कपड़ों में डाटा स्टोरेज
दोस्तों हम सभी को अपना
डाटा बहुत प्यारा होता है इसीलिए हम सभी अपने डाटा को बड़ा संभाल कर रखते है, कोई अपने डाटा को हार्ड ड्राइव्स
में स्टोर करके रखता है तो कोई पेन ड्राइव्स में, तो कुछ
क्लाउड स्टोरेज में अपने डाटा को सुरक्षित रखते है ताकि जहाँ चाहें वहाँ उसे
इस्तेमाल कर सके. लेकिन अगर हम आपको कहें कि आगे चलकर आपको अपना डाटा आपके कपड़ों
में ही स्टोर करना है तो? सुनने में ये कांसेप्ट आपको भी
इंटरेस्टिंग जरुर लगा होगा और आज हम आपको इसी कांसेप्ट यानि Wearable Computing Technology की फ़ील्ड में हुए इस कमाल के
डेवलपमेंट के बारे में ही बताने वाले है. CLICK HERE TO KNOW मोबाइल बैटरी सेव करने के सबसे आसान टिप्स ...
अब कपड़ों में करे अपना डाटा स्टोर कैसे |
Wearable Computing
Technology :
इस टेक्नोलॉजी की ख़ास बात
ये है कि चाहे आपने शर्ट पहनी हो, पेंट पहनी हो या जैकेट वगरह पहना हुआ हो, आपके उन्ही
कपड़ों में प्रॉपर कंप्यूटर लगे होंगे जो आपके सारे डाटा का इनपुट लेंगे, उसे प्रोसेस करेंगे और आपको आउटपुट भी देंगे, चाहे
फिर वो कैलकुलेशन हो या कोई और कंप्यूटिंग काम. इसका फायदा ये होगा कि ना तो आपको
फ़ोन लेकर घुमने की जरूरत होगी और ना ही लैपटॉप और टेबलेट क्योकि आपके सारे काम
आपके कपडे ही करेंगे.
Challenges :
अगर ये टेक्नोलॉजी कमाल
की है तो अभी इसके सामने कुछ चैलेंजेज भी है जैसेकि इस टेक्नोलॉजी को इम्प्लीमेंट
कैसे करना है. इससे भी ज्यादा जरूरी और सोचने की बात ये है कि कपड़ों को कंप्यूटिंग
और कैलकुलेशन करने के लिए पॉवर कहाँ से मिलेगी?
क्योकि अब आप अपने कपड़ों
में पलग लगाकर तो घुमने से रहे और अगर ऐसा हुआ तो आपको शोकेट के साथ रहना पड़ेगा
ताकि आपके कपड़ों को इलेक्ट्रिसिटी मिलती रहें.
और अगर ऐसा नहीं करना तो
कपड़ों में कोई ऐसा सिस्टम लगाना पड़ेगा जिसमें बैटरीज लग जाएँ, लेकिन प्रॉब्लम ये रहेगी की
बैटरीज को बार बार बदलना भी पड़ेगा और
अगर इससे भी बात ना बनें
तो अपने सिर पर सोलर सिस्टम लगवा लो और उसे अपने कपड़ों से कनेक्ट कर लो ताकि सूरज
की रौशनी से कपड़ो को पॉवर मिल सके. क्योकि बिना पॉवर सोर्स के तो काम होने से रहा, पॉवर सोर्स सबसे पहली जरूरत है.
Ab Kapdon mein Kare Apna Data Store Kaise |
कपड़ों को कहाँ से मिलेगी
पॉवर :
इस बात का सलूशन निकला है
वाशिंगटन की एक यूनिवर्सिटी ने निकाला है, जहाँ स्टूडेंट्स ने एक नए कांसेप्ट को निकाला है.
उनका कहना है कि हम डाटा को बिना पॉवर सोर्स के भी अपने कपड़ों में स्टोर कर सकते
है और वो भी परमानेंटली.
कांसेप्ट क्या है :
उनके कांसेप्ट के अनुसार, कपड़ा ( जैसेकि शर्ट, पेंट या
सूट ) कंडक्टिव फाइबर का बना हुआ होना चाहियें. उसके
बाद हम उस कपडे के किसी भी हिस्से को मेग्नेट की मदद से मैग्नेटिक्ली चार्ज कर
सकते है. डाटा का कांसेप्ट वही 0 और 1 का ही रहेगा, इस तरह से स्टोर्ड डाटा की स्टिंग को आप अपने मोबाइल
फ़ोन से आसानी से रीड कर सकते हो. ऐसा इसलिए क्योकि हर फ़ोन में मैग्नेटोमीटर लगा
होता है.
अगर आप चाहो तो आप यहाँ 2D इमेजेज
को भी बना सकते हो. बस आपको ये ध्यान रखना है कि आपने कहाँ उस इमेज को बनाया है,
उसके बाद आप मैग्नेटोमीटर की ग्रिड को लेकर उस डाटा को पढ़ सकते हो.
हालाँकि आप इस कांसेप्ट के थ्रू पूरी HD मूवी
को स्टोर नहीं कर सकते क्योकि उसका साइज़ बहुत ज्यादा हो जाता है.
कब खत्म होगी कपडे की
मैग्नेटिक स्ट्रेंथ :
ये कांसेप्ट हार्ड
ड्राइव्स की तरह ही काम करता है, जिसमें आपको अपने कपडे के किसी हिस्से को मैग्नेटिक्ली चार्ज करना है.
उसके बाद चाहे आप उस कपडे को धो लो, पौंछ लें, प्रेस कर लें या सुखा लें, वो चार्ज वहीँ रहेंगे और
अगर आपको लगता है कि चार्ज कम हो गया है तो बस उसे दोबारा से मैग्नेटिक्ली चार्ज
कर लें, बस.
Data Storage in Cloths |
RFID की जगह इसे क्यों यूज करें :
तो देखा जाए तो कांसेप्ट
बड़ा ही क्लियर है और कोशिश ये है कि आगे चलकर बेल्ट, टाई, नेकलेस और रिस्ट बैंड इन
सभी को भी इस कांसेप्ट में शामिल किया जाए और इनमे कंडक्टिव पोलीमर्स को लगाया
जाए. ऐसे में अगर आप अपने घर के दरवाजे को अनलॉक करना चाहते हो लेकिन आपकी चाबी खो
गयी है तो आप अपने कपड़ो में स्टोर बैकअप डाटा से उस गेट को खोल सकते हो.
अब आप सोच रहे होंगे की
यहाँ तो RFID का इस्तेमाल भी तो हो सकता है. जी हाँ, हो सकता है लेकिन RFID बहुत
महंगी टेक्नोलॉजी है जबकि Wearable Computing उसके मुकाबले में बहुत सस्ती है. ये कांसेप्ट सीक्रेट एजेंट्स के बहुत काम
आने वाला है क्योकि सोचो उनके पास कोई सीक्रेट डाटा हो और वो डाटा उन्होंने अपने
कपड़ो में छुपा रखा हो, ऐसी में ना तो कोई उसको पकड़ पायेगा और
ना ही उससे सवाल जवाब कर पायेगा. हालाँकि कोई इसका गलत इस्तेमाल भी कर सकता है
लेकिन टेक्नोलॉजी है, इसके सही और गलत दोनों इस्तेमाल होते
है.
कैसे स्टोर करना है कपड़ो
में डाटा :
तो दोस्तों, अब आपको कांसेप्ट तो जरुर समझ आ
गया होगा, अब बात है बस इसके इम्प्लीमेंट होने की मतलब आपको
कपड़ों में डाटा स्टोर करने के लिए उसपर मैगनेट को घिसना पड़ेगा या फिर कुछ ऐसे
कस्टमर सपोर्ट सेंटर खुलेंगे, जहाँ जाकर हमे अपने कपड़ों में
अपने डाटा को स्टोर करवाना पड़ेगा. ये सब कैसे होगा ये सब इस टेक्नोलॉजी के लांच
होने के बाद ही पता चल पायेगा.
इस टेक्नोलॉजी की एक और
ख़ास बात ये है कि इसको इस्तेमाल करने के लिए आपको अपने फ़ोन को फिजिकली टच करने की
जरूरत भी नहीं है. मतलब अगर आपने अपने फ़ोन को अपने पॉकेट में रख रखा है तो आप बाहर
से भी अपने फ़ोन को सभी तरह की कमांड दे सकते हो, बस आपको कुछ ऐसे ग्लव्स पहनने है जिसकी उँगलियों पर
मैग्नेटिक्ली चार्जड कपडे के पैच लगे हो. तो दोस्तों ये थी Wearable Computing Technology, जो जल्द ही हम सबके बीच में होने
वाली है तो आप भी ऐसी शर्ट को खरीदने के लिए तैयार हो जाएँ जिसमे आप अपने डाटा को
स्टोर कर सकते हो.
Hidden Storage with Wearable Computing |
तो दोस्तों कपड़ों में डाटा
को स्टोर करने के अन्य उपाय व तरीकों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे
कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
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