त्राटक कर्म एक ऐसी क्रिया है जिसे करना अत्यंत कठिन है. आँखों की रौशनी बढ़ाने
के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण क्रिया है. इसका अर्थ है अपलक निहारते रहना, अर्थात
जब हम किसी व्यक्ति को बिना आँख बंद किये देखते हैं या वस्तु या लक्ष्य को पलकें
झुकाए बिना देखते हैं या उस पर निशाना लगाते हैं तो यह प्रक्रिया त्राटक कर्म
कहलाती है. अगर हमें आँखों की रोशनी बढ़नी है तो यह क्रिया अत्यंत लाभकारी है. जो
व्यक्ति या महिलायें सम्मोहन क्रिया के बारे में जानतें हैं उन्हें इसका अच्छा
आभास होता है. इस प्रक्रिया के लिए बहुत ही अधिक ध्यान केन्द्रित करने की जरुरत होती है.
विधि – इस विधि में सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है की एक कमरा होना चाहिए जो
अन्धकार से परिपूर्ण हो अर्थात कमरे में अँधेरा ही अँधेरा होना चाहिए. उस कमरे में
पदमासन की मुद्रा में बैठ जाइये. जहाँ पर हम बैठें हैं उससे लगभग डेढ़ मीटर की दूरी
पर पर एक मोमबत्ती या घी का दीपक रखें. एक बात इसमें यह
महत्वपूर्ण है कि हम जो दीपक रखेंगे उसकी ऊंचाई और हमारे आँख की ऊंचाई समान
होनी चाहिए, जरा सा भी ऊपर या नीचे होने
पर यह प्रक्रिया व्यर्थ होगी. अतः हमें इसमें सावधानी बरतने की जरुरत है. अब अपनी
आँखों को खुली रखकर दीपक की लौ पर टिकाएं. आप अपने पलक को तब तक न झपकने दें, जब
तक कि आप की आँखों से पानी न आने लगे. जब आप की आँखों से पानी आने लगे तब आप अपने
आँखों को बंद कर लें. तत्पश्चात कुछ समय बाद अपनी आँखों को खोल कर यह प्रक्रिया
दोहराएँ. यह परक्रिया तब तक दोहराएँ जब तक की आप की आँखों से केवल दीपक की लौ न
दिखने लगे. आप की कई कोशिश के बाद जब केवल दीपक की लौ आपको दिखने लगे तो समझिए आप
त्राटक में सफल हो गये हैं. यह प्रक्रिया कठिन है परन्तु इससे आप को लाभ होगा. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
त्राटक कर्म |
यह प्रक्रिया आत्मविश्वास के बिना असंभव
है इसके लिए ध्यान और एकाग्रता की आवश्यकता होती है. अतः यह क्रिया करने की लिए हम को एकाग्र होना पड़ेगा.
लाभ – इस प्रक्रिया को करने से हमें अनेक लाभ होते हैं-
1 – यदि हम यह प्रक्रिया करते हैं तो इससे हमारे नेत्र
रोग दूर होते हैं.
2 – इस प्रक्रिया को करने से आँखों की ज्योति बढती है जिससे हम
अपनी आँखों के कोई भी वस्तु अच्छे से देख सकते हैं.
3 – त्राटक कर्म से आँखों की तीव्रता बढती है, जिस कारण हम
वस्तुवों को दूर तक देख सकते हैं.
4 – इस क्रिया से मन की एकाग्रता बढती है तथा हमारे अन्दर
संकल्प शक्ति का विकास होता है.
5 – इस क्रिया द्वारा आध्यात्मिक चिंतन की शक्ति का विकास होता
है.
TRATAK KARM |
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tratak vidhi puri nahi hai isme kripya puri jankari dene ka kasht kare
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