गोरे व काले रंग के व्यक्तियों के स्वभाव में अंतर (Difference
Between Black And White Person’s Nature)
मनुष्य जाति में दो वर्ण के लोग पाए जाते हैं. जिन व्यक्तियों का शरीर का रंग
गोरा होता हैं. गोर वर्ण के कहलाते हैं तथा जिन लोगों का वर्ण काला,
गेंहुआ या सांवला होता हैं वो कृष्ण (काला) वर्ण के व्यक्ति कहलाते
हैं.
भारत के प्राचीन शास्त्रों में से एक समुद्र शास्त्र हैं. जिसमें
मनुष्य जाति के इन दोनों रंगों के व्यक्तियों के स्वभाव के बारे में विस्तार
पूर्वक वर्णन किया गया हैं. इसमें गोर वर्ण के व्यक्तियों को दो रंगों में विभाजित
किया गया हैं. जिसका वर्णन नीचे किया हैं -
1. गुलाबी रंग (Pink Colour) - समुद्र शास्त्र के अनुसार गोरे
रंग के लोगों में से कुछ लोग ऐसे होते हैं. जिनमें लाल व सफ़ेद रंग का मिलाजुला
मिश्रण होता हैं. जिससे एक नए वर्ण गुलाबी रंग की उत्पत्ति होती हैं.
समुद्र शास्त्र के अनुसार गुलाबी वर्ण के लोग निम्नलिखित स्वभाव के होते हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT हाथ मिलाकर जाने सामने वाले का व्यक्तित्व ...
Gore Or Kale Rang ke Vyakti ke Vyavahar mein Antar Bhed |
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समुद्र शास्त्र के अनुरूप ऐसे लोग मृदु स्वभाव अर्थात
अत्यंत नम्र, कोमल स्वभाव के होते हैं.
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ये बुद्धिमान अर्थात कुशाग्रबुद्धि के होते
हैं.
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ये परिश्रमी, रजोगुण से सम्पन्न होते हैं तथा इन्हें
पुस्तकों का अध्ययन करना अधिक अच्छा लगता हैं.
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ऐसे व्यक्ति विचरण प्रेमी होते हैं.
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गुलाबी वर्ण के लोग दिखने में बहुत ही आकर्षक होते हैं.
इसलिए ये लोगों को अपनी ओर आसानी से आकर्षित कर लेते हैं.
2. पिंगल वर्ण (Pingal Colour)– पिंगल वर्ण के व्यक्तियों
में लाल व पीले दो रंगों का मिश्रण पाया जाता हैं. इसलिए ऐसे व्यक्तियों को
पिंगल वर्ण के लोगों में सम्मिलित किया जाता हैं.
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समुद्र शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बहुत ही धैर्यवान,
गंभीर तथा परिश्रमी होते हैं.
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इनमें सौम्यता अधिक होती हैं तथा ये भी रजोगुण से
समृद्ध होते हैं.
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ऐसे व्यक्ति दूसरों से कुछ ही समय में घुल – मिल जाते हैं.
अर्थात ये व्यवहार कुशल होते हैं.
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लेकिन ऐसे लोगों में रक्त से सम्बन्धित रोग अधिक
होते हैं. जिससे ये हमेशा बीमार रहते हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT चेहरा देखकर भविष्य बताना समुद्र शास्त्र ...
गोर व काले लोगों के गुण |
काले वर्ण के व्यक्तियों का स्वभाव ( Nature of Black Persons )
समद्र शास्त्र में यह उल्लेख किया गया हैं कि सांवले वर्ण के
व्यक्तियों की संख्या संसार में सर्वाधिक हैं. इन्हें पूर्ण रूप से काले नहीं होते
लेकिन क्योंकि इनमें लाल व सफेद रंग का मिश्रण होता हैं. इसलिए इन्हें आम
बोलचल की भाषा में काला ही कहा जाता हैं.
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समुद्र शास्त्र में काले वर्ण के लोगों के बारे भी विस्तार
से विवेचना की किया गया हैं. इसमें कहा गया हैं कि जिन व्यक्तियों के नेत्र,
शरीर की त्वचा, होठ, जीभ, तालु, रोम, बाल आदि काले रंग के हो. ऐसे व्यक्ति
ज्यादातर निम्न वर्ग के होते हैं अर्थात ऐसे व्यक्ति गरीब, निर्धन
होते हैं.
काले हुए तो क्या हुआ |
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इस वर्ण के लोग स्वभाव से निर्भीक, सभी की बातों को
मानने वाले होते हैं.
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ये अपने वादों को जीवन के अंत समय तक पूरी निष्ठा के साथ
निभाते हैं.
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ये अपने मालिकों के प्रति ईमानदार होते हैं.
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इन लोगों में विश्वसनीयता अधिक होती हैं.
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ये एक अच्छे मार्गदर्शक तथा प्यार में बलिदान
देने वाले अर्थात बिना कुछ सोचे – समझे सब कुछ न्योछावर करने वाले होते हैं.
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काले वर्ण के व्यक्तियों में रजोगुण की मुख्य रूप से
प्रधानता पाई जाती हैं तथा इनमें तमोगुण गुण की हल्की सी प्रवृति विद्यमान होती
हैं.
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ऐसे व्यक्ति सामान्य रूप से बुद्धिमान, धनी, थोड़े सुस्त,
अस्थिर प्रवृति के होते हैं.
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इनमें अध्ययन, चिंतन तथा मनन की रूचि भी कम
परिलक्षित होती हैं.
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समुद्र शास्त्र में इनके प्रेम पूर्ण व्यवहार को अधिक
विश्लेषित करते हुए यह बताया गया हैं कि इनके प्यार में धूप से गर्मी तथा चंद्रमा
की शीतल किरणों की शीतलता पाई जाती हैं.
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कुछ विद्वानों के अनुसार जो व्यक्ति सफेद व पीले रंग के
मिश्रण से युक्त होते हैं तथा जिनके नाखून, होठ, तालु, जीभ का रंग लाल
होता हैं. से लोग धन की दृष्टि से समृद्ध, सौभाग्यशाली तथा उदार होते हैं.
गोरे व काले रंग के व्यक्तियों के गुणों के बारे में अधिक जानने के लिए आप नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हैं.
Kaale Huye to Kya Hua |
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