मालकांगनी ( Malkangani )
मालकांगनी के बारे में एक
बात कही जाती है कि “ एक तरह
सभी टॉनिक जैसेकि च्यवन प्राश, होर्लिक्स, सुप्लिमेंट और बूट इत्यदि रख दें तथा दूसरी तरफ मालकांगनी को रख दें तब भी
वे सारे मिलकर मालकांगनी का मुकाबला नहीं कर सकते. सर्दियों में तो इसे अद्वितीय
टॉनिक माना जाता है. इसके गुण और क्षमता सोना चाँदी च्यवनप्राश इत्यादि टॉनिकों से
हजार गुना अच्छी और बेहतर है. तो आओ जानते है मालकांगनी आखिर है क्या. CLICK HERE TO KNOW गुलर के आयुर्वेदिक फायदे और महत्व ...
Utsaah Badhaye Maalkangni |
कैसी होती है मालकांगनी ( How Malkangani Looks Like ) :
दरअसल ये मालकांगनी के
पौधे के बीजों से तैयार होती है और हर जगह किसी भी जड़ी बूटी वाले की दूकान पर
आसानी से मिल जाती है. इनके बीजों में एक तेल होता है जो गाढा तथा पीले रंग का
होता है साथ ही इस तेल का स्वाद भी कडवा होता है. ध्यान रहें कि अगर आप बाजार से
इसका तेल खरीदना चाहते है तो अच्छी तरह जांच कर लें क्योकि अधिकतर लोग इसका नकली
तेल बेचते है. वैसे अच्छा रहेगा कि आप बाजार से इसके बीज ही खरीदें और खुद इसका
तेल निकलवाएँ.
एक अन्य बात इसके बीज और
तेल दोनों ही समान रूप से गुणी होते है. इसका हर बीज चने के आकार का होता है
जिसमें 6 अन्य छोटे छोटे बीज भी पाये जाते है. साथ ही संस्कृत भाषां में इसे
ज्योतिष्मती के नाम से जाना जाता है.
उपयोग ( Uses ) :
· बुद्धि बढाता है ( Increase Brain Power ) : आयुर्वेद
इसे बुद्धि बढाने वाली दवाई कहता है और यही इसके लिए सबसे अच्छा विशेषण भी माना
जाता है. इस तरह देखा जाए तो ये छात्रों के लिए एक अमृत से कम नहीं. CLICK HERE TO KNOW मुलेठी के आयुर्वेदिक गुण ...
उत्साह बढ़ाये मालकांगनी |
· याददाश्त बढ़ाएं ( Increases Memory ) : बुद्धि
के साथ साथ ये याददाश्त बढाने में भी सहायक होता है और अपने इस गुण के लिए तो ये
विश्व भर में प्रसिद्ध भी है. अगर इसका प्रभाव बढ़ाना चाहते है तो आप इसमें
शंखपुष्पी चूर्ण भी मिला सकते हो.
· मानसिक शक्ति प्रदान करें ( Gives Mental Strength ) : वे लोग
जो सदा चिंता में खोये रहते है, आगे बढ़ने से कतराते है, इनके अन्दर डर है, उनके लिए भी ये औषधि गजब का कार्य करती है. साथ ही इसकी एक ख़ास बात ये है
कि इसका प्रयोग 5 वर्ष के बच्चे से लेकर 100 वर्ष तक का कोई भी व्यक्ति कर सकता
है.
· स्मृति भ्रंश ( Alzimar’s Diseases ) : ये रोग बुढापे का रोग है इसमें व्यक्ति अपनी कही
बात या कार्य को भूल जाता है, कुछ समय बात उसे बात याद आ
जाती है तो अगले ही कुछ समय बात वो फिर से बात को भूल जाता है. किन्तु इस रोग से
छुटकारा पाने के लिए इस औषधि का प्रयोग किया जा सकता है.
· नशा छुड़वाये ( Make you Leave Addiction ) : अगर नशा करने वाला आदमी इसका प्रयोग करे तो
अवश्य ही उसका मन नशे की लत से दूर हो जाता है, साथ ही उसका
शरीर भी नशे के प्रभाव से बाहर आने लगता है.
Malkangani Increases Enthusiasm |
· डिप्रेशन दूर करे ( Removes Addiction ) : डिप्रेशन
या अवसाद के लिए तो इसे रामबाण इलाज माना जाता है साथ ही ये भी कहा जाता है कि ये
तत्काल परिणाम देता है. मनोरोग के अनेक चिकित्सक भी इसी औषधि का प्रयोग करते है.
· इन्द्रियों को मजबूती दें ( Strengthen Senses ) : ऊपर बताये सभी लाभों के साथ ये हमारी सभी
इन्द्रियों जैसेकि नाक, कान आँख इत्यदि की शक्ति को बढ़ाकर
हमारे शरीर को पूर्ण करता है. खून को बनाकर व उसे शुद्ध करके ये शरीर की
कार्यक्षमता को बढाता है.
तेल प्रयोग करने की विधि
( How to Use
Malkangani Oil ) :
- इसका तेल लेने के लिए आप दिन में 1 बूंद से 10
बूंद तक प्रयोग कर सकते हो, किन्तु
ध्यान रहें कि शुरुआत 1 बूंद से ही करें और धीरे धीरे इसकी मात्रा बाधाएं.
- क्योकि तेल कडवा होता है तो उसे सीधा लें में आपको
संकोच होगा तो इसके लिए आप तेल की बूंदों को चम्मच में लेकर चाटें और ऊपर से दूध
पी जाएँ.
- एक अन्य तरीके के अनुसार आप इसकी 1 बूंद में 4
बूंद देशी घी या फिर बादाम रोगन मिलाकार भी ले सकते हो.
- ध्यान रहें कि इसे अपनी क्षमता से अधिक ना लें
क्योकि ये शरीर में गर्मी पैदा करता है.
च्यवनप्राश से भी बेहतर टॉनिक मालकंगनी |
बीज लेने की विधि ( How to Use Malkaangani Seeds ) :
- इसके बीजों का प्रयोग करने के लिए आप 1 से 30 बीज
खा सकते हो. अर्थात जिस दिन आप इसका बीज लेना आरम्भ करें उस दिन दूध के साथ 1 बीज
लें अगले दिन दूध के साथ 2 बीज लें, उससे अगले दिन 3, फिर 4 और इस
तरह हर दिन के साथ 1 बीज बढाते जाए.
- अगर आपको शरीर में अधिक गर्मी का अनुभव हो तो आप
बीजों की मात्रा को कम कर सकते हो.
आप ना प्रयोग करें
मालकांगनी ( For Them
Malkangani is Prohibited ) :
वे लोग जिन्हें एनीमिया, थेलिसिमिया, नव विवाहित, पेट में अल्सर से पीड़ित, किडनी रोगों से ग्रस्त, मुहँ में छाले वाले व्यक्ति,
एक्जीमा, गर्भवती स्त्री ना तो इसके तेल का
प्रयोग करें और ना ही बीजों का.
मालकांगनी के अन्य स्वस्थ्य
लाभ और रोगों में इसके प्रयोग के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट
करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Buddhi Badhane Vaali Aushdhi |
च्यवनप्राश
से भी बेहतर टॉनिक मालकंगनी, Buddhi Badhane Vaali Aushdhi, Maalkangani, Malkangani ke Tel
or Beejon ka Prayog Vidhi
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It is learnt that in Malkangini ke beejon ko pees kar doodh me ubaal kar paste banaao aur uss paste ko ghutno par lagaane se ghutno ke dard me aaraam milta hai....please confirm if this is true
ReplyDeleteMaalkanghni ke beez kis samay khane chahiyen
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