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Motijhaara Ke Nidan Hetu Ajmayen Ye Upay | मोतीझारा के निदान हेतु आजमायें ये उपाय

मोतीझारा होने पर करें ये उपाय (Home Treatment of Typhoid Fever)
मोतीझारा की बीमारी को टाइफाइड के बुखार के नाम से भी जाना जाता हैं. इस बीमारी से ग्रस्त होने के बाद व्यक्ति को बुखार हो जाता हैं जिससे वह बेहद परेशान रहता हैं. टाइफाइड के बुखार से ग्रस्त होने का मुख्य कारण हैं साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया का शरीर में उत्पन्न हो जाना. शरीर में इस बैक्टीरिया के उत्पन्न हो जाने के कारण ही व्यक्ति को ज्वर चढ़ता हैं और इस बीमारी का ज्वर जल्दी नहीं उतरता, न ही कभी समान्य हो पाता हैं. इस रोग में कभी ज्वर का ताप बढ़ जाता हैं तो कभी कम हो जाता हैं.

कारण (Causes)
1.मोतीझारा का रोग किसी भी व्यक्ति के शरीर के पित्ताशय में या छोटी आंत में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के द्वारा संक्रमण  फैलाने के कारण हो सकता हैं. ऐसा माना जाता हैं कि एक बार जब यह बैक्टीरिया किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता हैं तो इसकी संख्या शरीर में बढती जाती हैं. जिससे शरीर में एक प्रकार का जहर फैलने लगता हैं और व्यक्ति अधिक बीमार हो जाता हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT पेट के दर्द और बुखार का इलाज ...
Motijhaara Ke Nidan Hetu Ajmayen Ye Upay
Motijhaara Ke Nidan Hetu Ajmayen Ye Upay
2.खुले में शौच करने के कारण भी साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं.

3.इसके अलावा यदि शौच के बाद व्यक्ति ढंग से हाथों को नहीं धोता और उन्हीं हाथों से भोजन बनाता और उसे ग्रहण करता हैं. तो भी उसे यह बीमारी हो सकती हैं.

4.कुछ लोगों के शरीर में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया अपने आप उत्पन्न हो जाते हैं इस स्थिति में ऐसा हो सकता हैं कि ये बैक्टीरिया उस व्यक्ति को हानि न भी पहुंचाएं. लेकिन उन व्यक्तियों के साथ रहने वाले व्यक्तियों को ये संक्रमित कर सकते हैं. जिसके कारण उस व्यक्ति के साथ रहने वाले व्यक्ति को टाइफाइड हो जाता हैं.

लक्षण (Symptoms) मोतीझारा के रोग को फ़ैलाने वाले साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया मनुष्य की छोटी आंत में स्थित होते हैं, जो धीरे – धीरे मनुष्य के शरीर को प्रभावित करते हैं. इसलिए इस रोग के लक्षण भी व्यक्ति को धीरे – धीरे ही दिखाई देने लगते हैं. जिनकी जानकारी नीचे दी गी हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT सन्निपात ज्वर के लक्षण कारण और उपचार ...
मोतीझारा के निदान हेतु आजमायें ये उपाय
मोतीझारा के निदान हेतु आजमायें ये उपाय
1.मोतीझरा की बीमारी की शुरुआत में व्यक्ति के सिर में दर्द होने लगता हैं, उसे सुखी खांसी की शिकायत हो जाती हैं और उसके नाक से खून बहने लगता हैं.

2. मोतीझारा के रोग से पीड़ित होने पर पीड़ित व्यक्ति के शरीर का तापमान 103 से 106 डिग्री तक चला जाता हैं. एक हफ्ते तक यह तापमान इस स्तर पर ही रहता हैं.

3.टाइफाइड का बुखार होने पर व्यक्ति को अपने शरीर में बेचैनी महसूस होने लगती हैं, उसे अधिक ठंड लगने लगती हैं इसके साथ ही उसके शरीर में कम्पन होना भी शुरू हो जाता हैं.

4.      इस रोग में व्यक्ति को पेट में दर्द, पेट फूलने, पेट में हमेशा कब्ज होने की शिकायत रहती हैं.

5. इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति के हृदय की गति कम हो जाती हैं तथा उसके पेट और छाती पर हल्के लाल रंग के दाने निकल जाते हैं. ये दाने कम से कम 3 या चार दिन तक शरीर पर रहते हैं. 

6.      रोगी को दस्त होने लगते हैं, कुछ रोगियों को दस्त के साथ खून आने की समस्या भी हो जाती हैं, इसके साथ ही व्यक्ति के शरीर में स्थित यकृत तथा प्लीहा का आकार बढ़ जाता हैं.
Typhoid ke Karan Lakshan or Upachar
Typhoid ke Karan Lakshan or Upachar
7.   इस रोग से ग्रस्त व्यक्तियों को इस रोग के साथ – साथ पीलिया, न्युमोनिया तथा बहरापन आदि की शिकायत भी हो सकती हैं.

8.यदि किसी व्यक्ति को टाइफाइड हो गया हैं और वह लम्बे समय तक इस बीमारी से ग्रस्त हैं तो उसके आँतों में छोटे – छोटे छेद, आंतों से खून निकलने की समस्या भी उत्प्प्न हो सकती हैं. 
      
उपचार (Remedies)

1.                        पहला उपाय (First Remedy)

सामग्री (Ingredients)
·     मुलहठी
·     बातसे
·     तुलसी के पत्ते
·     सौंठ
·     खुबकला
·     नागरमोथा
·     काकड़
·     सिंगी
·     काली मिर्च
·     लौंग
·     छोटी पीपल
·     बड़ी इलायची
·     मुन्नका  
Motijhara ki Bimari ke liye Adbhut Kadha
Motijhara ki Bimari ke liye Adbhut Kadha
विधि (Method) – मोतीझारा के रोग से मुक्ति पाने के लिए इन सभी सामग्रियों को इकठ्ठा कर लें और इन्हें कूट लें. इसके बाद एक बर्तन में करीब एक 250 मि.ली पानी डालें और इसमें कुटी हुई सामग्री को डाल दें. इसके बाद इस पानी को बिना ढके कुछ देर उबाल लें. इसके बाद जब उबल – उबल कर पानी आधे से कम हो जाए तो इस पानी को उतार कर छान लें और इसे रात को सोने से पहले पी लें.

बच्चे (Children) - यदि बच्चे को मोतीझारा का बुखार हो जाएँ तो उसे एक चम्मच या आधा चम्मच यह पानी पिलायें. इस पानी को लगातार तीन दिन रात को सोने से पहले पीने से मोतीझारा की बीमारी हमेशा – हमेशा के लिए ख़त्म हो जायेगी.

2.                        दूसरा उपाय (Second Remedy)

सामग्री (Ingredients)
·     तुलसी की पत्तियां
·     10 मि.ली अदरक का रस
·     5 कालीमिर्च के दाने
·     एक चम्मच शहद
Typhoid ke Bukhar se Bachne ke liye Ghrelu Upay
Typhoid ke Bukhar se Bachne ke liye Ghrelu Upay
विधि (Method) – टाइफाइड के बुखार से जल्द राहत पाने के लिए तुलसी और अदरक का रस निकल लें और कालीमिर्च के दानों को पीस लें. अब इन सभी को एक साथ मिलाने के बाद इसमें एक चम्मच शहद मिला लें और रोजाना एक चम्मच रस का सेवन करें.

3.                        तीसरा उपाय (Third Remedy)

सामग्री (Ingredients)
·     10 मि.ली तुलसी की पत्तियों का रस
·     10 ग्राम दालचीनी
·     10 ग्राम जावित्री
·     1 लीटर पानी

विधि (Method) मोतीझारा का रोग होने पर एक लीटर पानी लें और उसमें इन सभी सामग्रियों को डालकर उबाल लें. जब बर्तन में पानी का एक चौथाई भाग शेष रह जाए तो इस काढ़े को उतार लें. अब इस काढ़े को रोगी व्यक्ति क थोड़े – थोड़े समय में पिलायें. 
      
टाइफाइड या मोतीझारा की बीमारी से मुक्ति पाने के अन्य उपायों को जानने के लिए आप नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
Motijhara ki Bimari ka Ilaaj
Motijhara ki Bimari ka Ilaaj
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5 comments:

  1. mujhe tin char sal se motijala h kripya koi deshi dwa btayen

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  2. Sir muije four five year se ha koi desi daba batys

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  3. Muje har 2ya 4 mahine me bar bar typhoid ho jata h ...pehle sardi jukam hota h fir typhoid ho jata h ..Aisa mere saath is saal 3baar ho Gaya h

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  4. Pahle bale farmule Mai kafi buti ki matra nahi batai hai plead bataye

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