प्राचीन ग्रंथो के अध्ययन
से हमें उनमे निहित विद्याओं का पता चलता है. इन ग्रंथो में अनेको प्राचीन
विद्याएँ है इनमे से 10 प्रकार की विद्याओं का जिक्र इस प्रकार है : काली, तारा, भुवनेश्वरी, षोड़षी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला. इन देवियों में से सबसे ज्यादा महत्व जिस देवी का है उसका नाम
है माँ भगवती श्री बगलामुखी.
माँ बगलामुखी यां का इस्तेमाल सभी के लिए बहुत ही कारगर साबित होता है विशेषत:
किसी भी मुकदमे में सफलता हासिल करने के लिए. इसके अलावा किसी व्यापार में या
नौकरी के सिलसिले में तरक्की के लिए भी इसका इस्तेमाल बहुत गुणकारी है. यह बहुत ही
शक्तिशाली यंत्र है इसमें एक तूफ़ान से टकराने की ताकत होती है.
Maa Baglamukhi ka Prbhaav Shali Mantra |
माहात्म्य- सतयुग में जब भीषण तूफ़ान उठा था तब परिणाम बहुत ही चिंता देने वाले
थे. उनसे भगवान् विष्णु भी परेशान हो गए थे. तब उन्होंने ताप करके इससे छुटकारा
पाने का प्रण किया. उन्होंने ताप करने के लिए सौराष्ट्र प्रदेश में हरिद्रा नामक
सरोवर का किनारा चुना. उन्होंने इस किनारे पर कई दिनों तक कठोर ताप किया. उनके इस
तप के कारण सरोवर में से बगलामुखी का अवतरण हुआ. हरिद्रा का मतलब होता है हल्दी
इसी कारण माँ बगलामुखी के सभी वस्त्रो का रंग पीला होता है और पूजन सामग्री भी इसी
रंग की प्रयोग जाती है. बगलामुखी के मंत्र का जाप करने के लिए भी हल्दी ही विशेष
रूप से इस्तेमाल की जाती है.
साधनाकाल में आपको कुछ सावधानियां रखनी चाहिए :
सबसे पहले आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ेगा और साधनाकाल तक केवल पीले
वस्त्रो को ही पहने. भोजन करने का समय भी एक ही रखे अलग अलग समय भोजन ना करे. इस
दौरान आप अपने बाल ना कटवाएं. मंत्र के जाप का समय रात के 10 से लेकर सुबह के 4
बजे तक का ही है. जाप इसी दौरान करे समय का ध्यान रखे. जो दीपक अपने जलाया हुआ है
उसकी बाती को पीले रंग में रंग ले या उस पर हल्दी लगा दे और सुखा ले. अगर साधना के
दौरान आप 36 अक्षरों वाले मन्त्र का जाप करते है तो वह सबसे उत्तम होता है. साधना
आप अकेले कर सकते है या फिर किसी मंदिर में बैठकर भी साधना की जा सकती है इसके
अलावा किसी सिद्ध पुरुष की देख रेख में भी आप साधना कर सकते है
मंत्र- सिद्ध करने की विधि :
बगलामुखी का यन्त्र बनाने के लिए चने की दाल
जरुरी है इसके द्वारा ही यह तंत्र बनाया जाना जरुरी होता है. इसके अलावा अगर संभव
हो सके तो इसे ताम्रपत्र या चंडी के पत्र पर लिखवा ले.
इस तरह से आपको सम्पूर्ण
बगलामुखी यंत्र व् साधना नहीं दी जा सकती लेकिन फिर भी आपको जरुरी मन्त्र संक्षिप्त रूप से दिया जा रहा है इससे साधक
को मंत्र जाप करने में सुविधा रहती है.
प्रभावशाली मंत्र माँ बगलामुखी :
विनियोग -
अस्य : श्री ब्रह्मास्त्र-विद्या बगलामुख्या
नारद ऋषये नम: शिरसि।
त्रिष्टुप् छन्दसे नमो मुखे। श्री बगलामुखी दैवतायै नमो ह्रदये।
ह्रीं बीजाय नमो गुह्ये। स्वाहा शक्तये नम: पाद्यो:।
ऊँ नम: सर्वांगं श्री बगलामुखी देवता प्रसाद सिद्धयर्थ न्यासे विनियोग:।
त्रिष्टुप् छन्दसे नमो मुखे। श्री बगलामुखी दैवतायै नमो ह्रदये।
ह्रीं बीजाय नमो गुह्ये। स्वाहा शक्तये नम: पाद्यो:।
ऊँ नम: सर्वांगं श्री बगलामुखी देवता प्रसाद सिद्धयर्थ न्यासे विनियोग:।
आवाहन
ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं बगलामुखी सर्वदृष्टानां
मुखं स्तम्भिनि सकल मनोहारिणी अम्बिके इहागच्छ सन्निधि कुरू सर्वार्थ साधय साधय
स्वाहा।
ध्यान
सौवर्णामनसंस्थितां त्रिनयनां
पीतांशुकोल्लसिनीम्
हेमावांगरूचि शशांक मुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम्
हस्तैर्मुद़गर पाशवज्ररसना सम्बि भ्रति भूषणै
व्याप्तांगी बगलामुखी त्रिजगतां सस्तम्भिनौ चिन्तयेत्।
हेमावांगरूचि शशांक मुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम्
हस्तैर्मुद़गर पाशवज्ररसना सम्बि भ्रति भूषणै
व्याप्तांगी बगलामुखी त्रिजगतां सस्तम्भिनौ चिन्तयेत्।
मंत्र
ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां
वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय
बुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा।
वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय
बुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा।
अगर आप 36 अक्षरों वाले मन्त्र का जाप करते
है तो आप इसके प्रभाव को अपने आप ही महसूस कर सकेंगे की यह कितना प्रभावी मंत्र
है. इसको सिद्ध करने के लिए आपको इसके एक लाख जाप करने होंगे जब यह पूरी तरह से
सिद्ध हो सकता है. अगर आप इससे ज्यादा सिद्धि चाहते है तो आप इसके 5 लाख जप करे.
जब आपका जाप पूरा हो जाये तो दशांश यज्ञ एवं दशांश तर्पण भी करे यह बहुत ही जरुरी
है.
माँ बगलामुखी का प्रभावशाली मंत्र |
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गुरूदेव को दण्डवत प्रणाम
ReplyDeleteक्या केवल मंत्र का ही जाप
नहीं किया जा सकता और क्या
इसके लिए दिक्षा लेना आवश्यक है
रजनी कान्त जी,
Deleteनहीं, आपको मंत्र जप के साथ साथ पूरी विधि को अपनाने से ही लाभ प्राप्त होता है और अगर आप दीक्षा लेकर इसे अपनाते है तो आपकी सफलता की संभावना भी बढ़ जाती है. अगर फिर भी आपको कोई संदेह हो तो आप दोबारा कमेंट अवश्य करें.
संपर्क के लिए धन्यवाद
जागरण टुडे टीम
pandit ji me sirf mantra hi jaap karta hu, kya yah thik hai , savere time me
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