वही इन्सान समझ सकता है जिसको
छाले हुए हो और वो इंसान कुछ भी खाने या कुछ भी पीने में असमर्थ रहा हो. कई बार तो
ये छाले इंसान की भोजन की नली तक भी पहुँच जाते है जिससे पीड़ित इंसान को बहुत
तकलीफों का सामना करना पड़ता है. वैसे ये छाले थोड़े समय बाद अपने आप सही हो जाते
है. ये बस थोड़े ही समय के लिए रहते है क्योंकि ये एक सामान्य सी प्रक्रिया है.
लेकिन कुछ लोगों में
लगातार छाले निकलते रहते है या उनके छाले ठीक ही नहीं होते, अगर ऐसा है तो ये एक रोग की तरफ
संकेत होता है इसलिए पीड़ित को जल्द से जल्द किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाकर जाँच
आरम्भ करा लेनी चाहिये ताकि उसका रोग गंभीर बीमारी का रूप न ले सके. मुँह में छाले
बस एक ही कारण से नहीं हो सकते अपितु इसके अनेकों कारण हो सकते है. इसके प्रभाव भी
सभी इंसानों में अलग अलग देखने को मिलते है. इसलिए ये छाले सभी में एक समान ना
होकर अलग अलग होते है. CLICK HERE TO KNOW पान के औषधीय गुण ...
मुहँ आने के कारण लक्षण और उपचार |
मुहँ के छालों के कुछ
प्रमुख कारण ( Some
Causes of Mouth Ulcer ) :
· पेट में गर्मी भी है मुहँ के छालों का कारण ( Burning Stomach ) : पेट में
गर्मी से भी छाले होने की संभावना बढ़ जाती है. क्योकि पेट में गर्मी मुँह के
माध्यम से बाहर निकलती है और मुँह में छालों का कारण बनती है.
· अधिक मिर्च मसालों का सेवन ( Eating Spicy Food ) : अगर आप
आहार में अधिक मिर्च मसाले प्रयोग में लेते है तो, सचेत हो जाइये क्योकि ज्यादा मिर्च मसालों के सेवन
से भी छाले होने की सम्भावनायें बढ़ जाती है. तीखे मसाले, खटाई,
मांस, घी आदि का एक सीमा से अधिक सेवन करने से
पेट की पाचन क्रिया पर असर पड़ता है और ये खराब भी हो सकती है.
· मसूड़ों को भी करती है प्रभावित ( Can Effects Gums as Well ) : मुँह
में छाले बस मुँह तक ही सीमित नहीं रहते बल्कि ये आपकी जीभ, मसूड़ों और खाने की नली तक में
पहुँच जाते है और आपको पीड़ा देते है. जब आप ज्यादा तीखा और मसालेदार भोजन का सेवन
करते हो तो पेट के अंदर बहुत सारी गर्मी बढ़ जाती है और फिर उस गर्मी को कोई निकलने
का रास्ता न मिलने के कारण वो मुँह से निकलती है और इसके कारण यह गर्मी मुँह और
जीभ पर छाले का कारण बनती है.
Causes Symptoms and Treatment for Mouth Ulcer |
· पाचन तंत्र में गड़बड़ी ( Problems in Digestive System ) : कभी
कभार हमारा शरीर हमारे खाए गए भोजन को ठीक से पचाने में कारगर सिद्ध नही होता और
इस कारण से यह सारा अनपचा भोजन हमारी आंतो में रुक जाता है और प्रदाह की स्थिति
उत्पन्न हो जाती है. यदि किसी कारणवश से हम अपने मल मूत्र को रोक कर रखते है तो वो
मल मूत्र दोबारा पचने लगता है और इससे हमारी आँतों में सडन क्रिया शुरू हो जाती है
और इससे शरीर में गर्मी बनने लगती है. इससे फिर से हमारे शरीर की गर्मी मुँह से
निकलने पर मजबूर हो जाती है और यह सब मुँह में छालों की क्रिया को जन्म देते है.
· दवाओं का सेवन ( Use of Medicines ) : कई बार Alopathic दवाओ के दुष्प्रभाव होते
है, जो छालो का कारण बनते है. ज्यादा समय से Anti - Biotic का इस्तेमाल करना भी सही नहीं है, इसे हमारी आँतों में बुरे कीटाणुओं की संख्या बढ़ जाती है. जिससे छाले पैदा
होते है.
मुहं में छाले होने के
लक्षण ( Symptoms
of Mouth Ulcer ) :
· इसका पहला लक्षण मुहं से बदबू का आना होता है.
· छालों का अधिकांश रूप लाल और सफ़ेद रंग का होता है.
· इस अवस्था में मुँह में बार -बार लार आने लगता है.
· पीब निकलना भी इसका एक मुख्य लक्षण होता है और यह
पीब भी सफेद रंग में होती है और बाद में इसमें ख़ून निकलना भी शुरू हो जाता है.
मुंह में छाले हो तो करे उपाय |
· छाले होने की अवस्था में मुँह फुला फुला सा लगने
लगता है क्योकि जो झिलिया मुँह को ढकने का कार्य भार संभालती है वो घायल हो जाती
है और जख्मी होती है साथ ही इनमे दर्द भी होता है.
· छाले होने पर दांत के मसूड़े फूलने लगते है, जीभ भी लाल होने लगती है, और कुछ भी खाने में कठिनाई व दर्द महसूस होने लगता है.
छाले हो जाने पर उपचार ( Treatment for Mouth Ulcer ) :
· टूथपेस्ट ( Toothpaste ) : अगर आप
टूथपेस्ट नही करते तो सचेत हो जाइये. आपको दांत रोजाना दिन में 2 बार साफ़ करने
चाहिये. क्योकि दांतों में गंदगी में से छाले हो जाते है.
· केले ( Banana ) : दिन में
2 केले दही के साथ खाने से भी मुँह के छालों में आराम मिलता है
· ठंडी चीजें खाए ( Eat Cold Materials ) : छाले
होने की स्थिति में जितने हो सके उतने टमाटर खाए. ठंडी फल और साब्जियां खाने से भी
छालो में आराम मिलता है.
Aakhir Kyon Hote Hai Muhn mein Chhale |
· शौच से पहले जल पियें ( Drink Water before Toilet ) : पेट में
कब्ज हो जाना मुँह में छाले होने का कारण होता है. तो अगर आपको छाले होने से रोकने
है तो आपको इसकी जड़ तक पहुँचना होगा और उसको खत्म करना होगा. इसलिए आपको रोजाना 1
गिलास जल का सेवन करना होगा वो भी शौच जाने से पहले. ये आपके पाचन क्रिया को सही
ढंग से चलाने में भी मदद करता है.
· नशे से बचें ( Don’t Smoke or Drink Alcohol ) : ज्यादा
मसालेदार और तीखा खाने से बचे और किसी नशीली चीज के सेवन से बचे.
· नमक और बेकिंग सोडा ( Salt and Baking Soda ) : नमक और
बेकिंग सोडा को थोड़े पानी में मिला ले, ध्यान रखे कि बस चुटकी भर नमक और बेकिंग सोडा का
इस्तेमाल करें. इसके पश्चात जहाँ भी छाले हुए है वहां 10 मिनट के लिए लगा कर छोड़
दें. इसके बाद आपको पानी से कुल्ला करना है.
· अमरुद के पत्ते ( Leaves of Guava ) : अमरुद
के पत्तों को अच्छे से पिसें और उनको छालों पर लगाये. इससे भी आपको छालों में आराम
मिलता है.
· आंवले ( Amla ) : आंवलों
को उबाल ले और अमरुद के पत्तों की तरह ही उन्हें भी पीस ले, इस तरह एक अच्छा सा पेस्ट तैयार
हो जाता है, इस पेस्ट को छाले पर लगाये. छाले में जल्दी ही
सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे.
Muhn ke Chhalon ka Ghrelu Samanya Ilaaj |
· नारियल ( Coconut ) : नारियल
को शीतलता का प्रतिक माना जाता है ये ना सिर्फ आपके मुहं बल्कि आपके पुरे शरीर को
शीतलता पहुँचता है और राहत दिलाता है.
· विटामिन ई ( Vitamin E ) : अगर
विटामिन E के
कैप्सूलों के तेल को दिन में कई बार छालों पर इस्तेमाल किया जाए तो ये निश्चित रूप
से लाभदायक सिद्ध होगा और छाले कम हो जायेंगे.
· तुलसी ( Basil ) : तुलसी
हमेशा से ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक सिद्ध होती आई है और छालों में भी इसका
प्रयोग किया जा सकता है. आपको बस इतना करना है कि रोजाना सुबह और शाम 4 से 5 तुलसी
की पत्तियों को चबा चबा कर खाए और उपर से नाम मात्र का पानी पी लें. ऐसा तक़रीबन 4
से 5 दिनों तक करें.
मुहँ में छाले होने के अन्य
कारण लक्षण और उनके उपचार के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके
जानकारी हासिल कर सकते हो.
Jina Dusvar Kar Dete Hai Muhn ke Chhaale |
मुंह में छाले हो तो करे
उपाय, Aakhir Kyon Hote Hai Muhn mein Chhale, Muhn ke
Chhalon ka Ghrelu Samanya Ilaaj, Muhn ka Aanaa, Jina Dusvar Kar Dete Hai Muhn
ke Chhaale, Muhn mein Cancer
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