33 घंटे में जिन्दा हो उठी लड़की ..! आयुर्वेद के
चमत्कार से
दोस्तों, आयुर्वेद हम क्यों अपनाये क्योंकि आयुर्वेद अपनाएँ मतलब स्वास्थ्य अपनाएँ, आयुर्वेद का साथ स्वास्थ्य से इतना गहरा है की ये मरे हुओं को जीवन भी
प्रदान कर सकता है. जी हाँ, आयुर्वेद ने ऐसे भी चमत्कार किये
है कि मृत व्यक्ति भी फिर से जीवित हो उठे है और आज की इस विडियो में हम आपको
आयुर्वेद के एक ऐसे ही चमत्कार के बारे में बताएँगे जिसको जानकार हैरान रह जाओगे
आप और मान जाओगे कि आयुर्वेद ने एक बार फिर मेडिकल साइंस को चारों खाने चित्त कर
दिया है. तो ये जानने के लिए बस देखते रहिये इस विडियो को ध्यान से. CLICK HERE TO KNOW जलजमनी के औषधीय प्रयोग ...
33 Ghante mein Jinda Ho Uthi Ladki..! Aayurved ke Chamatkar se |
घटना है मध्यप्रदेश के टीकमगढ जिले की विधानसभा पृथ्वीपुर के विधायक श्री विजेंद्र सिंह राठौर से जुडी हुई. दरअसल उनके भाई श्री कृष्णपाल सिंह राठौर की 23 साल की एक पुत्री है कृतिका. जो अपनी हायर स्टडी के लिए अमेरिका जाने वाली थी, जिसके लिए उन्होंने अमेरिका जाने से 6 महीने पहले ही मेडिकल चेकअप भी करा लिया था जिसमें वे पूरी तरह से स्वस्थ पायी गयी. लेकिन कुछ दिन बाद अचानक ही उनके सिर में दर्द होने लगा और जब उनकी जांच करायी गयी तो कृतिका को ब्रेन ट्यूमर मिला.
जैसे ही घर में ये बात
पता चली तुरंत कृतिका को दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया जहाँ
दिल्ली और अमेरिका के कई स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की देखरेख में कृतिका का इलाज आरम्भ
हुआ. 3 बार तो कृतिका का ऑपरेशन भी किया गया किन्तु ऑपरेशन के बाद कृतिका कोमा में
चली गई जिसके बाद मेडिकल साइंस ने अपने हाथ उठा लिए.
कृतिका के परिवार वाले उसके
उपचार की हर संभव कोशिश कर रहे थे और उनकी यही कोशिश उन्हें आयुर्वेद के पास ले
गयी और उन्हें पता चला कि हिमालय क्षेत्र में एक प्रसिद्द वैद्य जोशी जी रहते है
जो मरीजों की इस गंभीर स्थिति में उपचार करने के विशेषज्ञ है. कृतिका के परिजन
बिना समय गवाए उनके पास पहुंचे लेकिन तब तक डॉक्टर्स कृतिका को मृत घोषित कर चुके
थे. ये बात सुनकर कृतिका के घर में मातम छा गया और उसके अंतिम संस्कार की
तैयारियां शुरू हो गयी.
उसी वक़्त वैद्य जोशी जी
भी हॉस्पिटल में पहुँच गये ( उन्हें विमान से हॉस्पिटल लाया गया था ). वैद्य जी ने
कृतिका की नब्ज देखि, कुछ
आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से कुछ देर तक कृतिका का उपचार किया और फिर कहा कि 6 घंटे
के बाद कृतिका का शरीर फिर से हलचल करने लगेगा. वैद्य जी की बात सुनकर कृतिका के
परिवार वालों ने 6 घंटे तक हॉस्पिटल में ही इंतजार किया लेकिन कोई हलचल नहीं हुई. CLICK HERE TO KNOW रोगों को दूर कर ताकत देने वाले नुस्खे ...
33 घंटे में जिन्दा हो उठी लड़की ..! आयुर्वेद के चमत्कार से |
अंत में निराश होकर सब, कृतिका के शरीर को मृत समझकर उसके साथ उसके घर टीकमगढ के लिए रवाना हो गये. लेकिन झांसी के करीब कृतिका के शरीर में फिर से हलचल आरंभ हो गयी और उसे झांसी के थ्री जी हॉस्पिटल में ली जाया गया जहाँ डॉक्टर्स ने बताया कि कृतिका की नशे तो चल रही है और वो जीवित भी है.
इस खबर को सुनकर कृतिका
के शोक में डूबे परिजन फिर से ख़ुशी से झूम उठे. उसके बाद कृतिका का फिर से उपचार
आरम्भ हुआ और उसके शरीर ने तेजी से रिकवर होना शुरू कर दिया और वो शीघ्र ही पूरी
तरह से स्वस्थ भी हो जायेगी.
तो दोस्तों इस तरह आयुर्वेद
ने इस तरह एक बार फिर मेडिकल साइंस को धुल चटाई और फिर साबित कर दिया कि भारत की
रसोई तक मौजूद आयुर्वेद से बेहतर कोई भी चिकित्सा पद्धति नहीं हो सकती क्योकि
आयुर्वेद ही हर रोग को जड़ से खत्म करता है और मृत में जीवन फूँकने की क्षमता रखता
है.
आयुर्वेद के अन्य चमत्कारों के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
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