इस जगह पर हैं पति और
पत्नी के हँसने पर रोक ( A Husband and Wife cannot Laugh Here ) :
हमारे देश में ना जाने
कितनी ही प्रथाएं और परम्पराएं है जिनका अनुसरण सभी पूरी श्रद्धा और विश्वास से
करते है. क्योकि
जब हम इन प्रथाओं परंपराओं को अपनाते है हवन पूजन पाठ व्रत करते है तो इससे ईश्वर
को एक सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और वे हमसे खुश होकर उस ऊर्जा का हमारे हित
में प्रयोग करते है. किन्तु कुछ परम्पराएं ऐसे भी है जो सुनने में अजीबोगरीब लगती
है. CLICK HERE TO KNOW अपने से बड़ी ऊपर की औरतों पर मर्द क्यों हो जाते है लट्टू ...
Yahan Pati Patni Majak bhi Nahi Kar Sakte |
ऐसी ही एक परम्परा आज भी
हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh ) के एक गाँव में बरसों से चली आ रही हैं और वहां के
लोग उस परम्परा को बखूबी निभा भी रहे हैं. प्रथा के अनुसार साल के 5 दिन ऐसे है जब एक दम्पति अर्थात पति पत्नी आपस में ना तो
बातें करते हैं और ना ही हँसी मजाक करतें हैं. वो आपस
में एक दूसरे के साथ बिलकुल अनजान बनकर रहते हैं. आप इसके पीछे का कारण सुनेगे तो चौंक जायेगे. तो आइये
जानते है कि इस परंपरा के पीछे ऐसा क्या राज है.
हर चीज पर है प्रतिबंध ( Everything is Banned ) :
यह अनोखी परम्परा निभाई
जाती है हिमाचल के मणिकर्ण घाटी में पीणी गाँव में. यहां कोई भी शादी शुदा जोड़ा 5 दिनों तक ना तो आपस में बात करता है और ना ही हँसी
मजाक करता हैं. साथ ही साथ इन 5 दिनों के लिए अलग से कुछ कानून होतें है जिसके तहत पति पत्नी को बहुत ही सख्त नियमों का पालन करना
पड़ता हैं. जब सावन का पवित्र महीना शुरू होता हैं तो इस गांव के हर शादी शुदा
जोड़ें को एक दुसरे से अलग रहना पड़ता हैं. वहां रहने वाले लोगों का मानना हैं कि
ऐसा ना करने से उन्हें तबाही का सामना करना पड़ सकता हैं, ईश्वर भी उनसे रुष्ट हो जाते हैं और कहर बरपाते हैं.
इन 5 दिनों में महिलायें नही पहनती हैं सामान्य कपड़े ( Ladies don't Carry Normal Clothes on these 5 Days ) :
इन 5 दिनों में कोई भी महिला अपने सामान्य कपड़े धारण
नही कर सकती हैं. बल्कि
हर महिला को ऊन से बने पट्टू ओढ़कर ही अपना बदन ढकना पड़ता हैं और कोई भी पुरुष इन 5 दिनों में शराब का सेवन नही कर सकता हैं. CLICK HERE TO KNOW पत्नियाँ अपने पति से क्यों छिपाती है ये बातें ...
यहाँ पति पत्नी मजाक भी नहीं कर सकते |
परंपरा निभाने के समय ( Time Period of Tradition ) :
हर साल अगस्त के 5 दिनों अर्थात 17 अगस्त से 21 अगस्त तक ये परंपरा चलती है, इस दौरान यहां की औरतें अपने ईश्वर की पूजा पाठ करके उन्हें
खुश करने की कोशिश करती हैं. इन 5 दिनों में यहां की महिलायें यहां का पारम्परिक पहनावा पहनकर माता भागासिद्ध और घोंड देवता की पूजा करके
उन्हें खुश करने की कोशिश करती हैं.
क्यों मनाई जाती है ये
परंपरा ( Why People Follow this Tradition ) :
यहां के लोगों का मानना
हैं कि यहां की जमीन पर देवता ने पाँव रखा था और उसी के बाद से यहां के लोगों ने यह परम्परा
मनानी शुरू की थी. तब से ही इस गांव के लोग इस देव परम्परा को
हर साल निभाते आ रहे हैं. यहां के लोगों का मानना हैं कि अगर इन 5 दिनों में पति पत्नी ने आपस में कोई बात या किसी
भी तरह का कोई मजाक किया तो उन्हें देवी देवताओं की नाराजगी का सामना करना
पड़ेगा.
संसार की ऐसी ही अन्य
परम्पराओं और कहानियों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके
जानकारी हासिल कर सकते हो.
Here Couple Can’t Even Joke or Laugh |
हिमाचल प्रदेश की दैवीय परंपरा, Mata Bhaga Siddh,
Ghond Devi, Himachal Pradesh mein Kahan Rakha Tha Devtaon ne Paanv, Manikarn
Ghati ka Pini Gaanv
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