तकनीक ( Technology )
दोस्तों, मॉडर्न वर्ल्ड टेक्नोलॉजी का
वर्ल्ड है, हर जगह हर चीज में किसी ना किसी टेक्नोलॉजी का
इस्तेमाल किया गया है और हर दिन उस तकनीक में सुधार भी किया जाता है. इस तरह हम
रोजाना टेक्नोलॉजी में जीते है, उससे कुछ सीखते है और तेजी
से आगे बढ़ते जा रहे है. लेकिन इस सबके बाद भी टेक्नोलॉजी से जुडी कुछ ऐसी बातें,
कुछ ऐसे भ्रम और झूठ है जिनपर हम आँख बंद करके विश्वास कर लेते है.
आज हम उन्ही में से 10 मिथक की बात करेंगे और उनकी सच्चाई जानेंगे. तो चलिए शुरू
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टेक्नोलॉजी के 10 ऐसे झूठ जिनपर हम विश्वास करते है |
टेक्नोलॉजी से जुड़े मिथक
और भ्रम ( Myths Related to
Technology ) :
1. Google
and Facebook are Free : सबसे पहला मिथक जो हमारे दिमाग में बैठा हुआ है वो ये है कि सभी सोशल
नेटवर्किंग साइट्स जैसेकि फेसबुक, गूगल, व्हाट्स ऐप या इन्सटाग्राम फ्री है, लेकिन ये गलत है क्योकि एक तो ये हमारे डाटा को Consume करते है, दूसरा ये हमारी
सर्च और वाच हिस्ट्री को ट्रैक करते है और उसी के हिसाब से हमें ऐड दिखाते है.
जिनपर हम क्लिक कर देते है और उन्हें पैसे मिलते है. तो इस तरह ये सभी साइट्स हमसे
पैसे कमाती है, इसलिए ये भूल जाएँ कि ये सब साइट्स फ्री है.
Technology ke 10 Aise Jhuth Jinpar Hum Vishvaas Karte Hai |
2. Better
Card for Better Performance : अगर आपने कोई कैमरा खरीदा है तो सीधी सी बात है कि
आप फोटोज को स्टोर करने के लिए Memory Card का भी इस्तेमाल करोगे. लेकिन लोगों में ये मिथक
है कि जितना फ़ास्ट कार्ड वे अपने कैमरा में इस्तेमाल करेंगे, उतना ही ज्यादा साफ़ फोटोज आएँगी. लेकिन ये भी झूठ है क्योकि अगर आप Centro गाडी में Ferrari के टायर लगा दोगे तो वो फ़रारी थोड़ी बन जायेगी.
कहने का मतलब ये है कि कैमरा की अपनी एक लिमिटेशन होती है जिसे आप मेमोरी कार्ड्स
से सोल्व नहीं कर सकते.
Takneek se Jude 10 Mithak |
3. Typing
URL means No Phishing : ऐसे बहुत से लोग है जिनका मानना है कि अगर वे सर्च बार में सीधा url टाइप
करके किसी वेबसाइट को ओपन करते है तो उससे Phishing अटैक से बचा जा सकता है.
लेकिन ये भी सही नहीं है क्योकि क्या पता क्या configuration हो, आप टाइप कुछ करो और
खुले कुछ और, इस चीज को Tab Napping कहा जाता है. इसमें होता ये है कि अगर आप किसी True URL को भी सर्च करते हो तो ये आपको किसी तीसरी ऐसी
साईट पर भेज देता है जो आपके लिए सही नहीं है. इसलिए सिर्फ URL टाइप करने से आप नहीं बचने वाले बल्कि आपको
ध्यान देना होगा कि जिस वेबसाइट को आप ओपन करना चाहते हो वो सही है भी या नहीं.
Technology se Jude Bhrm or Myths |
4. Bigger
File means Better Quality : आपने भी कभी ना कभी मूवीज, वीडियोस या गाने डाउनलोड किये
होंगे और हर बार आप यही चाहते होंगे कि आपको अच्छे से अच्छा प्रिंट मिले. जिसके
लिए आप Screen Size के साथ साथ फाइल के साइज़ को
भी जरुर देखते होगे और मै शर्त के साथ कहता हूँ कि जिस फाइल का साइज़ ज्यादा लिखा
होता है, आपको लगता है कि उसी में सबसे अच्छा प्रिंट मिलेगा.
पर ऐसा हो, ये जरूरी नहीं है. इसलिए कभी भी आँख बंध करके इन
चीजों पर विश्वास मत किया करो.
Kya Memory Card Camera Quality ko Badha Sakta Hai |
5. 3rd Party
Ink means No Warranty : अगर आपके पास प्रिंटर है, तो लाज़मी है कि उसकी इंक भी खत्म होती होगी. अब बात
ये है कि लोगों को लगता है कि अगर उन्होंने अपने प्रिंटर की कंपनी के अलावा किसी
तीसरी पार्टी की इंक खरीदी तो इससे उनके प्रिंटर की वारंटी खत्म हो जायेगी. लेकिन
ऐसा नहीं है, आपको जिस भी कंपनी की इंक मिले आप उसे अपने
प्रिंटर्स में इस्तेमाल कर सकते हो. हाँ हो सकता है कि आपको पहले वाला प्रिंटिंग
एक्सपीरियंस ना मिले क्योकि हर कंपनी की इंक के कलर का अपना ही इफ़ेक्ट होता है
लेकिन आपके प्रिंटर की वारंटी ही खत्म हो जायेगी, ऐसा नहीं
होने वाला.
Disk Partition Jruri Hai Ya Nahi |
6. Disk
Partition is Necessary : कंप्यूटर स्टोरेज ड्राइव से जुड़ा सबसे बड़ा भ्रम उसके पार्टीशन से
रिलेट करता है. जी हाँ, लोगों को
लगता है कि अगर कंप्यूटर डिस्क का पार्टीशन नहीं किया तो कंप्यूटर की परफॉरमेंस
गिर जायेगी या कंप्यूटर में और कई तरह की प्रॉब्लमस आने लगेंगे. लेकिन ये सिर्फ एक
मिथ है और कुछ नहीं, चाहे आपके कंप्यूटर लैपटॉप में कितने भी
साइज़ की स्टोरेज ड्राइव क्यों ना हो, अगर आप नहीं चाहते तो
उसका पार्टीशन मत करें, इससे सिस्टम पर कोई असर नहीं पड़ने
वाला. हाँ, पार्टीशन के अपने ही अलग फायदे होते है, जैसेकि आप अपने डाटा को अच्छी तरह मैनेज कर पाते हो.
Bitcoin Bhart mein Legal Hai ya Illegal |
7. Rechargeable
Batteries Save Money : कुछ मिथ बैटरी और सेल से भी जुड़े है, जैसेकि लोगों को लगता है कि अगर वे रिचार्जेबल बैटरी
इस्तेमाल करें तो इससे उनके पैसे बचेंगे और उन्हें बार बार सेल या बैटरी नहीं लानी
पड़ेगी. लेकिन डिपेंड करता है कि आप इस तरह और कब बैटरी या सेल का इस्तेमाल करते हो,
मतलब अगर आप घडी या टेलीविज़न रिमोट जैसी चीजों के लिए रिचार्जेबल
बैटरी ले रहे हो तो इससे आपका नुकसान ही है. ऐसा इसलिए क्योकि पहला तो ये बहुत
महंगे आते है, दुसरा इनको चार्ज करने के लिए एक चार्जर भी
लेना पड़ेगा, जोकि उन सेल्स से भी ज्यादा महंगा होगा. ऐसे में
अगर आप किसी ऐसी चीज में बैटरी या सेल लगा रहे है जो रोज या हर दुसरे दिन खत्म हो
जाती है तब तो ये सेल सही है वर्ना इनको लेना नुकसान का सौदा होगा.
Tech Myth |
8. X-Rays
Damages Electronics : अगर आपने कभी एयरोप्लेन में सफ़र किया है तो एयरपोर्ट पर आपके सामान
की चेकिंग होती है. जिसमें आपके बैग को एक X-Ray Machine से गुजारा जाता है, उस बैग में आपका लैपटॉप, मोबाइल फ़ोन या कोई और
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी हो सकता है. ऐसे में कुछ लोगों को लगता है कि जब इस तरह के
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को ऐसी मशीनों से गुजारा जाता है तो उनमे लगे X-Ray इन डिवाइस पर नेगेटिव इफ़ेक्ट डाल देते है और वे
जल्दी खराब हो जाते है.
टेक्नोलॉजी से जुड़े मिथक और भ्रम |
9. Bitcoin
is Illegal : Bitcoin जिसे फ्यूचर करेंसी भी कहा जाता है, इसके बारे में आपने भी जरुर सूना होगा. लेकिन लोगों में इससे जुड़ा एक कॉमन
सा मिथक ये है कि Bitcoin में इंवेस्ट करना मतलब
गैरकानूनी काम. पर आपको बता दें कि ऐसा सिर्फ कुछ देशों में है नाकि हर देश में और
जहाँ तक बात अपने देश की करें तो यहाँ बिटकॉइन गैरकानूनी नहीं है. अगर आप बिटकॉइन
माइन करना चाहते है, खरीदना या बेचना चाहते हो तो आप ऐसा
बेझिझक कर सकते हो.
10. Online
Hotel Search : जी हाँ, अगर आप भी ऑनलाइन होटल सर्च कर रहे हो या फ्लाइट सर्च कर रहे हो और ये सोच
रहे हो कि आपको उससे सस्ता होटल या सस्ती फ्लाइट मिल जायेगी तो आप गलत है. ऐसा इसलिए
क्योकि जब आप किसी पर्टिक्यूलर फ्लाइट के बारे में सर्च करते हो तो उससे जुड़े Cookies आपके सर्च को ट्रैक करना शुरू कर देते है और जिस
फ्लाइट के बारे में आप बार बार जानने की कोशिश कर रहे होते हो, वो उसके रेट्स बढ़ा कर दिखाना शुरू कर देते है. ऐसे में अगली बार जब भी
आपको ऑनलाइन होटल सर्च करना हो या फ्लाइट सर्च करनी हो तो आप सबसे पहले तो Incognito मोड को On कर लें और उसके बाद ही कुछ ऑनलाइन सर्च करें.
इसके अलावा दूसरा तरिका ये है कि आप जिस होटल या फ्लाइट को बुक कर रहे हो उसको उसी
की ऑफिसियल वेबसाइट से बुक करें. इससे भी आपके पैसे बचते है.
तो दोस्तों, ये है वे 10 झूठ और मिथक जो
टेक्नोलॉजी से जुड़े है और जिनपर हम आँख बंद करके विश्वास करते है और इन्हें सच
मानते है. उम्मीद है कि अब आप इनकी सच्चाई के बारे में जान और समझ चुके है और आप
अब ऐसे किसी भ्रम पर विश्वास नहीं करोगे और यही हमारा इस आर्टिकल का उद्देश्य भी
है.
Myths Related to Technology |
टेक्नोलॉजी से जुड़े बाकी
मिथकों और भ्रमों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी
हासिल कर सकते हो.
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