नागा साधू ( Naaga Saadhu )
कैसा लगे अगर आपसे कोई दीक्षा लेने से पूर्व खुद का ही पिंड दान करने को
कहे? जी हाँ, एक नागा साधू को दीक्षा लेने से पूर्व ही अपना पिंड दान
व श्राद्ध करना पड़ता है. देखने में भले ही नागा साधू आपको किसी आम साधू जैसे लगें
पर इनकी तालीम सेना के किसी जवान से भी ज्यादा जोखिम भरी होती है. जिस प्रकार
पुराने समय में राजा महाराजा अपने किलों की रक्षा के लिए सेनायें व सैनिक तैयार
किया करते थे, ठीक उसी तरीके से नागा साधुओं को भी रक्षक के तौर पर तैयार किया
जाता था और इसीलिए उनकी तालीम ही कुछ ऐसे तरीके से होती थी कि उन्हें किसी
सांसारिक सुख का मोह ना रहे व वे किसी की रक्षा के लिए अपनी जान देने तक को तत्पर
रहें. आइये आज जानते हैं कुछ रोचक तथ्य इन साधुओं की ज़िन्दगी के बारे में जिन्हें
सुन कर आप दांतों तले उंगलियाँ दबा लेंगे. CLICK HERE TO KNOW ABOUT आदि गुरु शंकराचार्य जयंती ...
Naagashadhu or Unki Jeevanshaili |
· ब्रह्मचार्य व्रत का पालन (They Have To Stay A Bachelor) :
नागा साधू बनने के लिए एक व्यक्ति को कड़े नियमों का पालन
करना पड़ता है. इनमे से पहला नियम है ब्रह्मचर्य व्रत का पालन. इसका मतलब ये कि
नागा साधू कभी किसी स्त्री का मोह नहीं करेगा व आजीवन ब्रह्मचर्य की तरह जीवन
व्यतीत करेगा.
· मोह-माया का त्याग (They Have To Leave Every Material Thing) :
नागा साधू बनने के लिए अखाड़े में दाखिला लेने की दूसरी
शर्त है मोह माया का त्याग. इसका मतलब ये कि एक नागा साधू सांसारिक मोह - माया की
किसी भी वास्तु का उपभोग नहीं करेगा. उसकी दुनिया केवल अखाड़े के नियमों तक सीमित
होगी. यहाँ तक कि कई नियम तो किसी को प्रणाम करने से भी सम्बंधित हैं. CLICK HERE TO KNOW इच्छाप्राप्ति के लिए अप्सरा साधना ...
नागा साधू और उनकी जीवनशैली |
· खुद का पिंड दान व श्राद्ध (Own Donation and Memorial Rituals) :
एक नागा साधू को खुद का पिंड दान व श्राद्ध भी करना पड़ता
है. श्राद्ध उस व्यक्ति का किया जाता है जो मर चुका हो. नागा साधुओं का श्राद्ध
करने से तात्पर्य होता है कि अब उनके परिवार से उनका कोई सम्बन्ध नहीं रह गया और
अब उनकी दुनिया महज दुसरे नागा साधुओं तक सीमित रहेगी.
· पुराने वस्त्र त्याग कर नए वस्त्र अपनाना (New Clothes With A Changed Soul) :
ठीक जिस तरह किसी व्यक्ति के मरने के बाद उसका श्राद्ध
कर देने का मतलब होता है कि अब उसकी आत्मा एक शरीर रूपी वस्त्र त्याग कर नए शरीर
रुपी वस्त्र को अपना लेगी, ठीक उसी तरह अपना श्राद्ध कर देने के बाद एक नागा साधू
कभी अपने शरीर पर वस्त्र नहीं पहन पाता. उनका वस्त्र केवल राख व भस्म होता है व
उनकी माला केवल रुद्राक्ष.
Naagashadhu and Their Lifestyle |
· जमीन पर सोना (To Sleep On Earth) :
जिस प्रकार एक आम इन्सान बिस्तर व गद्दे पर सोता है, ठीक
उसके विपरीत एक नागा साधू कभी बिस्तर या गद्दे पर नहीं सोता. एक नागा साधू केवन
जमीन पर सिर रखकर सोता है और चूँकि वो मोह माया का त्याग करने के बाद एक नागा साधू
बनता है, वो किसी गद्दे या बिस्तर का इस्तेमाल भी नहीं कर सकता.
· केवल एक वक्त का खाना (Food, Only Once A Day) :
नागा साधू दिन व रात मिलाकर केवल एक वक्त भोजन करते हैं.
उनकी तालीम व रेहन सहन के तरीके बहुत कड़ी होती है
· तहकीकात से चुनाव (Chosen With Inspection) :
किसी भी नागा साधू का चुनाव करते वक्त कड़ी परीक्षा ली
जाती है. तहकीकात घर से शुरू होती है जहाँ ये तक जांचा जाता है कि चुना गया व्यक्ति
ब्रह्मचर्य का पालन कर भी पायेगा या नहीं.
नागा साधु बनना बड़ा कठिन मार्ग |
· गुप्तांग निष्क्रिय (Make Passive Private Parts) :
एक नागा साधू का गुप्तांग भी ये सोच कर निष्क्रिय कर
दिया जाता है कि उसका किसी भी स्त्री में मोह नहीं रहना चाहिए. अखाड़े के ध्वज के नीचे
उस व्यक्ति को खड़ा रहने के लिए कहा जाता है व साथ ही एक साधू उसी ध्वज के नीचे
झटका देकर उसके गुप्तांग को निष्क्रिय कर देता है.
नागा साधू बनने, उनके रहन सहन के तरीके या उनके संबंध में अधिक जानने के
लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
नागा साधू |
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