फ्यूचर आई डी प्रूफ ( Future ID Proof )
दोस्तों, आपके पास भी आपका खुद का ID Proof जैसेकि वोटिंग कार्ड, आधार
कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जरुर होंगे. इसके अलावा स्कूल का
अलग ID Card होता है तो कॉलेज का अलग और
तो और ऑफिस में भी अपने ID Proof, अपनी Designation और Employer Number को गले में लटकाकर घूमना पड़ता है. गलती से ये कहीं गुम ना हो जाएँ इसलिए
बहुत से लोग अपने हर ID Proof के
नंबर को याद कर लेते है या उनकी फोटो लेकर उनका बैकअप बना लेते है ताकि गुम होने
पर उस नंबर से उन्हें दोबारा निकलवा लिया जाए. CLICK HERE TO KNOW फ्यूचर जनरेशन के डिवाइसेस और स्मार्टफोन ...
गज़ब का आइडेंटिटी प्रूफ जो होगा फ्यूचर में आपके पास |
चिप इम्प्लांट ( Chip Implant ) :
लेकिन कब तक, कब तक आप इन नंबर्स को याद रखोंगे
और जब बात फ्यूचर की हो रही है तो आप किस तकनीक को देखते हो जो इन सभी ID Proof और कार्ड्स को रिप्लेस कर सकती है? एक ऐसी ही तकनीक है Chip Implant, जो आगे
चलकर हमारे ID Proof को पूरी तरह से बदल कर रख
देगी. इस तकनीक का इस्तेमाल ज्यादा दूर नहीं है और कुछ कंपनियाँ तो अभी से चिप
इम्प्लांट को अपना भी चुकी है और अपने Employees में
चिप इम्प्लांट कर रही है.
हालाँकि उन कंपनियों में
ये Compulsory तो
नहीं है लेकिन अगर Employee राजी है तो उनमे चिप
इम्प्लांट द्वारा आइडेंटिटी दे दी जाती है और बहुत से Employee इससे खुश भी है. आज हम इसी टॉपिक यानि चिप
इम्प्लांट के बारे में बात करने वाले है.
Gajab Ka Identity Proof Jo Hoga Future mein Aapke Pas |
मूवीज ने दिया चिप
इम्प्लांट का आईडिया :
दोस्तों हम सभी सालों से
ऐसी मूवीज में ये देखते आ रहे है जिसमें 1 छोटी सी चिप में डाटा स्टोर कर दिया
जाता है और फिर उस चिप को बॉडी में इम्प्लांट कर दिया जाता है उसके बाद वो चिप खुद
ब खुद सारे काम कर देती है. जैसेकि कोई फाइल कंप्यूटर या डोर को लॉक अनलॉक करना, किसी व्यक्ति का पता लगाना या कुछ
और काम. देखने में कितना मजेदार लगता है तो सोचों जब ये सब असलियत में होगा तो
कैसा लगेगा.
अक्सर ऐसा होता है कि जो
हम मूवीज में देखते है हम उस तकनीक को रियल लाइफ में लाने की कोशिश करते है, ये मूवीज हमे एक नया फ्यूचर,
एक नया आइडिया दे देती है और कुछ सालों बाद वैसे रियल लाइफ में भी
होना शुरू हो जाता है.
RFID तकनीक :
RFID एक बहुत ही कॉमन और सिंपल
तकनीक है जो आपने भी शोपिंग मॉल में जरुर देखि होगी लेकिन कभी ध्यान नहीं दिया
होगा. कहने का मतलब है कि सोचों कि आपने मॉल से कुछ सामान लिया लेकिन आप उसका बिल
कराना भूल गये और उसे लेकर गेट से निकलने लगे तो गेट से निकलने से पहले ही एक
हॉर्न बजने लगेगा और पता चल जाएगा कि कौन सी चीज का बिल नहीं हुआ है. ये सब RFID तकनीक का ही कमाल होता है और चिप इम्प्लांट में
भी इसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाने वाला है.
Future ID Proof |
Chip Implant के फायदे :
जब एक बार किसी व्यक्ति
के शरीर में RFID की चिप इम्प्लांट कर दी जाती है तो वो चिप ही उस
व्यक्ति की आई डी बन जाती है क्योकि उस चिप में उस व्यक्ति का सारा डाटा स्टोर
होता है. ये चिप एक चावल के दाने से भी छोटी होती है लेकिन जो काम एक ID Card करता है ये चिप उसे बिना कार्ड के रेडियो
फ्रीक्वेंसी की मदद से कर देती है.
- बार बार स्कैन करने के झंझट से मुक्ति : जैसेकि ऑफिस के डोर्स को ओपन करना हो तो उसके लिए बस आपको अपने हाथ
को आगे ले जाना है और वो अपने आप खुल जाएगा, नाकि आपको बार बार अपना कार्ड निकालने, पासवर्ड भरने या अपने iris को
बार बार स्कैन करने की जरूरत पड़ेगी.
- प्राइवेसी मिलती है : ठीक इसी तरह अगर आप अपने लैपटॉप को लॉक या अनलॉक करना चाहते हो तो
सोचों कि जब तक आपके हाथ लैपटॉप पर होंगे वो अनलॉक रहेगा और जैसे ही आप अपने हाथों
को हटा लोगे वो अपने आप लॉक हो जाएगा और कोई दूसरा आपके लैपटॉप को इस्तेमाल नहीं
कर पायेगा. इससे आपको एक अच्छी खासी प्राइवेसी मिल जाती है और आपकी इनफार्मेशन के
चोरी होने के चांसेस भी खत्म हो जायेंगे.
- लोकेशन पता करने में हेल्पफुल : अगर इन चिप्स में GPS भी लगा दिया जाए तो जरूरत पड़ने पर आप किसी भी
व्यक्ति की लोकेशन को पता किया जा सकता है. हालाँकि ये थोडा ज्यादा एडवांस है और
किसी की प्राइवेसी में दखलंदाजी है लेकिन ये चीज भी है बड़े काम की.
Chip Implant ke Faayde |
- आटोमेटिक अटेंडेंस : क्योकि इन चिप्स को ज्यादातर ऑफिस और स्कूल में इस्तेमाल किया जा रहा
है तो इससे फायदा ये होता है कि जैसे ही बच्चा स्कूल में इंटर करता है या Employee ऑफिस
में इंटर करता है तो उनकी अटेंडेंस अपने आप लग जाती है और जाते वक़्त उसका टाइम भी
ऑटोमेटिकली नोट हो जाता है.
- ID Card के गूम होने की टेंशन नहीं : क्योकि चिप आपकी बॉडी में
इम्प्लांट हुई है तो आपको ID Card के
गूम हो जाने या उनके नंबर भूल जाने की टेंशन से भी मुक्ति मिल जाती है और ना ही
आपको उनका बैकअप बना कर रखना पड़ता है. ऐसा इसलिए क्योकि आपकी सारी इनफार्मेशन उस
चिप में स्टोर्ड होती है जो आपकी ही बॉडी के अंदर है.
कैसे काम करती है ये
चिप्स :
जब इन चिप्स को शरीर में
इंजेक्शन के थ्रू बॉडी में इम्प्लांट किया जाता है तो आपको सिर्फ एक नार्मल
इंजेक्शन के जितना ही दर्द होता है. ख़ास बात ये है कि इन चिप्स को काम करने के लिए
किसी बैटरी या किसी दुसरे पॉवर सोर्स की जरूरत नहीं पड़ती. इसकी वजह है इनका काम
करने का तरिका.
जी हाँ, जैसाकि हमने पहले ही बताया कि ये RFID पर काम करती है तो ये सिर्फ किसी डिवाइस से आ
रही Electromagnetic Waves को वापस भेजने या यूँ कहें की
रिफ्लेक्ट करने का काम करती है और उस डिवाइस को जरूरी इनफार्मेशन देती है और इस
काम के लिए इसे किसी बैटरी की जरूरत है ही नहीं.
तो दोस्तों अभी तक तो
चिप्स सिर्फ जानवरों के ऊपर ही इस्तेमाल हो रही थी लेकिन फ्यूचर में RFID की
ये चिप्स हमारे ऊपर भी इम्प्लांट होने वाली है क्योकि हर कोई चाहता है कि उनकी
लाइफ और भी ज्यादा आसान और सिक्योर बन जाए, इसीलिए फ्यूचर
में आने वाली इस नयी तकनीक के वेलकम के लिए तैयार हो जाए और कमेंट में बताये कि
क्या आप इन चिप्स को अपनी बॉडी में इम्प्लांट करवाने के लिए तैयार है या आप
इंजेक्शन के डर से इनसे दूर ही रहना ज्यादा पसंद करोगे.
Kaise Kaam Karta Hai Chip Implant |
फ्यूचर के इस गजब के
आइडेंटिटी प्रूफ और Chip Implantation के बारे में अधिक जानने के लिए
आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
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